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मध्य प्रदेश

जहांनुमा होटल के मालिक नादिर ने की खुदकुशी

श्यामला हिल्स थाना इलाके में रहने वाले होटल जहांनुमा पैलेस के मालिक 65 साल के नादिर रशीद ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया भेज दिया गया है।
भोपाल की शासिका रहीं सुरैय्या के बेटे नादिर ने श्यामला हिल्स थाना क्षेत्र में बाल भवन के पास स्थित अपने निवास पर बुधवार सुबह 10 बजे अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारी है। नादिर का बीते 6 माह से डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। उनके दो बेटे हैं, जिनका नाम अली और जफर है। उनकी पत्नी का नाम सोनिया बिब्बो है। नवाब खानदान से ताल्लुक होने के कारण महिलाओं को बिब्बो कहा जाता है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। पुलिस ने घटना की पुष्टि की। बताया सुसाइड नोट अभी तक बरामद नहीं हुआ है।

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पीएमटी घोटाले के आरोप में सात आरोपियों को सजा

भोपाल में सीसीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने वर्ष-2008 एवं 2009 में व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा घोटाला मामले के आरोपी अनिल चौहान, प्रशांत मेश्राम, अजय टेगर, हरिकिशन जाटव, शिवशंकर प्रसाद, अमित बड़ोले और सुलवंत मौर्ये को दोषी करार देते हुए 7 वर्ष के सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
आरोपियों ने प्रतिरूपकों को बैठाया था एग्जाम में
वर्ष-2008 एवं 2009 में व्यापमं ने पीएमटी परीक्षा का आयोजन किया था। आरोपियों ने अपने स्थान पर प्रतिरूपकों को परीक्षा में बैठाकर परीक्षा पास कर गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में प्रवेश लिया था। आरोपियों के उक्त परीक्षा में अनुचित रूप से चयन होने की शिकायत प्राप्त होने पर एसटीएफ ने परीक्षा की ओएमआर शीट, रासा शीट, सिटिंग प्लान, पीएमटी परीक्षा में चयन, मेडिकल सीट अलॉटमेंट, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश संबंधी दस्तावेज जब्तकर जांच की तो पाया था… ओएमआर शीट एवं रासा शीट पर आरोपियों के अंगूठा निशानी और हस्ताक्षर अलग-अलग व्यक्तियों के हैं।
कार्रवाई के लिए
लिखा था पत्र
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह द्वारा 6 अक्टूबर, 2014 को एसटीएफ के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुधीरकुमार शाही को पत्र लिखा गया था।
इस पत्र के आधार पर एसटीएफ ने मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ पीएमटी परीक्षा घोटाला के मामले 13 साल के बाद वर्ष-2022 में भारतीय दण्ड संहिता की धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी एवं मप्र मान्यता पात्रता परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा-3 घ (1 ) सहपठित धारा-2 के तहत मुकदमा दर्ज कर सीबीआई की विशेष अदालत में अभियोग पत्र दायर किया गया था।

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ब्रिज के दोनों सिरे जोड़ते हैं वीर सावरकर सेतु और शौर्य स्मारक चौराहे को

भोपाल के एमपी नगर से गुजरे जीजी फ्लाई ओवर (गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर के बीच) की एप्रोच रोड कम्पलीट हो गई है। ब्रिज के दोनों सिरे- आरकेएमपी रेलवे स्टेशन के आगे वीर सावरकर सेतु और शौर्य स्मारक चौराहे को जोड़ते हैं। अप्रैल में लोड टेस्टिंग होगी। लोकसभा चुनाव के बीच ही ब्रिज के ऊपर से ट्रैफिक भी शुरू हो सकता है। कुल 121 करोड़ रुपए की लागत के फ्लाईओवर का काम 20 दिसंबर, 2020 से शुरू हुआ था। इसकी डेडलाइन दिसंबर- 2022 तक थी, लेकिन कोविड समेत अन्य कारणों से काम लेट हो गया। थर्ड लेन यानि गायत्री मंदिर के सामने वाले हिस्से को छोड़कर बाकी दोनों हिस्से बन चुके हैं। इसी पर फ्लाईओवर की लॉन्चिंग की जाएगी।

कोविड के चलते बंद हो गया था काम
फ्लाईओवर का काम 20 दिसंबर, 2020 में शुरू हुआ था। दो साल में यानि दिसंबर-2022 को इसे बनकर तैयार हो जाना था। अफसरों का कहना है कि इस दौरान कोविड के कारण तीन महीने तक काम बंद हो गया था। इसके एवज में बगैर पेनाल्टी दिए 6 महीने का एक्सटेंशन मिला, फिर भी इसे मार्च-2023 तक पूरा नहीं किया जा सका। इसके बाद अक्टूबर-2023 और दिसंबर-2023 की तारीख भी लॉन्चिंग के लिए घोषित की गई। अब यह अप्रैल में शुरू किया जाना है।
शिफ्ट करनी थी पाइप लाइन
मैदा मिल से पहले गायत्री मंदिर के पास नगर निगम को नर्मदा की पाइप लाइन शिफ्ट करनी थी। निगम को इसके लिए दो बार टेंडर करना पड़ा। लाइन अब शिफ्ट हो पाई है, इसलिए काम पूरा होने में महीना भर और लगेगा।
ब्रिज का काम तकरीबन पूरा
अफसरों ने बताया कि गणेश मंदिर के पास ब्रिज का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। एमपी नगर थाने के सामने के हिस्से में डामरीकरण पूरा हो गया है। गायत्री मंदिर के पास वाले तीसरे हिस्से में काम पूरा होने में वक्त लगेगा।

