Hindustanmailnews

मध्य प्रदेश

105 फीट ऊंचा रावण का पुतला जलेगा कोलार में

शहर में आज (मंगलवार को) दशहरा मनेगा। कोलार, छोला, अशोका गार्डन, टीटी नगर समेत 30 से ज्यादा स्थानों पर बड़े स्तर पर रावण दहन कार्यक्रम होगा। कोलार के बंजारी दशहरा मैदान में 108 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। आकर्षक आतिशबाजी भी होगी। पुराने शहर में हिंदू उत्सव समिति दशहरा चल समारोह भी निकालेगा। दशहरे के मौके पर थोक दवा बाजार बंद रहेगा।
कोलार हिंदू उत्सव समिति द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मप्र का सबसे बड़े दशहरा पर्व मनाया जाएगा। समिति के सचिव रविंद्र यती के अनुसार संस्था 20 साल से यह आयोजन कर रही है। इस बार 105 फीट के रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। इस बार रामजी की झांकी भी दर्शकों के बीच से होते हुए मंच पर आएगी। आतिशबाजी एवं पुष्प वर्षा की जाएगी, जो सभी दर्शकों का मन मोह लेगी। हिंदू उत्सव समिति दोपहर 12 बजे बांके बिहारी मंदिर मारवाड़ी रोड से चल समारोह शुरू करेगी। समिति के प्रवक्ता संतोष गुप्ता ने बताया कि चल समारोह में धर्मध्वजा, ढोल, डीजे, मर्यदा पुरुषोत्तम श्रीराम का रथ, लंकाधिपति रावण रथ, अशोक वाटिका, मेघनाथ-कुंभकर्ण के रथ और झांकियां शामिल होंगी। समिति के अध्यक्ष संतोष साहू ने बताया कि चल समारोह अपने परंपरागत मार्गों से होता हुआ छोला दशहरा मैदान पर पहुंचेगा। जहां पर रावण दहन किया जाएगा। टीटी नगर में 51 फीट ऊंचा पुतला-टीटी नगर में रावण दहन कार्यक्रम होगा। शाम 6 बजे से आतिशबाजी शुरू हो जाएगी। दशहरा उत्सव समिति के वात्सल्य जैन ने बताया कि रावण का पुतला 51 फीट का बनाया है, जबकि मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले की ऊंचाई 45-45 फीट है। इंदौर के आतिशबाज भी आकर्षक आतिशबाजी करेंगे।
यहां होगा रावण दहन- बैरागढ़ दशहरा मैदान, गांधीनगर, कोहेफिजा, छोला, हाउसिंग बोर्ड दशहरा मैदान, अशोका गार्डन, जंबूरी, अयोध्या नगर दशहरा मैदान, भेल, एमवीएम कॉलेज, विट्टन मार्केट, लहारपुरा दशहरा मैदान, 5 नंबर बस स्टॉप दशहरा मैदान, ओल्ड कैंपियन दशहरा मैदान, टीटी नगर दशहरा मैदान, कोलार दशहरा मैदान, शाहपुरा दशहरा मैदान, कलियासोत एडवेंचर ग्राउंड दशहरा मैदान पर होने वाले रावण दहन में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी रहेगी। इसके चलते ट्रैफिक विभाग ने कई सड़कों को डायवर्ट किया है।

105 फीट ऊंचा रावण का पुतला जलेगा कोलार में Read More »

दिग्विजय बोले – सिंधिया तो डर के मारे भाग गए…..

