Hindustanmailnews

मध्य प्रदेश

सीवर लाइन के गड्ढे में गिरा मजदूर, मौत:सतना में 22 फीट गहराई पर मलबे में दबा था; 5 घंटे चला रेस्क्यू

सतना। सतना में सीवर लाइन प्रोजेक्ट के गड्ढे में गिरे मजदूर की मौत हो गई। वह 22 फीट गहराई में मलबे में दबा हुआ था। करीब 5 घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। हादसा शहर के मारुति नगर क्षेत्र की शारदा कॉलोनी में गुरुवार शाम करीब साढ़े 6 बजे हुआ था।
मजदूर का नाम खिलाड़ी कुशवाहा (24) था। वह एन विराट नाम की कंपनी का कर्मचारी था। खिलाड़ी के गड्ढे में गिरने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस, प्रशासन और एसडीईआरएफ की टीम पहुंच गई थी। मजदूर के परिजन भी वहां पहुंच गए थे। उनका रो रो कर बुरा हाल है। सांसद गणेश सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। चार जेसीबी की मदद से खुदाई की जा रही थी। सीवर लाइन प्रोजेक्ट के गड्ढे में गिरे मजदूर को बचाने के लिए चार मशीनों से खुदाई की गई। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। सीवर लाइन प्रोजेक्ट में लगी एक मशीन के बकेट के नीचे ही मजदूर की लोकेशन मिली थी। बकेट को वहीं रोके रखा था, ताकि मिट्‌टी न धंस सके। लेकिन जेसीबी से जितनी मिट्‌टी हटाई जा रही थी, उतनी ही वापस भरभराकर गिर रही थी। बता दें कि कुछ महीनों पहले भी मारुति नगर में ही सीवर लाइन के ट्रेंच में मजदूर गिर गया था और उसके ऊपर मलबा भी भरभरा कर गिर गया था। घंटों की मशक्कत के बाद उसे सकुशल बाहर निकाला जा सका था।

सीवर लाइन के गड्ढे में गिरा मजदूर, मौत:सतना में 22 फीट गहराई पर मलबे में दबा था; 5 घंटे चला रेस्क्यू Read More »

मप्र के कर्मचारियों का डीए 14% बढ़ेगा:3% इन्क्रीमेंट लगेगा; 8% बढ़ेगा संविदाकर्मियों का वेतन

राज्य सरकार फरवरी में आने वाले वोट एंड अकाउंट (लेखानुदान) में कर्मचारियों को 7 से 8 प्रतिशत तक डीए बढ़ाए जाने का वित्तीय प्रावधान करने जा रही है। दरअसल, मार्च 2025 तक कर्मचारियों का डीए 14% बढ़ाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके बाद यह 56% हो जाएगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6000 करोड़ रुपए की अ​तिरिक्त व्यवस्था की जा रही है।
अभी राज्य के 7.50 लाख कर्मचारियों को 42% डीए मिल रहा है, जो केंद्रीय कर्मचारियों को मिल रहे 46% से 4% कम है। हालांकि, इस भुगतान के लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है, जिस पर मंजूरी मिलना बाकी है।
इधर, 1 जनवरी से केंद्रीय कर्मचारियों का डीए फिर से मूल्य सूचकांक (बढ़ती महंगाई) के अनुसार 4% बढ़ाया जाना प्रस्तावित है, जिसकी जल्द केंद्र घोषणा करेगा। ताकि यह भुगतान लोकसभा चुनाव के पहले कर दिया जाए। राज्य सरकार ने फरवरी में लाए जा रहे लेखानुदान का अनुमान 1 अप्रैल 2023 से 30 नवंबर 2023 के बीच हुई आय के आधार पर तैयार किया है। इसी के अनुसार 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक के लिए खर्च की व्यवस्था की जाएगी।
जुलाई 2023 से लंबित डीए के लिए चाहिए 1280 करोड़ रुपए
मप्र में विधानसभा चुनाव होने की वजह से अक्टूबर में आचार संहिता प्रभावी हो गई थी। इसलिए 1 जुलाई 2023 से लंबित 4% डीए का उन्हें भुगतान नहीं किया जा सका। इस बढ़े हुए डीए का भुगतान करने पर हर महीने 160 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्चा आएगा। यदि बढ़े हुए एरियर के डीए का भुगतान किया जाता है तो यह खर्च 1280 करोड़ रुपए होगी। इस राशि को​ फिलहाल अभी वोट एंड अकाउंट में शामिल नहीं किया गया है।

रिटायर्ड बिजली कर्मि​यों को भी देना होगा इन्क्रीमेंट : हाईकोर्ट
30 जून को रिटायर्ड हुए बिजली कंपनी के चार कर्मचारियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने निर्देश दिया है कि 1 जुलाई को हुई वेतनवृद्धि का लाभ इन कर्मचारियों को भी दिया जाए और 3 माह के भीतर पेंशन में सुधार करते हुए पुन‍: पीपीओ जारी किया जाए।
रामनरेश तोमर और हरि बाबू 30 जून 2021 को और अंबिका चरण वर्मा व सियाराम रजक 30 जून 2022 को रिटायर्ड हुए। हर साल की तरह 1 जुलाई को बिजली कंपनी ने कर्मचारियों, अधिकारियों को वेतनवृद्धि का लाभ दिया, लेकिन 30 जून को रिटायर्ड हुए कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया।

मप्र के कर्मचारियों का डीए 14% बढ़ेगा:3% इन्क्रीमेंट लगेगा; 8% बढ़ेगा संविदाकर्मियों का वेतन Read More »

20 इलाकों में 6 से 7 घंटे गुल रहेगी बिजली;कोहरे की वजह से ट्रेनें लेट होंगी

सुबह 10 से शाम 4 बजे तक भोपाल टाउन, जाटखेड़ी, गोल्डन वैली, इडन पार्क, हर्षवर्धन नगर, पंचशील नगर, एमएसीटी कॉलेज, विराशा हाइट्स, अवंतिका होम्स, जैन मंदिर, बंजारी सी सेक्टर, गिरधर परिसर, जेके टाउन एवं आसपास के इलाके।
कई ट्रेनें भी कैंसिल रहेंगी, ध्यान रखें- बिलासपुर-इंदौर, कमलापति-संत्रागाछी, बिलासपुर-भोपाल, शालीमार-भुज और दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस 16 जनवरी तक कैंसिल रहेगी।
यात्रा करने से पहले यात्रा रेलवे से पूछताछ करे-
कोहरे की वजह से कई ट्रेनें लेट होंगी। इसलिए जानकारी लेकर ही यात्रा करें।

20 इलाकों में 6 से 7 घंटे गुल रहेगी बिजली;कोहरे की वजह से ट्रेनें लेट होंगी Read More »

