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आईटीसी के जीएसटीआर 2-ए से मिलान नहीं होनेपर मिलने वाले नोटिस विधिसम्मत नहीं….

इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के मिलान नहीं होने पर लगभग सभी करदाताओं को विभाग ने नोटिस जारी किए हैं। इनका मिलान नहीं होने पर ब्याज व पैनल्टी के भी नोटिस दिए जा रहे हैं। इन नोटिस की वैधता और सरकार द्वारा इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों पर चर्चा के लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन व आईसीएआई इंदौर शाखा द्वारा सेमिनार का आयोजन शुक्रवार को किया गया। मुख्य वक्ता सीए सुनील पी. जैन ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियमों की व्याख्या करते हुए कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तब कुछ व्यवस्थाएं प्रस्तावित थीं, जो कभी लागू ही नहीं हुईं। मुख्य तौर से आईटीसी के लिए एक अलग से फॉर्म जारी किया गया, परंतु वह कभी पोर्टल पर उपलब्ध ही नहीं हुआ। सरकार द्वारा जीएसटीआर 2ए भी अक्टूबर-2019 में जारी किया गया। तब यह कहा गया कि यह व्यापारी की सुविधा है और इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है। 1 जनवरी, 2022 से सरकार द्वारा एक नए फॉर्म जीएसटीआर 2बी जारी करके इससे मिलान करना आवश्यक करके ही आईटीसी मान्य करने का नियम लागू कर दिया, यानि इस तिथि के पूर्व के समय के आईटीसी के जीएसटीआर 2ए से मिलान नहीं होने पर दिए जा रहे नोटिस विधिसम्मत नहीं हैं।

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