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोकने के लिए पिछोर से कांग्रेस के विधायक केपी सिंह को शिवपुरी सीट से टिकट दिया गया, लेकिन सिंधिया डर के मारे भाग गए। दिग्विजय सिंह सोमवार को मीडिया से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव में कैंडिडेट्स का चयन सबसे खराब काम है। टिकट बदलने की संभावनाओं पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं इसके लिए अधिकृत नहीं हूं।
सीएम शिवराज सिंह को लेकर उन्होंने कहा कि इतना बड़ा झूठा और नाटक-नौटंकी करने वाला मुख्यमंत्री मैंने आज तक नहीं देखा। अब तो नरेंद्र मोदी भी इनसे खतरा महसूस कर रहे हैं कि ये हमसे बड़े नौटंकीबाज कैसे हो गए? कांग्रेस का दामन थामने वाले कोलारस से बीजेपी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे हैं। उन्हें लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमने उन्हें शिवपुरी से लड़ाने का वादा किया था। इसी बीच ऐसी संभावना बनी कि भाजपा सिंधिया को शिवपुरी से टिकट देगी, इसलिए शिवपुरी से लड़ने के लिए केपी सिंह को लाया गया। दिग्विजय ने कहा कि मैं केपी सिंह को धन्यवाद देता हूं कि वे पिछोर छोड़कर सिंधिया के खिलाफ शिवपुरी से लड़ने के लिए तैयार हो गए।
पूर्व सीएम ने कहा कि वीरेंद्र रघुवंशी का नाराज होना स्वाभाविक है। हमारी उनसे बात हुई है। हम लोग वीरेंद्र के बारे में सोच रहे हैं। केपी सिंह से बात कर रहे हैं और कोई ना कोई रास्ता निकालेंगे। जो भी व्यक्ति दावेदारी करता है, वो कहता है कि मैं कम से कम 25 हजार वोटों से जीतूंगा। इस बार 4 हजार दावेदार थे। इनमें से 230 को कैसे चुनें? कोई लिखित परीक्षा तो होती नहीं। संगठन का समर्थन, जीत की संभावनाएं… यही देखा जाता है।

दिग्विजय बोले – सिंधिया तो डर के मारे भाग गए….. Read More »

