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Sudan Conflict: सूडान में फंसे भारतीयों का कवच बना ‘ऑपरेशन कावेरी’, INS सुमेधा में सवार होकर 278 लोगों का जत्‍था जेद्दाह रवाना

Sudan Conflict Operation Kaveri: सूडान में चल रहा गृह युद्ध थमता नहीं द‍िख रहा है. ऐसे में सूडान में फंसे अपने भारतीय नागर‍िकों को सकुशल वापसी के ल‍िए भारत पूरे जोर शोर से जुटा है. भारत ने ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान में फंसे लोगों के पहले जत्‍थे को रवाना क‍िया है. पहले जत्‍थे में 278 लोग हैं जोक‍ि सूडान पोर्ट से जेद्दाह के ल‍िए आईएनएस सुमेधा में सवार होकर रवाना हो गए हैं.

सूडान (Sudan Conflict) में चल रहा सेना और अर्द्धसैन‍िक बलों का संघर्ष फ‍िलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में भारत सूडान में फंसे अपने नागर‍िकों की सकुशल वापसी में जुटा है. म‍िस्र, फ्रांस और दूसरे देशों की मदद से इन सभी फंसे हुए यात्र‍ियों को न‍िकालने के काम में जुटा है. फ्रांस ने भी हिंसाग्रस्त सूडान से निकासी अभियान के तहत कुछ भारतीय नागरिकों समेत 28 देशों के स‍िट‍ीजंस को सकुशल बाहर निकालाने काम क‍िया है. वहीं अब भारत ने भी ऑपरेशन कावेरी (Operation Kaveri) के तहत सूडान में फंसे लोगों के पहले जत्‍थे को रवाना क‍िया है. पहले जत्‍थे में 278 लोग हैं जोक‍ि सूडान पोर्ट से जेद्दाह (Jeddah) के ल‍िए आईएनएस सुमेधा (INS Sumedha) में सवार होकर रवाना हो गए हैं…

भारत के व‍िदेश मंत्रालय के आध‍िकार‍िक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर जानकारी दी गई क‍ि आईएनएस सुमेधा से 278 लोगों को सूडान पोर्ट से जेद्दाह के ल‍िए रवाना कर द‍िया गया है. यह सभी भारतीय सूडान में फंसे हुए थे.

बताते चलें क‍ि सूडान के स‍िव‍िल वॉर में अब तक 413 से ज्‍यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, 3,551 से ज्‍यादा लोग इस संघर्ष में घायल हो गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सभी आंकड़ों की पुष्‍ट‍ि की है. इस संघर्ष में कम से कम 9 बच्चों के मारे जाने और 50 से अधिक के घायल होने की सूचना भी मिली है. ऐसे में यहां पर फंसे भारतीय नागर‍िकों को सुरक्ष‍ित न‍िकालने की योजना बनाई गई है.

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तारिक फतेह का निधन दिल में ही रह गई आम हिंदुस्‍तानी नागरिक बनने की चाहत

जाने-माने लेखक तारिक फतेह का सोमवार को निधन हो गया। वह 73 साल के थे। पाकिस्‍तान में वह पैदा जरूर हुए, लेकिन हिंदुस्‍तान उनके दिल में बसता था। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे हिस्‍सों में भी चर्चा के दौरान तारिक हिंदुस्‍तान का पक्ष रखते थे। ऐसा नहीं है कि तारिक भारत की खामियां नहीं गिनाते थे। लेकिन, जब वह ऐसा करते थे तो वाकई लगता था कि कोई अपना ही बिल्‍कुल सही बात कह रहा है। तारिक खुलकर कहते थे कि वह पाकिस्‍तान में पैदा हुए भारतीय हैं। हिंदुस्‍तान में तारिक के प्रशंसकों की बड़ी संख्‍या थी। हर मुद्दे पर वह खुलकर राय रखते थे। इसमें किसी तरह की मिलावट नहीं होती थी। जिस तरह तारिक अपनी बातों को कहते थे, उसमें यह दिखता था।
उनकी बेटी नताशा ने पिता के निधन की जानकारी दी। नताशा ने लिखा, ‘पंजाब के शेर, हिंदुस्‍तान के बेटे, कनाडा के प्रेमी, सच बोलने वाले, न्याय के लिए लड़ने वाले, शोषितों की आवाज तारिक फतेह अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका काम और उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।’

खुद का परिचय इस तरह देते थे तारिक
वह अपना परिचय पाकिस्‍तान में पैदा हुए भारतीय के तौर पर देते थे। वह कहते थे, मैं पाकिस्तान में पैदा हुआ भारतीय हूं। इस्लाम में जन्मा पंजाबी हूं। एक मुस्लिम चेतना के साथ कनाडा में एक अप्रवासी हूं। एक मार्क्सवादी मार्गदर्शित युवा हूं। हालांकि, तारिक फतेह की भारतीय नागरिक बनने की चाहत अधूरी रह गई। वह भारतीय नागरिक नहीं बन सके। यह और बात है कि उनका काफी समय भारत में बीतता था। भारतीय न्‍यूज चैनलों पर चर्चाओं में वह अक्‍सर दिखते थे। भारत में उनके चाहने वालों की कमी नहीं थी। अब उन्‍हें वह बेबाक आवाज नहीं सुनाई देगी।
अगर तारिक फतेह खुद को पाकिस्‍तान में पैदा हुआ भारतीय कहते थे तो उसकी एक वजह थी। उनका परिवार मुंबई का रहने वाला था। 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद उनका परिवार कराची में जाकर बस गया। 20 नवंबर, 1949 को कराची में तारिक का जन्म हुआ था।

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India Vs China Population 2023: चीन नहीं अब भारत है दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश, इस आंकड़े ने चौंकाया…..

India Vs China: सदियों से चीन ही आबादी के लिहाज से दुनिया में पहले नंबर पर था. मगर, अब उसका तिलिस्म तोड़ दिया है भारत ने. जानिए अब किस देश में कितनी जनसंख्या है और चीन को हमने कैसे पछाड़ा…

India Overtake China in Population: दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश अब चीन (China) नहीं है, बल्कि अपना देश भारत (India) है. इस साल की शुरूआत में ही ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया था कि 2023 में सबसे ज्यादा भारत में होगी, और अब इस पर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) के नवीनतम आंकड़ों ने मुहर लगा दी है….

संयुक्त राष्ट्र (UNFPA) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है. भारत में अब चीन की तुलना में 20 लाख से ज्यादा लोग हैं, और इस देश की आबादी बढ़ते-बढ़ते 140 करोड़ के पार पहुंच गई है. चीन में बच्चे पैदा करने की दर कम हुई है, और वो इस साल माइनस में दर्ज की गई…

यूनाइटेड नेशंस की संस्था ने जारी किए ताजा आंकड़े
UNFPA की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023’, जिसे ‘8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज: द केस फॉर राइट्स एंड चॉइस’ के टाइटल से जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि अब भारत की जनसंख्या 1,428.6 मिलियन है, जबकि चीन की जनसंख्या 1,425.7 मिलियन है. यानी दोनों की जनसंख्या में 2.9 मिलियन का अंतर हो गया है. रिपोर्ट में ताजा आंकड़े ‘डेमोग्राफिक इंडिकेटर्स’ की कैटेगरी में दिए गए हैं.

पहली बार भारत की जनसंख्या चीन से ज्यादा हुई
संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या डेटा रिकॉर्ड में यह पहली बार है कि भारत की जनसंख्या 1950 के बाद से चीन से ज्यादा दर्ज की गई है, दरअसल संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 1945 में खत्म हुए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई थी और 1950 संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या डेटा एकत्र करना और जारी करना शुरू किया था. संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या के 1950 से 2023 तक के चार्ट और तालिका पर नजर डालें तो भारत की आबादी कुछ इस तरह से बढ़ी-

  1. अब यानी कि 2023 में भारत की जनसंख्या 1,428,627,663 है, जो 2022 से 0.81% अधिक है.
  2. 2022 में भारत की जनसंख्या 1,417,173,173 थी, जो 2021 से 0.68% अधिक रही.
  3. 2021 में भारत की जनसंख्या 1,407,563,842 थी, जो 2020 से 0.8% अधिक रही.
  4. 2020 में भारत की जनसंख्या 1,396,387,127 थी, जो 2019 से 0.96% अधिक रही…

भारत के पास दुनिया में सबसे ज्यादा युवा भी हैं
UNFPA की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 25% आबादी 0-14 आयु वर्ग में है, यहां 10-19 साल तक की आयु के लोग 18% हैं, 10-24 साल तक के लोग 26% हैं, 15-64 साल तक के लोग 68% और 65 से ऊपर के लोग 7% हैं.

चीन में जन्म दर तो घटी ही, और बुजुर्ग ज्यादा हो गए
वहीं, चीन को देखें तो वहां संबंधित आंकड़े 17%, 12%, 18%, 69% और 14% हैं. वहां 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग लगभग 20 करोड़ हो गए हैं. कुछ दशक पहले चीनी सरकार ने 1 बच्चे वाली नीति लागू कर दी थी, जिसका खामियाजा वहां की सरकार को इस तरह भुगतना पड़ा कि लोगों ने बच्चे पैदा करना छोड़ दिया.

खूब कोशिश कर रही चीनी सरकार, नहीं बढ़ रही आबादी!

अब हालात ये हैं कि चीनी सरकार कहती है कि जो जोड़े 2 या 2 से ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे तो उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी. यहां तक कि कई कॉलेजों ने ऐसी घोषणा कर दी कि युवा लड़के-लड़कियां कम से कम 15 दिन के ‘स्प्रिंग ब्रेक’ पर जाएं ताकि प्यार में पड़ सकें और घर बसाकर बच्चे पैदा कर सकें.

इसी साल की शुरूआत में एक चौंकाने वाली खबर यह भी आई कि दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर रहा बीजिंग, जो कि चीन की राजधानी भी है, वहां आबादी बढ़ने के बजाए कम हो गई है. इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी को भी माना जा रहा है.

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