हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक महान राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ पर इंदौर में जिजामाता (तीन पुलिया) चौराहे पर सर्व मराठी भाषी संघ के उपक्रम मध्यप्रदेश के प्रथम एवं पारंपरिक श्री स्वर ध्वज पथक के द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य एवं दिव्य चित्र बनाया गया, जो कि इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है। हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक मराठा योद्धा 6 जून, 1674 को रायगढ़ किले में सिंहासन पर चढ़े और छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में जाने गए।
4 दिन की मेहनत के बाद तैयार हुआ दिव्य चित्र- नवनिर्मित जिजामाता चौराहे पर बने दिव्य छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। श्री स्वर पथक की टीम ने चित्र बनाने के लिए दिवाली पर उपयोग किये गए दीयों को लोगों के घरों से एकत्र किया और लोगों को वेस्ट मैनेजमेंट का संदेश दिया। मिट्टी के 25000 दीयों को अलग-अलग रंगों से रंगा गया, जिसमें लगभग टीम के 50-60 बच्चों की मेहनत से 4 दिनों में छत्रपति शिवाजी महाराज के दिव्य भव्य चित्र को तैयार किया, जो लगभग 1500 स्क्वेयर फीट में बनाई गई है। चित्र को बनाने वाले कलाकार 3 वर्ष से लेकर 35 वर्ष तक उम्र के हैं, जिनमें से अधिकतर स्कूल के स्टूडेंट्स हंै एवं इस तरह की कला को भव्य रूप देने के लिए किसी भी तरह की प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली गई। स्वाति युवराज काशिद (अध्यक्षा सर्व मराठी भाषी संघ) ने बताया कि जहां एक ओर आज का युवा नशे की ओर आकर्षित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर हम श्री स्वर पथक के माध्यम से युवाओं और बच्चों को भारतीय संस्कृति एवं इतिहास से अवगत करवा रहे हैं, जिससे युवाओं को सही दिशा मिले।