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मध्य प्रदेश

एंजॉय… रेन-पूल डांस के साथ फन गेम्स, खूब उड़ेगा गुलाल

भोपाल में हर साल स्पेशल होली इवेंट की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें एक तरफ आप रेन डांस, पूल डांस आदि को गुलाल के साथ एंजॉय कर सकते हैं। दूसरी तरफ लाइव ढोल, वॉटल बैलूंस के साथ फन गेम्स भी खेल सकते हैं। ये सभी इवेंट्स होली थीम पर अलग-अलग रिसॉर्ट व कई ओपन स्पेस में आयोजित किए जा रहे हैं।
भोपाल में करीब 30 से अधिक जगह होली पब्लिक इवेंट आयोजित किए जा रहे हैं। सभी जगह अलग-अलग थीम पर होली मनाई जाएगी। इन सभी की जानकारी पेटीएम इनसाइड और बुक माय शो पर मौजूद है। यहां से इन पार्टीज में जाने के लिए बुकिंग भी कर सकते हैं।
अनलिमिटेड गुलाल
के साथ रेन डांस
होशंगाबाद रोड पर गौरी ग्रींस में होने वाले इवेंट के बारे में इवेंट आॅर्गनाइजर यश राय ने बताया कि यहां अनलिमिटेड गुलाल के अलावा रेन डांस और डीजे भी रखा गया है। इसके लिए पेटीएम इनसाइडर से बुकिंग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमने हर साल की तरह इस बार भी खास होली इवेंट आयोजित किया है। यहां बेहतरीन फूड और होली थीम पर कई तरह के गेम्स होंगे।

युवाओं की खास पसंद का रखा ध्यान
लाइव ढोल होली में भी भाग ले सकते हैं। 9 ऐप रिसॉर्ट रातीबढ़ में होने वाले होली सेलिब्रेशन में लाइव ढोल होली सेलिब्रेट कर सकते हैं, वहीं यहां पूल होली भी गुलाल के साथ मना सकते हैं। यहां बॉलीवुड थीम पर डीजे भी रखा गया है, जो कि युवाओं की खास पसंद भी है। यहां के पास 9 एमएम और दस्तूर फॉर्म की सोशल मीडिया साइट से कलेक्ट कर सकते हैं।
संगीत के साथ होगी दौड़
होशंगाबाद रोड पर पहली होली-थीम वाली दौड़ आयोजित की जा रही है। यहां होली के मनमोहक रंगों व संगीत के साथ दौड़ होगी। इसके बाद जुम्बा, डांस और रोमांचक पार्टी होगी। यहां जुम्बा और योग पार्टी व किड्स एरिया भी रहेगा, जहां बच्चों के लिए भी कई तरह की गतिविधियां होंगी, वहीं कई के लकी ड्रॉ भी निकाले जाएंगे।

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कोचिंग के नाम से फर्जी मैसेज भेजे गए पिता को इंदौर के एक लड़के पर शक

कोटा में नीट की तैयारी कर रही छात्रा की किडनैपिंग केस में पुलिस के हाथ अब तक खाली है। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से फोन पर बात की है। उन्होंने जल्द से जल्द छात्रा को सुरक्षित घर पहुंचाने की बात कही है। लड़की मध्य प्रदेश के शिवपुरी की रहने वाली है।
इधर, छात्रा की तलाश और आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया है। दिल्ली और इंदौर भी टीम को भेजा गया है। किडनैपर ने छात्रा के पिता से 30 लाख रुपए फिरौती मांगी है। रुपए नहीं देने पर छात्रा को जान से मारने की धमकी दी है। हालांकि केस में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं।
जानिए क्या
है पूरा मामला
दरअसल, कोटा में नीट की तैयारी कर रही काव्या धाकड़ (20) के अपहरण का मामला सोमवार को सामने आया था। वह मूल रूप से शिवपुरी (टढ) के बैराड़ की रहने वाली है। किडनैपर ने छात्रा के पिता रघुवीर धाकड़ को मैसेज कर फोटो भेजा था। फोटो में छात्रा को रस्सी से बांधा हुआ था।
मैसेज के जरिए 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम नहीं देने पर छात्रा को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद पिता कोटा आए और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। छात्रा की मां भी कोटा आई। पुलिस ने दोनों के बयान लेकर जांच शुरू की, जिसके बाद हर सवाल पर एक सवाल खड़ा हो गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की और कहा कि पुलिस जल्द से जल्द तहकीकात कर हमारी बेटी को वापस लाए।
घटना की जानकारी मिलने के बाद केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की और कहा कि पुलिस जल्द से जल्द तहकीकात कर हमारी बेटी को वापस लाए।