पड़ताल: मप्र में 20 साल में आई 75% कमी; 2018 से 23 में हुई सिर्फ 92 बैठक

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्यों की विधानसभा में बैठकों की घटती संख्या पर चिंता जताई है। भोपाल में विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बैठकों की कम संख्या लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है।
लोकसभा अध्यक्ष की इस चिंता पर ने मध्यप्रदेश विधानसभा का रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि 20 साल में बैठकों की संख्या 75% घट गई है। 11वीं विधानसभा में दिग्विजय शासनकाल (1998-2003) में पांच साल के दौरान 278 बैठकें हुई थीं। यह संख्या 15वीं विधानसभा (2018-2023) तक आते-आते घटकर 92 रह गई। इसमें कुछ सत्रों को छोड़ दें तो अधिकतर सत्र तय की गई अवधि से पहले ही खत्म हो गए।
ज्यादा दिन तक सत्र
चलाने में रुचि नहीं
जानकार कहते हैं कि सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, किसी की भी रुचि अब ज्यादा दिन तक सत्र चलाने में नहीं रह गई है। सरकार का जोर इस बात पर रहता है कि विधायी कार्य पूरे हो जाएं। वहीं, विपक्ष शुरूआत से ही हंगामा करना शुरू कर देता है। अब हालत यह बनने लगी है कि प्रश्नकाल तक पूरा नहीं हो पाता और अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ती है। सदन के सुचारू संचालन में पक्ष और विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जाहिर है कि दोनों पक्ष इसके लिए एक-दूसरे को ही जिम्मेदार बताते हैं।
अब जानिए, सत्र को लेकर कितनी गंभीरता
मध्यप्रदेश का बजट सत्र 7 से 19 फरवरी तक प्रस्तावित है। इस दौरान सिर्फ 8 बैठकें होंगी। सरकार सत्र में लेखानुदान पेश करेगी, जो करीब एक लाख करोड़ रुपए का होना संभावित है। जिस बजट के लिए प्रदेश में कभी 31 बैठकें होती थीं, वह अब सिमटते-सिमटते हफ्ते-दस दिन की बैठकों तक सीमित रह गया है। 11वीं विधानसभा में 25 से लेकर 31 बैठकों में बजट पारित हुआ, लेकिन 15वीं विधानसभा आते-आते 22 साल में बजट जैसे गंभीर मामले में बैठकों की संख्या 8 से 13 के बीच रह गई।
1999 में बजट सत्र
52 दिन का रहा
मध्यप्रदेश की 11वीं विधानसभा में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने फरवरी-मार्च 1999 में बजट पेश किया था। यह सत्र 52 दिन का था। यह अब तक की पांच विधानसभाओं का सबसे ज्यादा बैठकों का बजट सत्र रहा है। 31 बैठकों में बजट पर विधायकों ने चर्चा की, तब मध्यप्रदेश का बजट पारित हुआ

पड़ताल: मप्र में 20 साल में आई 75% कमी; 2018 से 23 में हुई सिर्फ 92 बैठक Read More »

सीएम डॉ. मोहन लाड़ली बहनों को ट्रांसफर करेंगे 1576.61 करोड़शिवराज बोले- बहनों, आज 10 तारीख है, खुशियों का सूरज चमकता रहेगा

15 जनवरी तक मनाए जाने वाले महिला सशक्तिकरण सप्ताह की शुरूआत महिलाओं को उपहार में कंगन और मिठाई देकर की। इसे मकर संक्रांति उत्सव नाम दिया गया।
कहा- मोदी जी जो कहते हैं वो करते हैं- डॉ. मोहन यादव बोले, मोदी जी ने कहा हमारे देश में केवल चार जातियां हैं। महिला, युवा, किसान और गरीब। इतना सुंदर विचार उनके अंदर आता है। वो जो कहते हैं वो करते हैं। भाषण की शुरूआत बाबा महाकाल और मकर संक्रांति का जिक्र करते हुए की। उन्होंने कहा- हमारे त्योहार को मनाने का तरीका और प्रकृति से उसका संबंध एक अलग एहसास कराता है।
पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कहा- आज 10 तारीख है। मध्यप्रदेश की मेरी लाड़ली बहनों, आज लाड़ली बहना दिवस है और आज ही आपके खाते में फिर 1250 रुपए आने वाले हैं। मेरे लिए सारी बहनें देवी का रूप हैं और महिला सशक्तिकरण मेरे जीवन का मिशन है। अब लाड़ली बहनें, लखपति बहनें बनें… मैं इसके अभियान में जुटूंगा।
मैं हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव को और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद और बधाई देता हूं कि यह योजना निरंतर जारी रहेगी। मप्र में भाजपा की सरकार मां, बहन और बेटी के जनकल्याण में जुटी रहेगी। शिवराज ने सोशल मीडिया पोस्ट भी की। मेरी बहनों के जीवन में खुशियों का सूरज हमेशा चमकता रहे, यही कामना है और इसके लिए मैं जीवनपर्यंत प्रयास करता रहूंगा।

सीएम डॉ. मोहन लाड़ली बहनों को ट्रांसफर करेंगे 1576.61 करोड़शिवराज बोले- बहनों, आज 10 तारीख है, खुशियों का सूरज चमकता रहेगा Read More »

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights