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मध्य प्रदेश

14 की रात मकर राशि में प्रवेश करेंगे सूर्य, 15 को मनेगा पर्व

हिन्दुस्तान मेल, धार
पंचांग की गणना के अनुसार 14 जनवरी की रात तीन बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्वकाल मनाया जाएगा। धर्मशास्त्रीय मान्यता और भारतीय ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांत के अनुसार जब संक्रांति का क्रम सायं अथवा रात्रि या अपर रात्रि में हो तो पर्वकाल अगले दिन मनाने की बात कही गई है। इस दृष्टिकोण से 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल मनाना शास्त्रसम्मत रहेगा। इस दिन तीर्थ स्नान तथा तिल, गुड़ व मूंग की दाल-चावल की खिचड़ी के दान का विशेष महत्व है। इस बार मकर संक्रांति को लेकर पतंग, मिष्ठान्न और अन्य खाद्य पदार्थों से दुकानें सज चुकी हैं।
मकर के अवसर पर तिल के लड्डू का विशेष महत्व है। घरों में तिल के लड्डू बनाने की पुरानी प्रथा रही है, लेकिन बीते कुछ सालों से लोग इसे रेडीमेड ही खरीदना पसंद कर रहे हैं। इसी के चलते शहर के मिष्ठान्न दुकानों में इन दिनों तिल के लड्डू, तिल के गजक, गुड़ और फल्ली के लड्डू, मुर्रा लड्डू आदि जैसे खाद्य पदार्थ दुकानों की शोभा बढ़ा रहे हैं। इन दिनों बाजार में तिल के लड्डू चार से साढ़े चार सौ रुपए किलो तक में बिक रहे हैं, जिसकी मुख्य वजह है… तिल और गुड़ के बढ़े हुए दाम। पिछले साल की तुलना में तिल और गुड़ के दामों में बढ़ोतरी हुई है। शहर के किराना दुकानों में तिल 240 से 250 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है, वहीं गुड़ 45 से 50 रुपए प्रतिकिलो बाजार में बिक्री हो रही है। हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि गन्ना लगाने से लेकर गुड़ बनाने तक की लागत अधिक आने के कारण गुड़ के दामों में तेजी आई है।
15 जनवरी को
मनेगी संक्रांति
इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को रवि योग के शुभ संयोग में मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान कर श्रद्धालु सूर्यदेव की पूजा कर दान-पुण्य करने के साथ अपने और अपने परिवार समाज की खुशहाली की कामना करेंगे। ज्योतिष अशोक शास्त्री के अनुसार 2025 व 2026 में मकर संक्रांति 14 जनवरी और 2027 व 2028 में 15 जनवरी को मनेगी।
सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ
ज्योतिष शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य व पूजा अर्चना करने से परिवार में कुशलता बनी रहती है। स्वास्थ्य उत्तम रहने के साथ यश-कीर्ति में वृद्धि होती है। गंगा स्नान का इस दिन विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन व दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है। भगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए इस दिन तांबे के पात्र में जल के साथ काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन जरूरतमंदों को दान-पुण्य करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। इस बार मकर संक्रांति का वाहन अश्व व उपवाहन सिंह रहेगा। वाहन अश्व होने से जनहितैषी कार्यों की गति बढ़ेगी तथा उपवाहन सिंह होने से विशेष प्रभाव दिखाई देगा।

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भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल में कहा- संगीत नहीं सीखा, क्योंकि मुझे क्लास से बाहर निकाल दिया था

भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल में पॉप सिंगर उषा उत्थुप ने कहा, ह्यमैं 100% ओरिजनल सिंगर हूं। संगीत मेरे खून में है। मेरा मकसद सबके चेहरे पर मुस्कुराहट लाना है। मैंने संगीत नहीं सीखा, क्योंकि मुझे तो क्लास चौथी में संगीत क्लास से बाहर निकाल दिया गया था। इसकी वजह यह था कि मेरी आवाज भारी थी। सोसायटी फॉर कल्चर एंड एनवायरनमेंट के 6वें भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल (बीएलएफ) का आगाज शुक्रवार को भारत भवन में हुआ। फेस्टिवल के पहले दिन कई विद्वान शामिल हुए। इनमें पॉप सिंगर उषा उत्थुप का भी सेशन रहा। करीब 1 घंटे तक उन्होंने अपने बारे में एक-एक बात बताई। दर्शकों के सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा भी की।
म्यूजिक में करियर बनाने का ख्याल कैसे आया – संगीत और मेरी आॅडियंस मेरे लिए सब कुछ है। एक कलाकार के लिए उसकी आॅडियंस के प्यार से बढ़कर और कुछ भी नहीं। लोग हमेशा सोचते हैं कि ये तो इंग्लिश गाती है, हमारे लिए क्या गाएगी। बाकी सिंगर्स की तरह मेरे पास 10 हजार, 20 हजार, 30 हजार आॅडियंस तो नहीं है, लेकिन मेरे पास आप लोग हैं, जो मेरे 54 साल के संगीत की कमाई हैं। बाय चांस मैं संगीत की दुनिया में आ गई। पहले से कोई प्लान नहीं था। मेरे पिता, दादा सब संगीत से ताल्लुक रखते हैं और मैं भी हिस्सा बन गई। तब सिर्फ रेडियो हुआ करता है। किसी को कॉपी नहीं कर सकते थे। मैं कह सकती हूं कि मैं 100 % ओरिजनल सिंगर हूं। संगीत मेरे खून में है।
ज्यादातर लोगों ने सोचा कि ये साउथ इंडियन लड़की कांजीवरम साड़ी में नाइट क्लब में क्या कर रही है। मैंने पहले दिन 3-4 गाने गाए। फिर मैंने लोगों को बताया कि मेरा नाम उषा उत्थुप है। मैं बॉम्बे से हूं। केरला में शादी हुई है और अब मैं कोलकाता में रह रही हूं।
कलकत्ता के नाइट क्लब में इंग्लिश सॉन्ग कैसे गाने लगीं?- 1969 में सिर्फ एंग्लो इंडियन ही नाइट क्लब में गाना गाया करते थे। पहले का माहौल बहुत अलग था। सिर्फ लड़के/आदमी ही नाइट क्लब जाते थे। फिर मैं कांजीवरम साड़ी में गाने लगी। मुझे औरतों का सपोर्ट बहुत ज्यादा मिला और वहीं से महिला शक्ति की शुरूआत हुई। मेरी आॅडियंस में शानदार महिलाएं थीं, जिन्होंने ये नहीं सोचा कि सिर्फ मर्द ही नाइट क्लब में गा सकते हैं। धीरे-धीरे मैं नाइट क्लब परिवार का हिस्सा बन गई। लोग नाइट क्लब में अपनी बेटियों – बहनों के साथ मेरा गाना सुनने आने लगे।

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सुबह कोहरा, रात में ठंड: ग्वालियर-भोपाल समेत आधे प्रदेश में धुंध छाई