मामले की जांच कर रहे कोटा के विज्ञान नगर थाने के सीआई सतीश कुमार से बात की। सीआई ने बताया कि शिवपुरी से छात्रा के माता-पिता कोटा आए हैं। पिता ने बताया कि बेटी 2019-20 में भी कोटा में भी नीट की तैयारी के लिए आई थी, लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हुआ था। नए सेशन के लिए अगस्त 2023 में अपनी मां के साथ कोटा आई थी। माता-पिता ने छात्रा की कोचिंग (फिजिक्सवाला) और हॉस्टल (पारस) बताया था। इस पर दोनों को कोचिंग और हॉस्टल लेकर गए। चौंकाने वाली बात सामने आई कि दोनों ही जगह छात्रा का एडमिशन नहीं था। सीआई ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने और लड़की की तलाश की जा रही है। फिलहाल मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
कोचिंग के नाम पर प्राइवेट नंबर से मैसेज
पिता रघुवीर धाकड़ ने बताया था कि बेटी का मां पीडब्लू कोचिंग में एडमिशन करवाकर गई थी। मामले में कोचिंग के कोटा कैंपस हेड दिनेश जैन ने बताया कि छात्रा का कोचिंग में एडमिशन नहीं हुआ। अगर एडमिशन होता तो हमारे रिकॉर्ड में होता। वह कोर्स की जानकारी लेकर भी जाते तो हमारे पास डिटेल होती।

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घर बनाना हुआ आसान… सरकार ने दी राहत

प्रदेश में अब 2000 वर्गफीट तक का मकान बनाने के लिए बिल्डिंग परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी। प्लॉट मालिक नगर निगम या नगर पालिका में शुल्क जमाकर निर्धारित मापदंड के हिसाब से भवन बनाएंगे तो निगम से अनुमति नहीं लेनी होगी। शुल्क जमा करते ही डीम्ड परमिशन जारी हो जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस फैसले से मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। अभी प्रदेश में 1000 वर्ग फीट तक के मकान के लिए परमिशन लेने की जरूरत नहीं है। यह सुविधा शुरू होने से भोपाल जैसे शहर में बिल्डिंग परमिशन शाखा का 90% काम खत्म हो जाएगा।
ये अधिकार चीफ सिटी प्लानर को
भोपाल में हर साल लगभग 6000 बिल्डिंग परमिशन होती हैं। इनमें से 2000 परमिशन निजी आर्किटेक्ट देते हैं, जिन्हें 3200 वर्गफीट तक की परमिशन देने के अधिकार हैं। नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा के इंजीनियर, जिन्हें 1800 वर्गफीट तक की परमिशन देने के अधिकार हैं, वे करीब 3000 परमिशन देते हैं। इनमें से ज्यादातर 800 से 1200 वर्गफीट प्लॉट पर होती है, शेष कमर्शियल परमिशन होती हैं, जिनके अधिकार चीफ सिटी प्लानर को हैं।

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भोपाल रेलवे स्टेशन पर बढ़ रहीं सुविधाएंचढ़ने-उतरने में यात्रियों को नहीं आएगी तकलीफ… लगेगा एक्सेलेटर

रेलवे भोपाल स्टेशन पर इन दिनों प्लेटफॉर्म-6 पर एस्केलेटर की सुविधा जल्द ही शुरू करेगा। इससे बुजुर्ग यात्रियों को राहत मिलेगी। स्टेशन के प्लेटफॉर्म-6 पर पहली बार एस्केलेटर की सुविधा रेलवे शुरू करने जा रहा है। इससे पहले तक यह सुविधा प्लेटफॉर्म-1 की तरफ से चालू है। बता दें कि इसके साथ भोपाल स्टेशन पर अब तीन एस्केलेटर हो जाएंगे। इसके अलावा करीब तीन लिफ्ट भी भोपाल स्टेशन पर यात्रियों के लिए मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि कंपनी द्वारा एस्केलेटर का काम पूरा कर लिया गया है। अब सिर्फ उसके आसपास की फ्लोरिंग का काम बचा है। इसको कंपलीट करते ही करीब एक सप्ताह में रेलवे इस सुविधा को शुरू कर देगा। बता दें कि रेलवे करीब डेढ़ महीने से इसे इन्स्टॉल करने का काम कर रहा है।

हजारों यात्रियों को
मिलेगी सुविधा
प्लेटफॉर्म-6 की तरफ से आने जाने वाले यात्रियों की बात की जाए तो करीब 20 हजार से अधिक यात्री इस तरफ से आते-जाते हैं। इसमें करीब 8 हजार से अधिक यात्री वृद्ध होते हैं। इसके अलावा स्टेशन के ओवर आॅल फुटफॉल की बात की जाए तो भोपाल स्टेशन पर रोजाना करीब 40 हजार से अधिक यात्री आते हैं, वहीं यहां रोजाना करीब 250 से अधिक ट्रेनें अप डाउन में गुजरती हैं। स्टेशन के अधिकारियों की मानें तो यह सुविधा जल्द ही यात्रियों के लिए शुरू की जाएगी।

