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मध्य प्रदेश

गुड बाय : शिवपुरी से चुनाव नहीं लड़ेंगी यशोधरा राजे सिंधिया

हिन्दुस्तान मेल, शिवपुरी। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान की खेल मंत्री और शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मैं अब (शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से) चुनाव नहीं लडूंगी। ये एक तरह से मेरा गुडबाय है। इससे पहले उन्होंने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीडी शर्मा को चिट्ठी लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की थी।
दरअसल, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अपनी मां विजय राजे सिंधिया के प्रतिमा का अनावरण करने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि वैसे तो मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला पहले ही ले लिया था, लेकिन आज जिस तरह से मेरे सामने मंदिर में मंत्रोच्चार हुआ, मेरा मन भावुक हो गया, मेरे अंदर निरंतर जो भावना है, वह और अटल हो गई है। अब मैं इस चुनाव को लड़ने वाली नहीं हूं। आपकी वजह से मां के पदचिह्नों में चलने की कोशिश थी। वो 25-30 साल पूरे हो गए।
नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए- यशोधरा राजे सिंधिया ने आगे कहा कि मैं पितृपक्ष में सोच रही थी कि मैं अपनी मां और अपने पिता के लिए क्या कर सकती हूं। आज ये प्रतिमा का अनावरण करते हुए मैंने मां को सच्ची श्रद्धांजलि दी। उनकी ही प्रेरणा से मैंने ये निश्चय लिया। आप सब से प्रार्थना करती हूं कि मेरे इस निर्णय में आप सब मेरे साथ रहें। यह निर्णय कठिन था, लेकिन अब मेरी उम्र हो चुकी है, नए लोगों के लिए समय आ गया है। नई पीढ़ी के लिए समय आ गया है। अगर अम्मा ने राह दिखाई है तो मेरा कर्तव्य है मैं उस पर चलूं। उम्मीद है कि आप मेरे निर्णय में साथ रहेंगे। हाल ही में एक कार्यक्रम में सीएम शिवराज भी इस तरह का इशारा दे चुके हैं।

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रानी बाटड मैहर और अजय देव शर्मा पांढुर्णा के होंगे पहले कलेक्टर

मैहर और पांढुर्णा को जिला बनाने के बाद सरकार ने गुरुवार देर रात वहां कलेक्टर पदस्थ कर दिए। 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी बाटड को मैहर का पहला कलेक्टर बनाया गया है। वे अभी शहडोल संभाग की अपर आयुक्त हैं। वहीं, अजय देव शर्मा को पांढुर्णा का कलेक्टर बनाया है। शर्मा वर्तमान में उज्जैन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं। अजय देव शर्मा के स्थान पर अपर कलेक्टर उज्जैन मृणाल मीना को जिला पंचायत उज्जैन का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया गया है। मंत्रालय में पदस्थ उप सचिव प्रीति यादव को अपर कलेक्टर उज्जैन पदस्थ किया है। बता दें मप्र में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले शिवराज सरकार ने अपनी घोषणा को पूरा करते हुए दो नए जिले पांढुर्णा और मैहर का गठन कर दिया। बुधवार देर रात निर्णय होने के बाद गुरुवार को सुबह अधिसूचना भी जारी कर दी। दोनों जिले अस्तित्व में आ गए। अब प्रदेश में 55 जिले हो गए हैं। पांढुर्णा और मैहर जिले के गठन को शिवराज सरकार को बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है। छिंदवाड़ा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का गढ़ है। विंध्य क्षेत्र में मऊगंज के बाद सरकार ने मैहर जिला गठित किया है। विंध्य में भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 23 सीटें जीती थीं।

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242 करोड़ रुपए की विस्तारीकरण योजना से बदल गया महाकाल परिसर

महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण का दूसरा चरण पूर्ण हो गया है। इस पर सरकार ने 242 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इनमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार का 50-50 प्रतिशत अंश है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत पूरे कार्य पूर्ण हुए हैं जिसमें श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं मुखिया कराई गई है।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहले चरण का कार्य 351 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हुआ था। 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का उद्घाटन करते हुए पहले चरण के कार्य के जरिए मंदिर को भव्यता देने का प्रयास किया। महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक दूसरे चरण में 242 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। इसके जरिए नीलकंठ क्षेत्र में विकास कार्य किए गए हैं, जबकि मंदिर परिसर में शक्तिपथ, अन्न क्षेत्र, महाराज वाड़ा परिसर, रुद्र सागर का विकास किया गया है। इसी तरह सबसे महत्वपूर्ण महाकालेश्वर शिखर दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है ताकि मंदिर आने वाले भक्तों को शिखर दर्शन भी हो सके।

बहुत कुछ बदल गया महाकाल मंदिर में
’महाकालेश्वर मंदिर में नीलकंठ मार्ग विकास योजना के तहत पूर्व दिशा की ओर से प्रवेश मार्ग का निर्माण कराया गया है।
’म्यूरल वॉल के जरिए उज्जैन के प्राकृतिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बताया है।
’नीलकंठ वन क्षेत्र का भी विकास किया गया है।
’श्रद्धालुओं के आराम के लिए पथ, ग्रास, लॉन, सुलभ शौचालय आदि का निर्माण किया गया।
’मंदिर समिति द्वारा अन्न क्षेत्र का निर्माण कराया, जहां पर 50000 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन भोजन कराया जाएगा।
’महाराज वाड़ा परिसर को हेरिटेज होटल के रूप में परिवर्तित किया गया है।
’प्रवचन हाल, फूड कोड सहित अन्य सुविधाएं जुटाई गई हैं। रुद्र सागर के जीर्णोद्धार पर भी 21 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है।
’रुद्र सागर के जलस्तर में सुधार, पानी की गुणवत्ता, पौधारोपण, लैंडस्कैपिंग, मनोरंजन क्षेत्र आदि विकसित किया गया है।
’महाकाल तपोवन सहित ध्यान कुटिया और विश्राम के लिए सुसज्जित जगह विकसित की गई है।

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मालवा-निमाड़ पर कांग्रेस, महाकौशल पर भाजपा का ‘फोकस’

