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मध्य प्रदेश

MPPSC-2019 रिजल्ट के लिए 4 साल लड़ा केस; दूसरा स्थान हासिल कर बनीं डिप्टी कलेक्टर

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (टढढरउ) की 2019 में हुई परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है। जबलपुर की रहने वाली शिवांगी बघेल ने दूसरा स्थान हासिल किया है। वह डिप्टी कलेक्टर बनी हैं।
शिवांगी ने अपनी शुरूआती पढ़ाई मंडला और जबलपुर से करने के बाद जयपुरिया कॉलेज, जयपुर से फाइनेंस एंड मार्केटिंग में टइअ किया। गोल्ड मेडल हासिल किया। अब लगातार दूसरी बार इस परीक्षा में सफल हुई हैं। इससे पहले उनका चयन 2020 की टढढरउ में शिक्षा विभाग के सहायक संचालक पद पर हो चुका है। 2019 का रिजल्ट कई विसंगतियों और कोर्ट केस के चलते करीब चार साल बाद आया है।
शिवांगी अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और माता-पिता को देती हैं। उनके पिता एसआर बघेल लोक निर्माण विभाग, भोपाल में प्रमुख अभियंता के पद पर हैं।
शिवांगी ने बताया कि उनकी मां को पिछले एक साल से किडनी संबंधित समस्या थी। इसके चलते इस साल सितंबर में किडनी ट्रांसप्लांट करना पड़ा। शिवांगी ने मां की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के बीच भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और इंटरव्यू दिया। इस दौरान शिक्षा विभाग में उनकी ट्रेनिंग भी चल रही थी। शिवांगी बघेल जबलपुर की रहने वाली हैं।

सवाल: अपनी इस उपलब्धि का श्रेय आप किसे देना चाहेंगी?
जवाब: इसका श्रेय मैं अपने गुरु को देना चाहूंगी, जो मंडला में रहते हैं। साथ ही मेरे माता-पिता, बड़े भाई और मेरे फ्रेंड्स, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया। हर तरह से मोरल सपोर्ट किया और वे सब लोग, जिन्होंने मेरे लाइफ में मुझे सपोर्ट किया।
सवाल: एग्जाम की तैयारी कैसे की और कब शुरू की?
जवाब: 2019 में मेरा एमबीए कम्प्लीट हुआ और जुलाई 2019 में मैंने तैयारी स्टार्ट कर दी थी। मेरा फर्स्ट अटैम्प्ट 2019 ही था। इसके प्रिलिम्स की तैयारी मैंने इंदौर में की थी। मेंस और इंटरव्यू के दौरान सेल्फ स्टडी करके तैयारी मैंने जबलपुर में रहकर की।
सवाल: इस परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट सबसे बड़ा चैलेंज होता है। कैसे फेस किया?
जवाब: अगर आप लाइफ में कुछ करना चाहते हैं तो आपको टाइम निकालना पड़ता है। कभी-कभी हमारे पास बिल्कुल टाइम नहीं होता। कभी-कभी मेरा मन भी पढ़ने को नहीं करता था, लेकिन उसके बावजूद टाइम निकालना पड़ता था। कोविड के दौरान भी मैंने अपनी मेंस की तैयारी शुरू कर दी थी।
शिवांगी का पहले शिक्षा विभाग के सहायक संचालक पद पर सिलेक्शन हो चुका है।
शिवांगी का पहले शिक्षा विभाग के सहायक संचालक पद पर सिलेक्शन हो चुका है।
सवाल: मेंस में सब्जेक्ट को लेकर आपने किस तरह से तैयारी की?
जवाब: मैं सप्ताह के हिसाब से अपना टाइम टेबल बना लेती थी। हर सब्जेक्ट को पॉइंट वाइज पढ़ती थी। मैंने कभी खुद को स्ट्रेस नहीं दिया कि मुझे 10 घंटे पढ़ना है। मैंने मेंस की परीक्षा अंग्रेजी मीडियम से दी थी और मार्केट में अंग्रेजी मीडियम के मटेरियल काफी कम हैं। इसलिए मैंने अपने नोट्स खुद ही बनाए। इसके अलावा इंटरनेट और टेलीग्राम से भी मुझे काफी मदद मिली।
सवाल: इंटरव्यू के सवालों लेकर हमेशा अप्रोच रहती है, आपसे किस तरह के सवाल इंटरव्यू में पूछे?
जवाब: 2020 में मैंने पहला इंटरव्यू दिया था, वह थोड़ा सा स्ट्रेसफुल था। हालांकि, पहली बार इंटरव्यू देने से आपको एक एक्सपीरियंस हो जाता है। दूसरी बार इंटरव्यू देना वाकई कम्फर्टेबल होता है। लोगों को लगता है कि इंटरव्यू काफी स्ट्रेसफुल रहता है। जबकि, ऐसा नहीं है, वहां मौजूद पैनल काफी कोआॅपरेटिव होते हैं।

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खंडवा में एक के बाद एक 26 गैस सिलेंडरों में ब्लास्ट