मध्यप्रदेश में मौसम ने फिर करवट बदली है। सुबह कोहरा छा रहा है तो रातें ठंडी हैं। वहीं, दिन में टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को प्रदेश में ऐसा ही मौसम रहा। ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 1 से 5 डिग्री तक बढ़ गया। शनिवार को ग्वालियर-भोपाल समेत आधे प्रदेश में मध्यम से घना कोहरा छाया रहा।
शुक्रवार को रीवा सबसे ठंडा रहा। यहां दिन का तापमान 22.6 डिग्री दर्ज किया गया। इसके बाद ग्वालियर दूसरा सबसे ठंडा शहर रहा। यहां टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री बढ़कर 27.8 डिग्री पहुंच गया। इंदौर में 27.8 डिग्री, जबलपुर में 25.4 डिग्री और उज्जैन में 28 डिग्री पारा रहा।
खंडवा सबसे गर्म, पारा 29 डिग्री के पार- शुक्रवार को रीवा सबसे ठंडा और खंडवा सबसे गर्म रहा। रीवा में पारा 22.6 डिग्री और खंडवा में 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। खजुराहो, सीधी, पचमढ़ी, टीकमगढ़, नौगांव और मलाजखंड में दिन का तापमान 25 डिग्री से कम रहा।
आज ऐसा रहेगा मौसम- हल्के से मध्यम कोहरा: भोपाल, रीवा संभाग के साथ मंडला, अशोकनगर, शिवपुरी, मुरैना, श्योपुर, पन्ना, दमोह, सागर, धार, बड़वानी और अलीराजपुर जिलों में। विजिबिलिटी 200 से 800 मीटर के बीच रह सकती है। मध्यम से घना कोहरा: ग्वालियर, दतिया, भिंड, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में। यहां विजिबिलिटी 50 से 500 मीटर तक रहने का अनुमान है।
इसलिए बदला मौसम का मिजाज- कटऊ, भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस अफगान-ईरान के आसपास है। इस वजह से विंड पैटर्न बदल गया है। राजस्थान के आसपास प्रति चक्रवात की एक्टिविटी है। इन वजहों से अगले 2 से 3 दिन तक कोहरा रहेगा। इसके बाद रात के टेम्प्रेचर में कुछ गिरावट हो सकती है, लेकिन 16 जनवरी से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने का अनुमान है। इससे रात के तापमान ज्यादा नहीं लुढ़केंगे।
सिस्टम के बाद ठंड बढ़ेगी- मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, सिस्टम गुजरने के बाद ही रात के तापमान में गिरावट होगी और ठंड असर दिखाएगी। हालांकि, दिन ठंड रहेंगे। ज्यादातर शहरों में टेम्प्रेचर 25 डिग्री के आसपास ही रहेंगे।

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मोहन कार्यकाल में पहला महीना

एक महीने के दौरान डॉ. यादव ने अपने फैसलों और वर्किंग स्टाइल से इसी तरह के मैसेज दिए हैं- ब्यूरोक्रेट्स को और जनता को। पिछले महीने 11 तारीख को विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने के दो दिन बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन पॉवरफुल सीएम हुए… 30 दिसंबर को जब मंत्रियों को विभाग बांटकर काम सौंपा। डॉ. यादव ने गृह, जेल, उद्योग, खनिज जैसे महत्वपूर्ण महकमों की कमान सीधे तौर पर अपने पास रखी, यानि ये विभाग किसी मंत्री को नहीं दिए। जाहिर है, यह निर्णय दिल्ली का ही था… खास रणनीति के तहत, खास संदेश के साथ। एक महीने के दौरान लिए बड़े फैसलों, मैसेज और सामने आए सवालों को समझते हैं।
शपथ लेने के तीसरे दिन छिंदवाड़ा पहुंचे। मंच पर कलेक्टर से बात करते हुए कहा- कलेक्टर साहब ध्यान रखिए पटवारी से गलती हुई तो आप पर भी कार्रवाई होगी। संदेश था- गड़बड़ी हुई तो बड़े भी नहीं बचेंगे। ऐसा कर भी दिया। गुना बस हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए। फळड को तो सस्पेंड किया ही, परिवहन आयुक्त व विभाग के प्रमुख सचिव तक को हटा दिया। प्रदेश में ऊपर तक की कार्रवाई पहली मर्तबा हुई। सबसे चर्चित फैसला तो शाजापुर कलेक्टर को हटाने का रहा। कलेक्टर ने एक बैठक में ड्राइवर को औकात दिखाने की बात कह दी थी। अगले दिन मुख्यमंत्री ने कहा- ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं। कुछ मिनट बाद कलेक्टर को भोपाल बुलाने का आदेश जारी हो गया। दरअसल, शिवराजसिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान अफसरशाही के हावी होने की बातें पार्टी फोरम में भी चर्चा का विषय बनती रहीं। शिवराज ने अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में इस बात को समझा और फिर ‘नायक’ स्टाइल में मौके पर ही फैसले सुनाना शुरू कर दिए। मंच से ही अफसर सस्पेंड। कलेक्टर-एसपी को चेतावनी। तब तक देर हो चुकी थी। नए मुख्यमंत्री ने बिना देर किए इस देरी को समझ लिया। शिवराजसिंह चौहान की मुख्यमंत्री पद से विदाई के बाद से ही सबसे ज्यादा चर्चा लाड़ली बहनों को लेकर हुई। सवाल उठने लगे कि 10 तारीख को लाड़ली बहना के खाते में रुपए आएंगे या नहीं? 10 तारीख आई और लाड़ली बहनों के खाते में रुपए भी आए। पहले की तरह इवेंट भी हुआ। महिलाओं ने नए मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि लाड़ली बहना योजना चलती रहेगी। राशि 1250 से बढ़ाकर 3000 रुपए तक ले जाने के शिवराज के वादे पर नई सरकार ने अभी रुख स्पष्ट नहीं किया है।
वैसे भी भाजपा के घोषणा-पत्र में जिक्र था- लाड़ली बहनों को आर्थिक मदद जारी रहेगी। 3000 रुपए को लेकर पार्टी ने कोई औपचारिक वादा नहीं किया, यानि 1250 रुपए ही हर महीने मिलेंगे।
मुख्यमंत्री एक महीने के दौरान पांच संभागों में पहुंचकर समीक्षा कर चुके हैं। बैठकों के दौरान अफसरों के परफॉर्मेंस को भी देखा जा रहा है। जबलपुर संभाग की बैठक के बाद जबलपुर कलेक्टर सौरव कुमार सुमन को हटा दिया। ऐसा पहली बार हो रहा है कि मुख्यमंत्री संभागीय मुख्यालय पर पहुंचकर पूरे संभाग का रिव्यू कर रहे हैं। इससे पहले राजधानी से ही संभागों की समीक्षा होती थी और संभागीय मुख्यालय एक तरह से डाकिए की भूमिका में थे।
नई व्यवस्था में वल्लभ भवन में बैठे वरिष्ठ अफसरों को भी फील्ड में जाने की आदत डालने के लिए संभागों का जिम्मा सौंपा। अपर मुख्य सचिवों को संभागीय प्रभारी नियुक्त कर उन्हें संभाग की जिम्मेदारी दी है।

