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मध्य प्रदेश

सूखा सावन : उड़ते बादल बढ़ा रहे हैं बेचैनी

अगस्त के 10 दिन बीत गए। सावन मास भी चल रहा है। रिमझिम फुहारें पड़ने की जगह भोपाल शहर में धूप चटक रही है। उड़ते बादल बेचैनी बढ़ा रहे हैं। मानसूनी हलचल थम गई है। इधर, शहर की कुल औसत बारिश का आंकड़ा भी लगातार घट रहा है। हालत यह है कि भोपाल शहर भी अब सामान्य से कम बारिश की श्रेणी में शुमार होते जा रहा है।
मौसम वैज्ञानिक अशफाक हुसैन ने बताया कि भोपाल शहर में अब तक 520.2 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य 644.2 मिमी से 20% कम है। 2017-18 के बाद इस साल ऐसी नौबत आई है। 2017 में 10 अगस्त तक 458.1 मिमी (28%कम) और 2018 में 486.1 मिमी बारिश (33% कम) हुई थी।
अगस्त में होनी थी औसत 110.8 मिमी – हुसैन ने बताया कि 1 अगस्त से 10 अगस्त तक भोपाल शहर में 110.8 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। अब तक सिर्फ 38.4 मिमी पानी गिरा है। अगस्त के 10 दिन की सामान्य बारिश से यह 72.4 मिमी कम है।
कोई स्ट्रॉन्ग सिस्टम ही नहीं- मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि अभी आसपास कोई स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं है। पूरी जुलाई में और अगस्त में मानसून रूठा ही रहा। बारिश कराने वाली रेखा (मानसून ट्रफ लाइन) हिमालय की तराई के नजदीक पहुंच गई है। इस कारण नमी नहीं आने से बारिश भी नहीं हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को भी शहर में मौसम में कुछ खास बदलाव नहीं होगा। धूप निकलने से गर्मी का अहसास बना रहेगा। बादल छाने और शहर में कहीं-कहीं बूंदाबांदी के भी आसार हैं।

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नर्मदा में प्रदूषण पर एनजीटी सख्त

नर्मदा में प्रदूषण के मुद्दे पर गुजरात हाई कोर्ट में लंबित जनहित याचिका की सुनवाई भोपाल में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) करेगा। गुजरात के पर्यावरणविद् कीर्तिकुमार सदाशिव भट्ट की ओर से दायर इस याचिका में नर्मदा नदी में मप्र की सीमा में मिल रहे अनट्रीटेड सीवेज, इंडस्ट्रीयल वेस्ट और गंदे नाले को रोकने की मांग की गई है। जस्टिस सुधीर अग्रवाल और डॉ. अफरोज अहमद की जूरी ने मप्र के मुख्य सचिव, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी और एनवीडीए के उपाध्यक्ष से 10 दिन में जवाब मांगा है।
एनजीटी 20 सितंबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनेगा। जूरी ने पाया कि इस याचिका में मप्र सरकार से नर्मदा नदी में प्रदूषित पानी मिलने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की गई है, लेकिन मप्र सरकार और उसकी किसी एजेंसी को पार्टी ही नहीं बनाया गया था, इसलिए एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लेकर मप्र को पार्टी बनाया है।
इस केस में गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नर्मदा वाटर रिसोर्स वाटर सप्लाई एंड कल्पसार विभाग, गुजरात वाटर सप्लाई असेसमेंट अथॉरिटी, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले से ही प्रतिवादी हैं, जो अपना जवाब गुजरात हाईकोर्ट में दे चुके हैं।

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मंडियों में बढ़ी 4 गुना आवक, एक दिन में 37 पर्सेंट गिरे टमाटर के रेट