इंट्रीग्रेटेड पार्किंग सुविधा भी शुरू
इससे पहले हाल ही में रानी कमलापति स्टेशन की तर्ज पर भोपाल स्टेशन पर भी इंट्रीग्रेटेड पार्किंग सुविधा रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजन के लिए शुरू की गई है। इसमें यात्रियों को दस मिनट की ड्रॉप एंड गो सुविधा भी दी गई है। बता दें कि प्लेटफॉर्म नंबर-6 की तरफ शुरू हुई इस सुविधा में यात्रियों को वक्फ पार्किंग की दाहिनी तरफ से एंट्री करनी है और बायीं तरफ से यात्री आपने वाहन को बाहर लेकर आएंगे।
एक नजर
’भोपाल स्टेशन पर रोजाना 40 हजार से अधिक यात्री एवं उनके परिजन आते -जाते हैं।
’ यहां से रोजाना 230 से अधिक ट्रेनें हॉल्ट लेकर गुजरती हैं।
’ स्टेशन पर कुल 6 प्लेटफॉर्म हैं।
’ इसके साथ स्टेशन पर हो जाएंगे 3 एस्केलेटर।

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कॉरिडोर : बगैर प्लानिंग काम बना मुसीबत, ट्रैफिक जाम के हालात्

करीब दो माह पहले शुरू हुआ बीआरटी कॉरिडोर हटाने का काम बेतरतीब तरीके से हो रहा है। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी ने अपने-अपने हिस्से की रेलिंग हटाने के लिए एजेंसी तय कर दी, लेकिन सड़क के बीच में बने बस स्टॉप और बिजली पोल हटाने के लिए कोई प्लान ही नहीं बना। नतीजा रेलिंग हटाने के बाद भी ट्रैफिक जाम के हालात् बने हुए हैं। अब तक लगभग 10 किमी कॉरिडोर हटाया जा चुका है, लेकिन 48 में से केवल 18 बस स्टॉप ही हटे हैं, यानि 30 बस स्टॉप सड़क के बीच में जमे हुए हैं। बैरागढ़ में पूरे 5 किमी का कॉरिडोर हट गया, लेकिन 4 बस स्टॉप अब भी सड़क के बीच में खड़े हैं।
सीएम के निर्देश पर शुरू हुआ था काम
कॉरिडोर हटाने के निर्देश खुद सीएम डॉ. मोहन या​दव ने 26 दिसंबर, 2023 को ​दिए थे। इसके करीब एक महीने बाद 20 जनवरी से बैरागढ़ से कॉरिडोर हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन इस एक महीने में संबंधित एजेंसियों में समन्वय के लिए कोई प्रयास नहीं हुए। ऐसे में बारबार बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने काम भी रोकना पड़ता है। ​नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधि​कारियों की ओर से बार-बार कहने के बाद भी बस स्टॉप हटाने का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
बस स्टॉप के लिए जगह ढूंढ़ना आसान नहीं
एक खास बात यह भी है कि बस स्टॉप हटाने के बाद कहां लगाना है… इसकी कोई जगह निर्धारित नहीं है। जिस कंपनी ने पीपीपी आधार पर बस स्टॉप लगाए हैं, उसे ही यह तय करना है कि सड़क के किनारे आसपास बस स्टॉप कहां लगा दिए जाएं। ग्रीन बेल्ट, साइकिल ट्रैक और फुटपॉथ आदि के कारण बस स्टॉप के लिए सड़क किनारे जगह ढूंढ़ना भी आसान नहीं है। कंपनी अपनी मर्जी से बस स्टॉप लगाएगी, जो बाद में ट्रैफिक जाम का कारण भी बन सकते हैं। कंपनी का दावा है कि बैरागढ़ जोन से पूरे बस स्टॉप हटा दिए गए हैं, जबकि हकीकत यह है कि बैरागढ़ जोन के 14 बस स्टॉप में से अब तक महज 10 बस स्टॉप ही हटाए गए हैं। जब कंपनी संचालक दीपक चौहान को हलालपुर बस स्टैंड के सामने मौजूद बस स्टॉप के फोटो भेजे तो उन्होंने कहा कि यह बस स्टॉप आज रात में हट जाएंगे। अगर कॉरिडोर को तीन हिस्सों में बांटा जाए तो बैरागढ़ से जीएडी चौराहा, कमला पार्क से रोशनपुरा और होशंगाबाद रोड पर कॉरिडोर हटाने का काम चल रहा है, लेकिन इनमें से एक ही जोन कमला पार्क से रोशनपुरा चौराहे के बीच महज 4 बस स्टॉप थे, इन्हें हटा दिया गया है।

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