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मध्य प्रदेश

इस बार मालवा निमाड़ को हुआ भाजपा से प्यार कुर्ता फाड़ राजनीति से कांग्रेस तार-तार

||कीर्ति राणा इंदौर||इस क्षेत्र की 66 में से 50 सीटों पर भाजपा चल रही है। मप्र में पिछली बार कमलनाथ की सरकार बनाने में मालवा निमाड़ की 66 सीटों की खास भूमिका रही थी लेकिन इस बार मालवा निमाड़ भाजपा के साथ कदमताल करता दिखाई दे रहा है।मालवा निमाड़ की 66 सीटों में से 50 सीटों पर भाजपा निरंतर आगे बढ़ती जा रही है।मात्र 15 सीट पर कांग्रेस आगे चल रही है।एक पर निर्दलीय आगे है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां 28 सीटें मिली थीं, जो पिछले चुनाव की अपेक्षा 28 कम थीं। कांग्रेस ने यहां 35 सीटें जीती थीं। तब मालवा-निमाड़ में भाजपा के पिछड़ने के कारण पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।मालवा-निमाड़ की इन सीटों पर कांग्रेस में दिग्विजय सिंह का प्रभाव माना जाता है।इस बार कुर्ता फाड़ राजनीति ने इस क्षेत्र में कांग्रेस को तार तार कर दिया है, ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने का प्रभाव भी इस बार मालवा क्षेत्र में भाजपा की सीटें बढ़ाने वाला रहा है।

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एग्जिट पोल के बाद भाजपा-कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने हिन्दुस्तान मेल से कही ये बात

एग्जिट पोल के बाद भाजपा-कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने हिन्दुस्तान मेल से कहा-*150 सीटों से अधिक मिलेंगी भाजपा को *भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल बोले भाजपा को मप्र में 150 सीटों से ऊपर मिलेगी।यह बड़ा जनादेश बताएगा कि मप्र में एंटीइंकबेसी जैसी कोई बात नहीं है।केंद्रीय मंत्री तोमर सहित तीनों मंत्री, सात सांसद सब जीतेंगे। पांचवी बार भाजपा सरकार का आधार लाड़ली बहना, डबल इंजिन सरकार, पांच साल मुफ्त राशन, आयुष्मान, राममंदिर, मुफ्त आवास जैसी योजनाएं हैं।——केके मिश्रा फोटो *130-35 सीटें मिलेंगी कांग्रेस को* मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा बोले अधिकतम 135 सीटें मिलेंगी कांग्रेस को। सरकार हमारी ही बनेगी। इंदौर की 9 सीटों में से चार सीटें राऊ, तीन नंबर, पांच नंबर और देपालपुर सीटें कांग्रेस को मिलना तय है।पिछले चुनाव में जितनी सीटें मिली थीं उससे दस कम भी मिली तो हर जिले में एक-एक सीट तो बढ़ ही रही है। ग्वालियर चंबल सबसे प्लस रहेगा। विंध्य लाभ देगा। मालवा-निमाड़ बराबर रहेगा-मायनस नहीं रहेगा। ——-

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MP Exit Poll 2023 Live: मध्यप्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर, जानें सर्वे में किसकी बन रही सरकार 

Madhya Pradesh Exit Poll Result 2023 Live News Updates: मध्यप्रदेश में 230 सीटों की विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 116 है। राज्य में कुछ ओपिनियन पोल का कहना था कि यहां पिछली बार की तरह इस बार भी कोई दल बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाएगा। ऐसे में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। फिलहाल अब लोगों की नजर एग्जिट पोल पर है।

रिपब्लिक भारत का सर्वे
भाजपा को 118-130 सीटें 
कांग्रेस को 97-107 सीटें 
अन्य को दो सीटें 

वोट शेयर
बीजेपी को 43.4 प्रतिशत 
कांग्रेस को 41.7 प्रतिशत 
अन्य को 14.9 प्रतिशत 

रिपब्लिक-मैट्रिज के सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 118-130, कांग्रेस को 97-107 और अन्य को दो सीटें मिलने का अनुमान। 

टीवी 9 भारतवर्ष-पोलस्ट्रैट के एग्जिट पोल के मुताबिक, मध्यप्रदेश में कांटे की टक्कर होगी। बीजेपी को 106-116 और कांग्रेस को 111-121 सीटें मिल सकती हैं। 

जन की बात’ के एग्जिट पोल के मुताबिक, मध्यप्रदेश में कांटे का मुकाबला है। कांग्रेस को 102 से 125 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, बीजेपी को 100 से 123 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, अन्य को पांच सीटें मिलेंगी। 

इंडिया टूडे- एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल

  • भाजपा को 118-130 सीटें
  • कांग्रेस को 97-107 सीटें
  • अन्य को 0-2 सीटें

साल 2020 में ऐसा हुआ था सत्ता का उलटफेर
मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रति वफादार विधायकों की बगावत के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी, जिससे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की वापसी सुनिश्चित हो गई थी। 

साल 2018 में किसे कितने फीसदी मिले वोट
साल 2018 में बीजेपी को 41.02 फीसदी, कांग्रेस को 40.89 फीसदी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और अन्य पार्टियों को 10.83 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस से अधिक वोट शेयर पाने के बाद भी बीजेपी ने 2018 में 109 सीटें जीतीं थीं। जबकि सबसे पुरानी पार्टी को 114 सीटें मिली थीं। जबकि बसपा को दो, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय के खाते में चार सीटें आई थीं। तब कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में बसपा, सपा और निर्दलियों की मदद से सरकार बनाई थी।

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पनौती वाले बयान परबरसे सीएम शिवराजभारत की हार पर खुश होने वाले राहुल गांधी राष्ट्रीय शर्म………..