सड़कों पर संग्राम से सामने आ गई सर्वे की सच्चाई

भाजपा की पांचवीं और कांग्रेस की दूसरी लिस्ट से लगभग 228 प्रत्याशियों के घोषित नामों से दोनों दलों में जो मारकाट और सड़क पर संग्राम जैसे हालात बने हुए हैं, इससे आम कार्यकर्ताओं को भी समझ आ गया है कि टिकट जिन्हें मिला है, उनका नाम भले ही सर्वे सूची में नहीं था, लेकिन वो किसी ना किसी बड़े नेता के पट्ठे जरूर रहे हैं। असंतोष तो हर चुनाव से पहले नजर आता है, लेकिन इस बार वो ‘लावा’ बन चुका है और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में यह ज्वालामुखी भाजपा के लिए मुसीबत साबित होना है।
पार्टी कार्यालयों पर तोड़फोड़, पार्टी नेताओं पर टिकट बेचने जैसे आरोप लग रहे हैं, उससे आम कार्यकर्ता भी ठगा-सा महसूस कर रहा है। जिन दावेदारों के जूते भोपाल-दिल्ली की परिक्रमा करते-करते घिस गए और टिकट नहीं मिलने से होश उड़े हुए हैं, उन्हें भी समझ आ गया है कि पार्टी हाईकमान का मतलब ये हो गया है कि टिकटों के ढेर को लूटने की जिसमें ताकत थी, वो टिकट ले उड़े और सर्वे में जिनके नाम टॉप पर थे, वो टापते रह गए।
मोशाजी के बंदे यदि सर्वे को आधार मानकर ही टिकट तय करते तो नरेंद्रसिंह तोमर, कुलस्ते, प्रहलाद पटेल से लेकर कैलाश विजयवर्गीय सहित सांसदों को कार्यकर्ताओं की मनुहार करने गली-गली भटकना नहीं पड़ता। खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सपने में नहीं सोचा होगा कि कल तक अदब-कायदे के साथ महल की ड्योढ़ी पर कदम रखने वालों के गुस्से के आगे महल की बोलती बंद हो जाएगी।
पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल को अब समझ आ गया होगा कि जिन श्रीमंत के प्रति निष्ठा जाहिर करते हुए उन्होंने कांग्रेस को ठोकर मार दी, वही श्रीमंत उनके साथ होते अन्याय के विरोध में मोम के पुतले बन जाएंगे। अपमान से आहत होकर पंजे से पीछा छुड़ाने और कमल को अपना नाथ मानने वाले श्रीमंत को अपने विश्वस्त मुन्नालाल गोयल का दर्द शायद इसलिए भी महसूस नहीं हुआ होगा कि भाजपा नेतृत्व ने मामी (माया सिंह को) टिकट देकर महल का मान तो रख ही लिया। गोयल की दुर्गति से आहत वैश्य समाज तय करेगा कि वह महल के माया-मोह से बंधा रहेगा, या शशि सिकरवार की जीत का सपना पूरा करेगा। ग्वालियर चंबल संभाग में धधक रही नाराज भाजपा की इस आग में ‘महाराज भाजपा’ का झुलसना तय है, चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक तोमर भी मोशाजी को इसका ठीक से जवाब नहीं दे पाएंगे।
भाजपा ने यदि यहां वैश्य समाज को नाराज किया तो इंदौर में कांग्रेस ने भी यही काम किया। अरविंद बागड़ी को न तीन नंबर के लायक समझा, न पांच नंबर के लायक। एक दिन के शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहे बागड़ी की पैरवी करने वाले रसूखदारों ने कमलनाथ को तो सेट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन दिग्विजय सिंह ने वैश्य समाज के मंसूबों पर पानी फेर दिया। यही हाल जैन समाज का हुआ है। एक नंबर से दावेदारी कर रहे भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हों या वैश्य समाज के प्रतिनिधि-पूर्व विधायक, इन्हें पांच साल फिर गुणगान ही करते रहना है। दोनों पार्टियों में पहले दिन से ही सर्वे की ‘खौफ लहर’ चल रही थी। एक सर्वे, दो सर्वे, सर्वे पर सर्वे, अन्य राज्यों के विधायक-समयदानियों की रिपोर्ट – ऐसे सारे टोने-टोटके पहली सूची जारी होने तक तो असरकारक लग रहे थे, लेकिन भाजपा की बाद की सूचियों को देख कर हताश दावेदारों को समझ आ गया कि इतने साल की निष्ठा की अपेक्षा एक-आध बार पार्टी बदलकर लौट आते तो सम्मान से टिकट के हकदार हो जाते। कांग्रेस की दूसरी सूची जारी होने के साथ ही यह ‘कमलवाणी’ सच हो गई कि कपड़े फाड़ दीजिये। इन बड़े नेताओं के कुर्ते भले ही नहीं फटे, लेकिन सिर-फुटौवल से विभिन्न जिलों में जो बागी जन्मे हैं, वो पार्टी की साख पर बट्टा ही लगाएंगे। भाजपा से ज्यादा असंतोष कांग्रेस में नजर आ रहा है, तो इसलिए कि तमाम दावेदार मान कर चल रहे