हिन्दुस्तान मेल, संजय सोनी
भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के कारण बीजेपी सरकार में तो आ गई, तब से अब तक महाराज भाजपा और नाराज भाजपा को लेकर सीएम शिवराज और प्रदेश संगठन टेंशन में है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से मचे तूफान को लेकर डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा ने कुछ हद तक बुजुर्ग नेताओं, सिंधिया समर्थकों और पदाधिकारियों के बीच चल रहे मनमुटाव और विरोध को तो शांत कर लिया, लेकिन अब भाजपा के गढ़ बुंदेलखंड में तीन कैबिनेट मंत्रियों के बीच में मची रार से सरकार और भाजपा की नींद उड़ गई। जैसे ही मामला दिल्ली आलाकमान तक पहुंचा दिग्गज नेताओं का भोपाल आकर सीएम हाउस में मंथन शुरू हो गया। भाजपा के स्तंभ रहे बुजुर्ग नेता, पूर्व मंत्रियों ने सिंधिया को लेकर पहले और अभी तक सवाल खड़े किए हैं। शिवराज सिंह नाराज नेताओं को मनाने में कुछ हद तक सफल भी रहे, लेकिन बुंदेलखंड के तीन मंत्रियों में वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई इससे पूरा भाजपा कुनबा हिल गया। ग्वालियर चंबल में भी नाराजगी सामने आ चुकी है। सांसद केपी यादव ने कल फिर खुलकर बयान दिया।
सिंधिया को हराने वाले सांसद यादव का दर्द
दो दिन पहले गुना संसदीय क्षेत्र के कोलारस में यादव समाज का संवाद कार्यक्रम था। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल थे, लेकिन यादव समाज के होने के बावजूद क्षेत्र के सांसद केपी यादव को इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया। इसे लेकर उनका दर्द छलका। उन्होंने कहा ये गलत है, इससे गलत संदेश जाता है। ये किसी का षड्यंत्र रहा होगा। सांसद केपी यादव ने कहा ये कार्यक्रम मेरी जानकारी में नहीं है। कुछ वीडियो के जरिए पता चला कि इस तरह का कार्यक्रम हुआ था। कार्यक्रम जिसने भी कराया, उससे अच्छा संदेश नहीं जाता। हमें समाज को जोड़ने की राजनीति करनी चाहिए, न कि तोड़ने की।