जबलपुर से शुरुआत, फिर ग्वालियर और तीसरा दौरा मोहनखेड़ा का। प्रियंका गांधी ने पहली यात्रा में पांच गारंटी की बात कही थी, तो तीसरे दौरे में मप्र सरकार की लाड़ली बहना सहित रसोई गैस टंकी के बढ़ते दाम को निशाने पर लिया कि अब जब चुनाव सिर पर हैं, तब घोषणाओं पर घोषणा कर के शिवराज प्रदेश की जनता को भरमा रहे हैं। उनका यह कहना भी खास था कि कांग्रेस राज में गैस टंकी और पांच किलो अनाज 485 रुपए में मिल रहा था, अब से दोनों जरूरी चीजें 1100 से अधिक दाम पर पहुंच गई हैं। बीते चुनाव में कांग्रेस का सिर मालवा-निमाड़ की सीटों ने ऊंचा किया था। भाजपा ने भी इस क्षेत्र के साथ महाकौशल क्षेत्र की सीटों पर फोकस कर रखा है।
कांग्रेस में राहुल हों, या प्रियंका – इन्हें लोग देखने के लिए तो उमड़ते हैं, लेकिन भाषण के मामले में मोशा जी तो ठीक शिवराज तक के आगे ये दोनों फीके साबित रहते हैं। ठीक है कि ये दोनों दिल से बात करते हैं, लेकिन भाजपा नेताओं की तरह इनके भाषण चमत्कृत और प्रभावित करने वाले नहीं होते। वजह शायद यह भी कि 65 साल से अधिक समय तक सत्ता में रही कांग्रेस को तब किसी दल ने आज जैसी चुनौती दी नहीं, इसलिए मनमोहन सिंह या उनके पहले नरसिंह राव, राजीव गांधी रहे, उनके प्रति आम मतदाता का रवैया भेड़-चाल जैसा ही रहा।
हाल के तीन दशकों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित अन्य सोशल मीडिया का जितने आक्रामक तरीके भाजपा उपयोग कर रही है, उतना कांग्रेस नहीं। कटु सत्य यह भी है कि जो सोशल मीडिया सत्ता शीर्ष पर पहुंचाने के लिए भाजपा का सहारा बना था, वही अब इन नेताओं, दल की पोल खोल अभियान में भी अग्रणी होकर भाजपा के लिए भस्मासुर की भूमिका निभा रहा है।
प्रियंका गांधी का मोहनखेड़ा आना कांग्रेस अपने लिए शुभ मानती रही है। दिग्विजय सिंह की ब्रह्मलीन ऋषभ विजय जी महाराज से नजदीकी का ही असर रहा कि इंदिरा जी से लेकर सोनिया गांधी, राहुल तक मोहनखेड़ा का मोह नहीं छोड़ पाए। गांधी खानदान की चौथी सदस्य के रूप में प्रियंका यहां आई थीं। शिवराज सरकार ने पातालपानी के समीप टंट्या मामा का स्मारक बनाया, तो आदिवासी समाज को अपने से जोड़ने के लिए प्रियंका ने भी राजगढ़ के आदिवासी अंचल में जनसभा को संबोधित करने के साथ आदिवासी जननायक टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण भी कर दिया।
राहुल और प्रियंका को देखने का ही आकर्षण है कि जबलपुर, ग्वालियर, पोलायकलां, मोहनखेड़ा तक उमड़ने वाली भीड़ ने सरकार को भी चौंकाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निरंतर मप्र आ रहे हैं। भाषण में वह गांधी परिवार को ‘एक कार और तीन बेकार’ कह कर खिल्ली भी उड़ाते रहे हैं, लेकिन इस दल के रणनीतिकार भी जानते हैं कि गांधी परिवार का आकर्षण भारी पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश के आमजन से सीधे संवाद करने और उन्हें प्रभावित करने की जो ताकत शिवराज सिंह में है वह तोमर, सिंधिया, विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल में भी नहीं है, किंतु चौहान को जिस तरह भाजपा नेतृत्व ने साइड लाइन कर रखा है, उसका नकारात्मक प्रभाव भी भाजपा पर पड़ रहा है। आदिवासी बहुल सीटों की बात करें तो 2018 में इन 47 सीटों में से 29 सीटें कांग्रेस के पास थीं और भाजपा को 17 सीटें मिली थीं। जिस मोहनखेड़ा में प्रियंका की सभा हुई है, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनाने में भी धार ने मुख्य भूमिका निभाई थी। जिले की 7 में से 6 सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे। उस समय जिले में कांग्रेस का एक-तरफा माहौल भी था। कांग्रेस के विधायक 30 हजार से लेकर 60 हजार वोटों तक से भी जीते थे, लेकिन 2020 के उपचुनाव के बाद जिले में कांग्रेस के पांच ही विधायक जीते हैं। कांग्रेस पार्टी का, प्रियंका गांधी का ध्यान मालवा निमाड़ पर है, यहां कुल 66 सीटें हैं और 2018 में कांग्रेस को मालवा निमाड़ का साथ मिला था, उसे 37 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा को 29 सीटें ही मिली थीं। मोदी से लेकर शाह तक का फोकस महाकौशल क्षेत्र पर है। महाकौशल में कुल 38 विधानसभा सीटें हैं, और 2018 में कांग्रेस को 24 सीटें और बीजेपी को 13 सीटें मिली थीं।

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महाकाल लोक में आज आनंद की वर्षा हो रही है : सीएम

हिन्दुस्तान मेल, उज्जैन। आज महाकाल महालोक में आनंद की वर्षा हो रही है। द्वितीय चरण का लोकार्पण हो रहा है। सृजन और संहार जिनके डमरू में, समय जिनकी जटाओं में बंधा है। ऐसे महाकाल महाराज के चरणों में, मैं शीश झुकाता हूं। धरती जिनके त्रिशूल पर टिकी है जिन्होंने काल को अपने कपाल पर धारण किया है, ऐसे बाबा महाकाल के चरणों में मेरा प्रणाम! जो दो नैनों से हमारा विश्वास बनाए रखते हैं और तीसरे नेत्र से संपूर्ण संसार बनाए रखते हैं। ऐसे बाबा महाकाल के चरणों में शीश झुकाता हूं।

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