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जिनसे होता रहा बचाव… अब उन्हें बचाना बहुत जरूरी

भोपाल में पानी का सबसे बड़ा स्रोत और शहर की लाइफ लाइन बड़े तालाब को सेहतमंद रखने वाले जलीय पौधों पर खतरा मंडरा रहा है। तालाब के आसपास लगातार बढ़ रहा अतिक्रमण, इंसानी दखल और सीवेज मिलने के कारण पैदा होने वाली जलकुंभी इन एक्वाटिक प्लांट को धीरे-धीरे खत्म कर रही है। जब हमने इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम) के साथ मिलकर मैक्रोफाइट्स आॅफ भोज वेटलैंड विषय पर रिसर्च की तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। तीन साल तक हुई इस रिसर्च में पता चला कि यहां पर 223 प्रजातियों के जलीय पौधे हैं, जिसमें से 103 प्रजाति के पौधे विलुप्ति के कगार पर हैं।
इनमें बड़ी संख्या में ऐसे पौधे हैं, जो पानी में मौजूद विषैले तत्वों को खत्म करते हैं और पानी को साफ करते हैं। इन पौधों से पानी में आॅक्सीजन की मात्रा बनी रहती है, जो अन्य जल जीवों के बने रहने और बढ़ोतरी के लिए जरूरी हैं। तीन ऐसी प्रजाति के पौधे भी यहां हैं, जो मांसाहारी हैं और इनकी जड़ें और फूल तालाब में मौजूद कीड़ों को खाते हैं।
कुल मिलाकर इन जलीय पौधों की वजह से बड़े तालाब की जैव विविधता और ईको सिस्टम बना रहता है, जो किसी भी वाटर बॉडी की लंबी उम्र के लिए जरूरी है। इस समय बड़े तालाब के लिए जलकुंभी और बेशरम के पौधों से सबसे बड़ा खतरा है। ये जलकुंभी और बेशरम के पौधों को हटाते वक्त भी ये सावधानी जरूरी है कि इनसे अन्य जलीय पौधों को नुकसान न पहुंचे।

कैसे खत्म हो रहे जलीय पौधे
’ तालाब के आसपास अतिक्रमण और अन्य तरह की गतिविधियों के कारण जलीय पौधों को नुकसान।
’ विदेशी पौधों की प्रजातियां, जैसे- जलकुंभी, बेशरम आदि लोकल एक्वाटिक प्रजातियों को खत्म कर रही हैं। ये एक तरह से पानी की गाजर घास हैं।
’ चारों ओर हो रहे कंस्ट्रक्शन वर्क की वजह से पौधों को नुकसान पहुंच रहा है।
’ अधिक पशु चराई, फिशिंग और टूरिज्म की वजह की वजह से भी पौधे खत्म हो रहे हैं।
’ सिंघाड़े की खेती में उपयोग होने वाली कीटनाशक।

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‘सम्मानजनक तरीके से बोलिए… आप अनादर नहीं कर सकते’अफसरों के बीच तनातनी

जेल विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और सचिव ललित दाहिमा के बीच तनातनी हो गई। इसकी वजह रही… फार्मासिस्ट के वेतनवृद्धि और एक जेल अधीक्षक के कोर्ट केस से जुड़ी अवमानना की फाइलों की नोटशीट पर लिखी टीप। मामला बुधवार का है, जो गुरुवार रात सामने आया। मामला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गया है। रस्तोगी पूर्व सीएम के पीएस रहे हैं। रस्तोगी ने दाहिमा से कह दिया कि यहां से जाइए। दाहिमा ने जवाब दिया- सम्मान से बोलिए। विवाद इतना बढ़ा कि बात सीएम और मुख्य सचिव तक पहुंच गई। गुरुवार को दाहिमा ने मुख्य सचिव वीरा राणा से मिलकर पूरी जानकारी दी। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही एक अधिकारी की जेल विभाग से रवानगी हो सकती है।

ऐसी हुई तू-तू-मै-मै… मामला सीएम तक पहुंचा
रस्तोगी- आपकी सुबह तो लेट होती।
दाहिमा- गाड़ी जैसे आई, आ गया।
रस्तोगी- आप विभाग में ही क्यों आ गए, यहां 3 अफसरों की क्या जरूरत?
दाहिमा- सरकार ने पोस्टिंग दी है, इसलिए आया हूं।
रस्तोगी- आपने फाइलें करना क्यों शुरू कर दिया? ज्यादा दिमाग है कि आप गोद रहे हैं।
दाहिमा- डीएस फाइल भेजेंगे तो मेरी ड्यूटी है कि उसे टीप के साथ आपके पास भेजूं। जो भी लीगल होगा, उसे तो लिखना पड़ेगा।
रस्तोगी- आप जाइए यहां से, (तेज आवाज में)।
दाहिमा- सम्मानजनक तरीके से बोलिए। आप अनादर नहीं कर सकते। मेरा भी आत्मसम्मान है।
रस्तोगी- आप यहां बैठिए, मैं ही चला जाता हूं।
दाहिमा- जी नहीं, आपका कक्ष है। मैं जाता हूं।
(जैसा मंत्रालय सूत्रों ने बताया। यह घटनाक्रम करीब 10-12 मिनट चला। चूंकि रस्तोगी के कक्ष का दरवाजा हमेशा खुला रहता है, इसलिए कुछ लोग वहां जमा हो गए और घटनाक्रम सुना।)

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