बीती रात घासपुरा उर्दू स्कूल के पास गैस सिलेंडर के गोदाम में आग लग गई। वहां एक के बाद एक 26 टंकियों में ब्लास्ट हुआ। धमाके की आवाज से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है। 7 लोग घायल हैं। गैस गोदाम पर 20 से ज्यादा फायर ब्रिगेड की मदद से रात 10.15 बजे आग पर काबू पा लिया गया है। अवैध गोदाम पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया है। राजेश उर्फ राजा पंवार का परिवार गैस रिफिलिंग का काम करता है। उसने घर में गोदाम बना रखा था। उसके घर में 150 से ज्यादा सिलेंडर रखे हुए थे। यहां हर 10 मिनट में विस्फोट हो रहा था। हादसे में राजेश पवार पत्नी माधुरी, पुत्र रोशन और दीपक, भानु भांवरे, हर्षल भगत और सतीश विश्वकर्मा घायल हैं। माधुरी और दीपक को इंदौर रेफर किया गया है।

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कई जगहों पर महसूस किए गए झटके, रिएक्टर स्केल पर 3.3 रही तीव्रता

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर भूकंप आया। रिएक्टर स्केल में इसकी तीव्रता 3.3 नापी गई है। जिसके बाद जिले में हड़कंप मच गया। लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए। हालांकि 3.3 की तीव्रता ज्यादा नहीं मानी जाती है। भूकंप का केंद्र मध्यप्रदेश के सिंगरौली में था। सिंगरौली में दोपहर 2.50 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जिले के माडा, देवसर, चितरंगी और बैढ़न तहसीलों में कहीं-कहीं हल्के कंपन महसूस किए गए है। 3.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ है, जिसका अवकेंद्र (हाइपोसेंटर) 4 किलोमीटर गहराई पर था। मौसम विभाग भोपाल ने इसकी पुष्टि की है। आपको बता दें कि जुलाई 2022 से सिंगरौली जिले से सटे छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में 6 बार भूकंप आ चुका है। इस बार भूकंप का असर सिंगरौली जिले में भी देखने को मिला है।

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इफळर मुक्त होगा भोपाल…4 साल में 3 रिव्यू, फैसला अब

360 करोड़ रु. में बना, लेकिन प्लानिंग बेतरतीब; फ्लाईओवर-मेट्रो के बाद यह बेकार

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
भोपाल में 24किमी लंबे इफळर कॉरिडोर को हटाने पर आखिरकार सहमति बन गई है। 13 साल पहले इसे बनाने में 360 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जबकि मेंटेनेंस पर हर साल लाखों रुपए खर्च होते रहे, फिर भी कॉरिडोर पर हादसे कम नहीं हुए। यही वजह है कि कई मौकों पर मंत्री से लेकर विधायक तक इसे हटाने को लेकर पैरवी करते रहे। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में जब कॉरिडोर पर चर्चा शुरू हुई तो दो मंत्री, दो विधायक और महापौर ने हटाने की बात कह दी। कॉरिडोर हटाए जाने के निर्णय से वे सभी ज्यादा खुश हैं, जो हर रोज बैरागढ़ और होशंगाबाद रोड पर जाम में फंसते रहे हैं। साल 2009-10 में मिसरोद से बैरागढ़ तक लगभग 24 किमी लंबा बीआरटीएस कॉरिडोर बनाया गया था। तब इस पर 360 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। बीसीएलएल (भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड) और नगर निगम ने 13 साल में कॉरिडोर के रखरखाव पर लाखों रुपए खर्च किए। बावजूद कॉरिडोर से गुजरने वाले लाखों लोगों के लिए यह मुसीबत बना रहा।
कॉरिडोर से कॉलोनियों
को जोड़ा नहीं
इंस्टीट्यूट आॅफ टाउन प्लानर्स आॅफ इंडिया (आईटीपीआई) के जनरल सेक्रेटरी वीपी कुलश्रेष्ठ का कहना है कि भोपाल में बीआरटीएस बना ही गलत। शहर की सबसे मुख्य सड़क पर बीआरटीएस बना दिया गया, लेकिन इसे आसपास की कॉलोनियों से नहीं जोड़ा गया। यानी लास्ट माइल कनेक्टिविटी नहीं दी गई। शहर की सबसे प्रमुख सड़क होने के कारण स्वाभाविक रूप से फ्लाईओवर भी वहीं आए और डेडिकेटेड कॉरिडोर को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। अब मेट्रो भी आ रही है, ऐसे में बीआरटीएस को हटा देना ही ठीक है। बता दें, इंस्टीट्यूट आॅफ टाउन प्लानर्स आॅफ इंडिया (आईटीपीआई) देशभर के टाउन प्लानर्स का संगठन है। बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने के लिए मंगलवार को सहमति बन गई। मंत्री और विधायकों ने इसे हटाने को कहा है।

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टढढरउ में प्रिया पाठक ने किया टॉप

सतना। मप्र लोक सेवा आयोग ने मंगलवार देर रात राज्य सेवा परीक्षा-2019 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। 87 फीसदी पदों (मुख्य भाग में शामिल) पर चयन सूची जारी की गई है। डिप्टी कलेक्टर श्रेणी की सूची में पहले नंबर पर प्रिया पाठक, दूसरे पर शिवांगी बघेल और तीसरे नंबर पर पूजा सोनी हैं। राहुल कुमार पटेल, निधि मिश्रा, हरनीत कौर कलसी, सौरभ मिश्रा, सलोनी अग्रवाल, रीतिका पाटीदार, आशुतोष मह्मदेव सिंह ठाकुर के नाम मेरिट लिस्ट में हैं। डीएसपी चयनित अभ्यर्थियों में पहला नाम रुचि जैन, दूसरा ललित बैरागी और तीसरे नंबर पर हर्ष राठौर का है।

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