हैं कि सरकार तो कांग्रेस की बन रही है, लेकिन वे ‘मलाई’ तो दूर ‘मट्ठा’ पीने लायक भी नहीं रहेंगे। भाजपा में उम्र का बंधन वहीं आड़े आया, जहां टिकट नहीं देना था, बाकी तो 80 से 87 साल के नारायण सिंह कुशवाह से लेकर जयंत मलैया की बल्ले-बल्ले हो गई है। उज्जैन दक्षिण से दावेदार-पूर्व मंत्री पारस जैन यदि कालूहेड़ा को टिकट मिलने के बाद तीर्थयात्रा पर निकल जाएं तो गलत क्या है? परिवारवाद को कोसने वाले मोशाजी ने गौरीशंकर बिसेन की बेटी को प्रत्याशी घोषित कर हाथी के दांत का फर्क हाथों-हाथ समझा दिया। दूर क्यों जाएं, इंदौर की ही बात कर लें। दोनों दलों ने जिस तरह क्षेत्र क्रमांक 3, 5 और महू को लेकर माहौल बना रखा था, तो लग रहा था बड़ा उलटफेर होने वाला है। कांग्रेस ने तो फिर भी नए चेहरों को टिकट देकर अपने ही सर्वे को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। तीन नंबर से ‘पानी वाले बाबा’ के नाम से पहचान बना चुके पूर्व विधायक अश्विन जोशी के मुगालते खुद दिग्विजय सिंह दूर कर देंगे, ये बाबा ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। दो बार हार चुके दावेदारों को इस बार कांग्रेस टिकट नहीं देगी, जोर-शोर से की गई घोषणा पर सुभाष सोजतिया, नरेंद्र नाहटा और पांच नंबर से सत्यनारायण पटेल ‘भारी पत्थर’ साबित हो गए, लेकिन सर्वे में आगे चल रहे अश्विन जोशी चपेट में आ गए। अब उनके समर्थक हैरान हैं कि बाबा ने तो कभी कहा ही नहीं कि मैं नहीं लड़ना नहीं चाहता, चचेरे भाई पिंटू को टिकट दे दो। फिर इसे कैसे आधार बना दिया? अब अश्विन जोशी को भी समझ आ गया होगा कि महेश जोशी की अंतिम इच्छा का सम्मान करने के लिए दिग्विजय सिंह पिछले दो साल से सार्वजनिक रूप से यह माहौल क्यों बना रहे थे कि अश्विन को टिकट नहीं देंगे, उसकी हवा खराब है। दिग्विजय के भरोसे रहे अश्विन समझ ही नहीं पाए कि सज्जन वर्मा ने पिंटू जोशी के नाम पर क्यों दिग्विजय सिंह का साथ दे कर उन्हें निपटाने में सहयोग कर दिया।
भाजपा में सर्वे की बात करें तो तीन नंबर से कहीं से कहीं तक गोलू शुक्ला का नाम नहीं था। इस नाम को मंजूरी ने यह भी बता दिया है कि वरिष्ठ नेता के रूप में सुमित्रा महाजन, कृष्णमुरारी मोघे हों, या विक्रम वर्मा – अब इन सब के लिए आडवाणी-जोशी पेवेलियन में बैठने का इंतजाम कर दिया गया है। तीन नंबर से गोलू शुक्ला के नाम को मंजूर कराने का मतलब है, कैलाश विजयवर्गीय ने पुत्र आकाश विजयवर्गीय के क्षेत्र को लावारिस नहीं होने दिया है। विजयवर्गीय के कंधे पर कल तक आकाश थे, अब उनके कंधों को बेटे के साथ गोलू को भी तोकना है। एक नंबर और तीन नंबर दोनों जगह शुक्ला परिवार मैदान में है, किसी एक का विधायक बनना भी तय है। गोलू की जीत को विजयवर्गीय तब बेहतर भुना सकेंगे, जब भाजपा की सरकार बनने की स्थिति में विजयवर्गीय को अपने विधायकों का संख्याबल दिखाना होगा। वो किसी कीमत पर नहीं चाहते थे कि उषा ठाकुर को तीन नंबर से टिकट मिले और उनकी प्लानिंग फेल हो, यही वजह रही कि ना चाहते हुए भी उषा ठाकुर को महू से चुनाव लड़ना पड़ेगा। स्थानीय को टिकट की मांग करने वाले महू क्षेत्र के भाजपा नेता यदि उनकी जीत में सहयोगी बनते हैं और भाजपा की सरकार भी बन जाए, तो उषा ठाकुर का मंत्री पद भी तय है, जो इंदौर से जीतने पर नहीं मिल पाता। यहां रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया जैसे लगातार जीतने वाले विधायक उनकी राह में गति-रोधक बन जाते। यह बात अलग है कि चार-चार बार जीते इन सब विधायकों पर विजयवर्गीय का आभामंडल हमेशा से भारी रहा है। दोनों दलों में अब जले-भुने दावेदार और उनके समर्थकों को मनाने का दौर चलना ही है। कितने बागी नाम वापस लेंगे? पार्टी द्वारा थोपे गए प्रत्याशी के पक्ष में ईमानदारी से काम करेंगे, इस आशय का शपथ-पत्र दें, या गंगाजल लेकर कसम भी खा लें, खुद प्रत्याशी और पार्टी उन पर भरोसा करने की अपेक्षा 3 दिसंबर का इंतजार करेगी। उसके बाद फिर सेबोटेज करने के आरोप वाली मिसाइलें दोनों दलों में चलना ही हैं।