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सरकार ने सभी विभागों से मांगा एक्शन प्लान 2047, उधर रोडमैप बनाने में अफसर कर रहे देरी

2047 में आजादी के सौ साल पूरे होने पर विकसित भारत की थीम पर काम कर रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के निर्देश पर एमपी में भी मोहन सरकार ने अमल शुरू कर दिया है। डॉ मोहन यादव सरकार अगले 23 साल में एमपी के विकास का खाका तैयार करना चाहती है। इसीलिए 2047 के एमपी को लेकर राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों से एक्शन प्लान 2047 मांगा जा रहा है। इस एक्शन प्लान में बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल संकल्पों को भी शामिल करने के निर्देश विभागों को दिए गए हैं। इसके साथ ही अफसरों से एक साल, पांच साल में किए जाने वाले एक्शन प्लान को भी बताने के लिए कहा गया है। इसकी जानकारी सभी विभागों को संकल्प पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने जीएडी के निर्देश के बाद विभागों से इसकी जानकारी मांगी है। इस मामले में विभागीय देरी के चलते सभी विभागों से कहा गया है कि वे अपने विभाग की कार्ययोजना 19 जनवरी तक विभागीय मंत्री के अनुमोदन के साथ संकल्प पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसमें पीपीटी फार्म में भी एक्शन प्लान देने के लिए कहा गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी विकसित भारत अभियान 1947 से 2047 को टारगेट कर योजनाएं और कार्यक्रम तय कर रही है और राज्यों से इसकी प्लानिंग मांग रही है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि अपने विभाग की विभागीय कार्ययोजना का चिन्हांकन और प्रस्तुतिकरण करने का काम सभी को करना है। इसमें सौ दिन, एक साल, पांच साल और वर्ष 2047 तक की कार्ययोजना विभाग वार तैयार की जाना है। 23 दिसम्बर को जारी निर्देश में इसकी पूरी डिटेल 15 दिन में तैयार कर मुख्य सचिव कार्यालय को दस जनवरी के पहले देने के लिए कहा गया था लेकिन कई विभाग अब तक इस पर काम नहीं कर पाए हैं।

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