टमाटर ने दामों ने बीते दिनों रेकॉर्ड बनाया। दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में टमाटर 280 रुपए किलो तक बिका। महाराष्ट्र में भी टमाटर के दामों ने मध्यमवर्गीय परिवार को परेशान कर दिया। अब टमाटर के दाम नीचे आ रहे हैं।
नासिक की तीन मंडियों में टमाटर की औसत थोक कीमत में केवल एक दिन में 650 रुपए प्रति टोकरी की गिरावट आई। एक टोकरे में 20 किलोग्राम टमाटर होते हैं और प्रत्येक की कीमत बुधवार के 1,750 रुपए से गिरकर 1,100 रुपए हो गई। मतलब एक ही दिन में टमाटर की कीमतों में 37 पर्सेंट से ज्यादा गिरावट आई है। तीन कृषि उपज बाजार समितियों-पिंपलगांव, नासिक और लासलगांव में टमाटर की कुल दैनिक आवक भी लगभग एक सप्ताह पहले 6,800 बक्से से बढ़कर गुरुवार को 25,000 बक्से हो गई। महाराष्ट्र की सबसे बड़ी टमाटर मंडी, पिंपलगांव में दैनिक आवक 1,500 बक्से से बढ़कर 15,000 बक्से हो गई है, जबकि नासिक में यह 5,000 बक्से से बढ़कर 10,000 बक्से हो गई है। लासलगांव में आगमन लगभग एक सप्ताह पहले एक दिन में 350 डिब्बों से बढ़कर अब 1,500 डिब्बों तक पहुंच गया है।
पिंपलगांव एपीएमसी के अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में टमाटर की आवक में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि उनकी मंडी में टमाटर की औसत थोक कीमत बुधवार को 1,750 रु. प्रति टोकरी से गिरकर गुरुवार को 1,200 रु. प्रति टोकरी हो गई है। 3 अगस्त को यहां औसत थोक मूल्य 2,400 रु. प्रति टोकरी दर्ज किया गया था।

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वातावरण में काफी नमी, मानसून की गतिविधियों में आने लगी कमी

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
वर्तमान में मध्यप्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। मानसून द्रोणिका भी अपनी सामान्य स्थिति से ऊपर चली गई है। इस वजह से मानसून की गतिविधियों में कमी आने लगी है। हालांकि पिछले दिनों रुक-रुककर हुई बारिश के कारण वातावरण में काफी नमी मौजूद है। साथ ही हवाओं का रुख भी लगातार पश्चिमी बना रहने से नमी बरकरार है और बादल बने हुए हैं। इस वजह से मौसम फिलहाल खुशगवार बना हुआ है।
धूप निकलने से कुछ उमस बढ़ेगी
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक धूप निकलने से तापमान बढ़ने पर जहां कुछ उमस बढ़ेगी, वहां कहीं-कहीं स्थानीय स्तर पर हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिन तक बना रह सकता है। उधर बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सीधी में एक, मलाजखंड में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई।
कहीं भी तेज वर्षा की संभावना नहीं
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि राजधानी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में कहीं भी तेज वर्षा की संभावना नहीं है। वातावरण में नमी बनी रहने के कारण बादल बने हुए हैं। बीच-बीच में कहीं-कहीं हल्की धूप भी निकल रही है। तापमान में बढ़ोतरी होने पर कहीं-कहीं हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं। हालांकि धूप निकलने से उमस भी बढ़ेगी।

ऊपरी भाग में बना चक्रवात बांग्लादेश चला गया
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि वर्तमान में मानसून द्रोणिका अपनी सामान्य स्थिति से ऊंचाई पर चली गई है। मप्र से बिहार होते हुए हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात बांग्लादेश चला गया है। प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली किसी भी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण मानसून की गतिविधियों में कमी आ गई है।

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10 करोड़ की संपत्ति, पूर्व स्टोर कीपर से 21 लाख नकद बरामद

आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकायुक्त के शिकंजे में फंसे स्वास्थ्य विभाग के रिटायर्ड स्टोर कीपर अशफाक अली सूदखोरी का काम भी करता था। वह कई गुना ब्याज पर पैसा उधार देता था। इसका खुलासा उसके घर से लोकायुक्त पुलिस द्वारा जब्त दस्तावेजों से हुआ है। घर से बड़ी संख्या में किसान ऋण पुस्तिका, बतौर गारंटी दिए गए चेक और जमीनों के एग्रीमेंट भी मिले हैं। यही कारण है कि उसके घर से 21 लाख रुपए नकद बरामद किए गए हैं।
45 लाख के जेवर-लोकायुक्त पुलिस ने राजगढ़ जिला चिकित्सालय से दो साल पहले स्टोर कीपर के पद से रिटायर हुए अशफाक अली के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था। मंगलवार को लोकायुक्त की टीम ने एयरपोर्ट रोड स्थित ग्रीन वैली और लटेरी, विदिशा स्थित घर में छापा मारा था। ग्रीन वैली से लोकायुक्त पुलिस को 21.22 लाख रुपए नकद, 45 लाख के जेवर, दस बैंक पासबुक, 09 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन कार्ड, प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे।
लाखों का घर का इंटीरियर- लोकायुक्त पुलिस यह जांच कर रही है कि अशफाक ने अपने दो बेटों और एक बेटी की पढ़ाई पर अब तक कितनी राशि खर्च की। घर के इंटीरियर पर भी लाखों रुपए खर्च किए गए हैं। जिसका आकलन किया जा रहा है। घर की कीमत लगभग दो करोड़ रुपए आंकी गई है। अब तक 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हो चुका है। एसपी लोकायुक्त मनु व्यास का कहना है कि बैंक, राजस्व और पंजीयन कार्यालय को पत्र लिखे गए हैं। जहां से उनके बैंक खातों की डिटेल और संपत्ति से संबंधित जानकारी मांगी जा रही है।

रिश्तेदारों के नाम खरीदी प्रॉपर्टी
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया है कि अशफाक अली ने लटेरी, विदिशा में कई प्रॉपर्टी अपने रिश्तेदारों के नाम से भी खरीदी हैं। 50 से ज्यादा प्रापर्टी की जानकारी लोकायुक्त पुलिस के पास है। उनके रिश्तेदारों की भी लिस्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद पंजीयन कार्यालय से उन नामों के आधार पर प्रॉपर्टी से संबंधित जानकारी मांगी जाएगी। लोकायुक्त पुलिस लटेरी और उसके आसपास के लोगों से पूछताछ कर यह भी पता करेगी कि अशफाक ने मार्केट में कितनी राशि ब्याज पर दे रखी है। संपत्तियों का आकलन करने बाद आय से अधिक संपत्ति 10 करोड़ से भी अधिक होने का अनुमान है। अशफाक अली ने बैंक लॉकर होने से फिलहाल इनकार किया है। बैंकों को पत्र लिखकर लॉकर के संबंध में जानकारी मांगी जा रही है।

जमीनों में सबसे ज्यादा निवेश
एसपी लोकायुक्त मनु व्यास ने बताया कि अशफाक अली ने अपनी काली कमाई से सबसे ज्यादा जमीनों में ही निवेश किया है। वह जल्द एक कॉलोनी का निर्माण करने वाला था। उसकी तैयारी भी पूरी हो गई थी, लेकिन कार्रवाई हो गई। उसके यहां से संपत्ति जब्त होने के बाद पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतने रुपये कहां से आए। 21 लाख रुपये जैसी बड़ी राशि को घर पर किन कारणों से रखा था, इसका जवाब भी उनके पास नहीं है।
आयकर रिटर्न की जांच
एसपी ने बताया कि अशफाक अली और उसके स्वजन के बैंक खातों के साथ आयकर रिटर्न की जांच की जा रही है। इसके बाद पूरा मामला साफ हो जाएगा कि उनकी कमाई कहां से हो रही थी। उसकी गाड़ियों के बारे में पता किया जा रहा है कि वह किस-किस के नाम पर हैं।

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