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पनौती वाले बयान को लेकर सियासत गर्मा गई है। पूरी भाजपा राहुल के इस बयान को लेकर उन पर निशाना साध रही है और अब इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है। सीएम चौहान राजस्थान में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान जयपुर में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा।
सीएम शिवराज ने कहा कि राहुल-प्रियंका लगातार झूठ बोल रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी को लेकर दिए गए राहुल गांधी के पनौती वाले बयान को लेकर शिवराज ने कहा कि राहुल का ये बयान बेहद शर्मनाक है। राहुल गांधी की मति मारी गई है। वे भारत की हार पर खुश हो रहे हैं। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को राष्ट्रीय शर्म तक करार दिया। शिवराज यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि राहुल-प्रियंका ने मध्यप्रदेश में भी चुनाव प्रचार के दौरान लगातार झूठ बोला। प्रियंका कहती रहीं कि 18 साल में 21 लोगो को भी नौकरी नहीं दी जबकि 50 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र खुद मैंने अपने हाथों से सौंपे हैं।
राजस्थान की गहलोत सरकार
भ्रष्टाचार में नंबर वन
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान राजस्थान की गहलोत सरकार पर भी निशाना साधा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार भ्रष्टाचार में नंबर वन पर हैं। जलजीवन मिशन घर-घर जल पहुंचाने के लिए जलजीवन घोटाला राजस्थान में हुआ। राजस्थान में किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ। माताओं-बहनों के सम्मान से खिलवाड़ हुआ। हिंदू त्योहारों पर धारा 144 लगाते हैं। राजस्थान विकास की दौड़ में पिछड़ गया है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने किसानों से कर्जमाफी का वादा किया, जिसके कारण राजस्थान में 19,422 किसानों की जमीनें नीलाम हो गई है।

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चुनाव के ठीक पहले विधायक निधि के 427.04, स्वेच्छानुदान के 171.08 करोड़ रुपए खर्च

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
नई विधानसभा के गठन के बाद शपथ लेने वाले विधायकों को फंड की कमी से जूझना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि चुनाव के पहले विधायकों को मिलने वाली निधि का बड़ा हिस्सा खर्च कर दिया गया है। विधायक निधि के 427.04 करोड़ रुपए और स्वेच्छानुदान निधि के 171.08 करोड़ रुपए आचार संहिता लागू होने के पहले खर्च हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में शेष राशि में से एक विधायक को औसतन 65.41 लाख रुपए विकास कार्य कराने और 61629 रुपए व्यक्तिगत मदद के लिए स्वेच्छानुदान मद से देने के लिए मिलेंगे। इस बीच खर्च की गई राशि की पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि कई जिलों में विधायकों ने विधायक निधि और विधायक स्वेच्छानुदान निधि की पूरी राशि ही खर्च कर दी है।

कई जिलों में खत्म हो गई राशि
सिवनी जिले के चारों विधायकों ने विधायक स्वेच्छानुदान के रूप में मिलने वाले 75-75 लाख रुपए पूरी तरह से खर्च कर दिए हैं। यानी यहां नए विधायकों के लिए अब स्वेच्छानुदान के लिए एक भी रुपया शेष है। वहीं विधायक निधि की राशि में केवलारी विधानसभा में 20 लाख और बरघाट में 14 लाख रुपए बचे हैं। सिवनी से भाजपा के दिनेश राय मुनमुन, लखनादौन से कांग्रेस के योगेंद्र सिंह बाबा, केवलारी से बीजेपी के राकेश पाल सिंह और बरघाट से कांग्रेस के अर्जुन काकोड़िया विधायक हैं। ऐसी ही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में भी है। चित्रकूट, मैहर, नागौद, सतना, रामपुर बघेलान, अमरपाटन, रैगांव विधानसभा के विधायकों ने पूरी राशि आचार संहिता लागू होने के पहले खर्च कर दी है। अफसरों के मुताबिक 9 अक्टूबर को लागू हुई आचार संहिता की अवधि तक विधायकों के विधायक निधि और स्वेच्छानुदान की मंजूरी के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके अनुसार विधायक निधि के 150.45 करोड़ रुपए शेष बचे हैं और अगर वर्तमान विधायक ने राशि छोड़ी है तो एक विधायक को औसतन 65.41 लाख रुपए मिलेंगे। इसी तरह स्वेच्छानुदान निधि में 1.41 करोड़ रुपए बचे हैं और एक विधायक के पास स्वेच्छानुदान के लिए 31 मार्च 2024 तक की अवधि में औसतन 61629 रुपए ही बचेंगे।

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