सड़कों पर संग्राम से सामने आ गई सर्वे की सच्चाई Read More »

मां दुर्गा ने जैसे राक्षसों को मारा वैसे ही विपक्ष को हराने का प्रण लें : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी एक रैली में विपक्ष पर निशाना साधते हुए मां दुर्गा के उस रूप को याद किया जिस रूप में उन्होंने राक्षसों का दमन किया था। राज्य के मऊगंज जिले में शिवराज सिंह चौहान ने सनातन धर्म का भी जिक्र किया और विपक्ष को निशाने पर लिया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कांग्रेस अब गठबंधन बना रही है, इंडी गठबंधन बना लिया और गठबंधन के लोग कह रहे हैं सनातन मलेरिया, डेंगू है इसे खत्म करना होगा… अरे तुम क्या करोगे कांग्रेसियों, कई आए और चले गए, कोई सनातन की तरफ उंगली नहीं उठा पाया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, घबराई हुई कांग्रेस गठबंधन कर रही है। वो अलग-अलग पार्टियों को जुटा रही है इसमें समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी, इत्यादि हैं। वो ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि उन्हें पता है कि बीजेपी हारने वाली नहीं है। उन्होंने एक गंठबंधन बनाया – इंडी गठबंधन। इस गठबंधन के लोग कहते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू है तथा इसे खत्म करना चाहिए। ये लोग विकास-विरोधी हैं। यह लोग पीएम मोदी की लोकप्रियता से घबरा गए हैं। शिवराज ने कहा कांग्रेस के शासनकाल में अगर कोई भ्रष्टाचार में पकड़ा जाता था तो उसे कभी सजा नहीं मिलती थी। लेकिन अब अगर कोई गलत काम करता है, तो उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा। जिस तरह मां दुर्गा ने राक्षसों का वध किया, उसी तरह हम भी दुर्गा अष्टमी पर यह प्रण लें कि जो लोगों के अधिकार छीनते हैं हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।

सीएम शिवराज ने विधि-विधान
से किया कन्या पूजन
मुख्यमंत्री निवास में महानवमी के अवसर पर कन्या पूजन एवं भोजन तथा कन्याओं के साथ विशेष प्रदेशव्यापी कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से शक्ति स्वरूपा कन्याओं को भोजन कराकर प्रदेश की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस दौरान सीएम ने ट्वीट कर कहा कि शक्तिस्वरूपा बेटियों की चरण रज से आंगन धन्य हो गया! मैया की कृपा से प्रदेश और देश के हर घर-आंगन में सुख, समृद्धि व खुशहाली के दीप दैदीप्यमान हों, सबका मंगल एवं कल्याण हो, नवमी के पुनीत अवसर पर, यही प्रार्थना करता हूँ।

बहन-बेटियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले को दी जाएगी फांसी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेटियों और बहनों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दुर्गाष्टमी के अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी दोबारा सत्ता में आई तो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सख्त रुख अपनाते हुए, सीएम चौहान ने कहा कि बेटियों और बहनों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो उनकी संपत्तियों को ढहाने के लिए बुलडोजर भी चलाया जा सकता है।सीएम चौहान का यह बयान मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कथित वृद्धि पर विपक्ष द्वारा लगातार चुनावी सभाओं में यह मुद्दा उठाए जाने के बाद आया है।

मां दुर्गा ने जैसे राक्षसों को मारा वैसे ही विपक्ष को हराने का प्रण लें : मुख्यमंत्री Read More »

MP Chunav 2023: बीजेपी ने जारी की पांचवीं लिस्ट, 92 उम्मीदवारों के नाम, तीन मंत्रियों के टिकट कटे

MP Chunav 2023: मध्यप्रदेश में एक चरण में 17 नवंबर को वोटिंग होनी है। रिजल्ट 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा। शनिवार को बीजेपी ने उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कई दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा गया है। बीजेपी इससे पहले चार लिस्ट जारी कर चुकी थी।

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी पांचवीं लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 92 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। बीजेपी अब तक 228 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। अब केवल 2 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित होने बाकि हैं। इंदौर-3 से मौजूदा विधायक आकाश विजयवर्गीय का टिकट काट दिया है। उनकी जगह राकेश शुक्ला को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, सिंधिया समर्थक मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया को फिर से गुना जिले की बमौरी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है।

