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गंगा जमना स्कूल में मस्जिद जाने का गुप्त रास्ता, लिखी हैं आयतें

दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब, नमाज और कुरान पढ़ाने का मामला सामने आने के बाद एक और खुलासा हुआ है। मध्यप्रदेश बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को सौंपी रिपोर्ट में स्कूल के अंदर से मजिस्द जाने का गुप्त रास्ता होने का उल्लेख किया। यह स्कूल प्रबंधन ने मस्जिद जाने के लिए बनवाया है।
यह रास्ता 20 मीटर लंबा है, जो मस्जिद के सामने खुलता है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए कहा है। आयोग ने स्कूल के लोगो पर भी सवाल खड़ा किया है। इसमें भारत का नक्शा आधा दिखाया है। राज्य बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के सदस्य ओंकार सिंह के मुताबिक स्कूल के अंदर अनेक खामियां हैं। इनके दस्तावेज हाथ लगे हैं। इनमें हर दस्तावेज महत्वपूर्ण है। कुछ ऐसे इकरारनामा भी हैं, जो जांच का विषय हैं। जो रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को भेजी, उसमें बताया गया है कि स्कूल के अंदर बने गुप्त रास्ते के जरिये स्कूल से मजिस्द आना-जाना होता है। स्कूल में कई जगह पर आयतें भी लिखी हैं। मामला सामने आने के बाद इन्हें पेंट करवाकर छिपाने की कोशिश की गई है।
मान्यता मुझे नहीं कमिश्नर को रद्द करना है- कलेक्टर मयंक श्रीवास्तव का कहना है कि जांच समिति ने अपना प्रतिवेदन अभी प्रस्तुत नहीं किया है। स्कूल की मान्यता रद्द करने का अधिकार मेरे पास नहीं, बल्कि स्कूल शिक्षा विभाग के जेडी और कमिश्नर के हाथ है।

एफआईआर के बाद इन लोगों की पड़ताल
पुलिस ने स्कूल के तीन छात्रों के बयानों के आधार पर प्रबंधन समिति के 11 सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295ए, 506 आइपीसी एवं जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
11 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात कही जा रही है। एसपी राकेश सिंह ने बताया कि कमेटी के सदस्यों में अध्यक्ष मोहम्मद इदरीश, प्राचार्य अफ्सरा शेख, सह प्राचार्य ज्योति बिरमानी, अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद रियाज, मुस्ताक भाई, शैलेंद्र जैन, शिवदयाल दुबे, मो. फरीद, मो. इरफान, मो. शाहिद, मो. दानिश शामिल हैं। इनकी जांच होना बाकी है।

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