बीजेपी ने 3 मंत्रियों के टिकट काट दिए हैं। मंत्री ओपीएस भदौरिया, यशोधरा राजे सिंधिया और गौरीशंकर बिसेन को इस बार मौका नहीं दिया गया है। गौरीशंकर बिसेन की जगह पार्टी ने उनकी बेटी मौसमी बिसेन को बालाघाट विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है।

विधायक का टिकट कटा
भाजपा ने मनगंवा सीट से नया प्रयोग करते हुए नरेंद्र प्रजापति पर दांव चला है। भाजपा ने यहां से अपने वर्तमान विधायक पंचूलाल प्रजापति का टिकट काट दिया है। मंत्री रामखेलावन पटेल को भाजपा ने अमरपाटन से प्रत्याशी बना दिया। भाजपा ने त्योंथर से सिद्धार्थ तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

किसे कहां से मिला टिकट
विजयपुर- बाबूलाल मेवरा
जौरा- सूबेदार सिंह रजौधा सिकरवार
अम्बाह- कमलेश जाटव
भिंड- नरेन्द्र सिंह कुशवाह
मेहगांव- राकेश सुक्ला
ग्वालियर पूर्व- माया सिंह
ग्वालियर दक्षिण- नारायण सिंह कुशवाह
भांडेर- घनश्याम पिरोनिया
पोहरी- सुरेश राठखेड़ा
शिवपुरी- देवेन्द्र कुमार जैन
कोलारस- महेन्द्र यादव
बमोरी- महेन्द्र सिंह सिसोदिया
अशोकनगर- जजपाल सिंह
मुंगावली- बृजेन्द्र सिंह यादव
बीना- महेश राय
टीकमगढ़- राकेश गिरी
जतारा- हरिशंकर खटीक
पृथ्वीपुर- शिशुपाल यादव
निवाड़ी- अनिल जैन
चंदला- दिलीप अहिरवार
बिजावर- राजेश शुक्ला
दमोह- जयंत मलैया
जबेरा- धर्मेंद्र सिंह लोधी

हटा- उमा खटीक
पवई- प्रहलाद लोधी
रैगांव- प्रतिमा बागरी
नागौद- नागेन्द्र सिंह
अमरपाटन- राखेलावन पटेल
सेमारिया- केपी त्रिपाठी
त्यौंथर- सिद्धार्थ तिवारी
मनगंवा- नरेन्द्र प्रजापति
गुढ़- नागेन्द्र सिंह
चित्रांगी- राधा सिंह
सिंगरौली- रामनिवास शाह
देवसर- राजेन्द्र मेश्राम
धौहानी- कुंवर टेकाम
व्योहारी- शरद कोल
बांधवगढ़- शिवनारायण सिंह
बोहरीबंद- प्रणय पांडे
जबलपुर उत्तर- अभिलाष पांडे
सिहोरा- संतोष बरबडे
मंडला- संपातिया उईके
बालाघाट- मौसम बिसेन
वारासिवनी- प्रदीप जायसवाल
केवलारी- राकेश पाल सिंह
लखनादौन- विजय उईके

तेंदूखेड़ा- विश्ननाथ सिंह
चुराई- लखन वर्मा
बैतूल- हेमंत खंडेलवाल
टिमरनी- संजय शाह
सिवनी-मालवा- प्रेमशंकर वर्मा
होशंगाबाद- सीतासरन शर्मा
पिपरिया- ठाकुर दास नागवंशी
भोजपुर- सुरेन्द्र पटवा
बसोदा- हरिसिंह रघुवंशी
कुरवाई- हरीसिंह सप्रे
शमशाबाद- सूर्य प्रकाश मीणा
भोपाल दक्षिण-पश्चिम- भगवान दास सबनानी
आष्टा- गोपाल सिंह
नरसिंहगढ़- मोहन शर्मा
व्याबरा- नारायण सिंह

MP Chunav 2023: बीजेपी ने जारी की पांचवीं लिस्ट, 92 उम्मीदवारों के नाम, तीन मंत्रियों के टिकट कटे Read More »

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights