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नीरज की गोल्ड पर निगाहें……..

भारत के नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स 2023 में बुधवार को अपने पुरुष भाला फेंक खिताब को डिफेंड करते हुए नजर आएंगे। पीपुल्स रिपब्लिक आॅफ चाइना के हांगझोऊ में भारतीय एथलीटों ने 3 अक्टूबर तक 69 पदक एशियन गेम्स मेडल टैली में जोड़ लिए हैं। नीरज चोपड़ा मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन हैं, वह एशियन गेम्स में मेडल हासिल कर अपनी मेडल टैली को और बढ़ाना चाहेंगे। भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी इस सीजन की शानदार शुरूआत करना चाहेंगे।
ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन महिलाओं के 75 किग्रा मुक्केबाजी वर्ग के फाइनल में हिस्सा लेंगी। वह टोक्यो 2020 की रजत पदक विजेता चीन की ली कियान के खिलाफ स्वर्ण पदक मुकाबला खेलेंगी। महिलाओं के 57 किग्रा में परवीन हुड्डा भी सेमीफाइनल मुकाबले के लिए रिंग में उतरेंगी।

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अमेरिकी ओपन 2023 में चला जोकोविच का जादू

सर्बिया के स्टार टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने अमेरिकी ओपन 2023 में पुरुष एकल खिताब जीत लिया है। लगभग पौने दो घंटे तक चले फाइनल मुकाबले में उन्होंने रूस के डेनिल मेदवेदेदेव को हराकर रिकॉर्ड 24वां एकल ग्रैंडस्लैम जीता है।
न्यूयॉर्क के आर्थर ऐश स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में नोवाक ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। इसी के साथ नोवाक जोकोविच ओपन ऐरा में सबसे अधिक ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। इस जीत के साथ ही 36 वर्षीय सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने अमेरिकी स्टार खिलाड़ी सेरेना विलियम्स को पछाड़ दिया है। सेरेना विलियम्स कुल 23 ग्रैंडस्लैम खिताब जीत चुकी है। जैसे ही जोकोविच एक और ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लेंगे, वो टेनिस इतिहास में सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीतने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे।
रोचक रहा मुकाबला
लगभग एक जैसी शैली में खेलने वाले दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला रोचक रहा। दर्शकों ने इसका पूरा मजा लिया और जीतने के बाद जोकोविच कोर्ट पर ही बैठ गए और दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। अपनी पूरी ऊर्जा का इस्तेमाल करके जोकोविच ने 6-3, 7-6, 6-3 से जीत दर्ज की।
जीत के बाद उन्होंने कहा मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि यहां खड़े होकर 24वें ग्रैंडस्लैम के बारे में बात करूंगा। मुझे कभी नहीं लगा था कि यह सच होगा। ओपन युग में सबसे उम्रदराज चैम्पियन बने सर्बिया के इस खिलाड़ी ने कहा पिछले कुछ साल में मुझे लगने लगा था कि शायद मैं ऐसा कर सकता हूं। शायद इतिहास रच सकता हूं। उन्होंने सेरेना विलियम्स को पछाड़ा जिनके नाम 23 ग्रैंडस्लैम हैं। ओपन युग में 24 ग्रैंडस्लैम जीतने वाले वह पहले खिलाड़ी हैं हालांकि मार्गरेट कोर्ट के भी इतने ही खिताब हैं लेकिन उनमें से 13 पेशेवरों को स्लैम टूनार्मेंटों में शामिल किये जाने से पहले के हैं।

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Video: नीरज चोपड़ा का वह थ्रो, जिसके दम पर बने विश्व विजेता; देखें कैसे 88.17 मीटर दूर भाला फेंक रचा इतिहास

नीरज ने एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया है। बुडापेस्ट में उन्होंने 88.17 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पाकिस्तान के नदीम दूसरे स्थान पर रहे।

नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय हैं। नीरज की इस उपलब्धि पर पूरा देश खुशी से झूम रहा है। नीरज ने 88.17 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने बुडापेस्ट में आधी रात को स्वर्ण पदक जीता और देशवासियों को उनसे यही उम्मीद थी। इसी वजह से बड़ी संख्या में लोग नीरज को देखने के लिए रात में भी जगे हुए थे। नीरज ने पदक जीतने के बाद इन सभी लोगों का शुक्रिया भी अदा किया। वहीं, कई लोगों को अगले दिन सुबह यह खबर मिली और उनके दिन की स्वर्णिम शुरुआत हुई। यहां हम नीरज का वह थ्रो दिखा रहे हैं, जिसमें उन्होंने 88.17 मीटर की दूरी हासिल की और विश्व विजेता बने।

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में पाकिस्तान के अरशद नदीम दूसरे स्थान पर रहे। राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन अरशद नदीम ने 87.82 मीटर के साथ रजत पदक जीता, जबकि चेक गणराज्य के जैकब वडलेज ने 86.67 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक हासिल किया।

90 मीटर का आंकड़ा छूना चाहते हैं नीरज
बुडापेस्ट में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद नीरज थोड़े निराश लग रहे थे। उन्होंने कहा “मैं आज रात 90 मीटर से अधिक थ्रो करना चाहता था। लेकिन इसके लिए सब कुछ मेरे पक्ष में होना जरूरी है। मैं आज शाम सब कुछ एक साथ सही नहीं कर सका। शायद अगली बार ऐसा कर पाऊं। दूसरे राउंड के बाद, मैं खुद को आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मुझे बेहतर थ्रो मिल सकता है। लेकिन तकनीक और गति पर बहुत दबाव है। हमें क्वालिफाइंग राउंड में बहुत जोर लगाना होता है। क्वालिफाइंग राउंड के बाद रिकवरी के लिए केवल एक ही दिन था, इसलिए यह भी एक बड़ा कारक था। मैं आखिरी थ्रो तक खुद को आगे बढ़ाने और बेहतर थ्रो करने की प्रेरणा के साथ आगे बढ़ता हूं।”

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स्वीडन के प्रो-इवेंट में गोल्फर अवनी शीर्ष 10 में, अश्मिता-विद्यात्री को नहीं मिला कट

नई दिल्ली, एजेंसी। मनीला में इस साल क्वीन सिरकिट कप जीतने वालीं बंगलुरू की 16 साल की गोल्फर अवनी प्रशांत लेडीज यूरोपियन टूर में यहां शीर्ष दस में पहुंच गई हैं। अवनी ने 72 का शॉट खेला और 36 होल के बाद वन अंडर के साथ संयुक्त रूप से नौवें स्थान पर हैं। उन्होंने दूसरे दौर में तीन बर्डी और दो बोगी लगाई। अश्मिता सतीश (74-76) और विद्यात्री उर्स (80-74) कट हासिल नहीं कर सकीं। अवनी ने हाल में भारतीय गोल्फ यूनियन के ट्रायल में हाल ही एशियाई खेलों की भारतीय टीम में जगह बनाई है। उनके साथ टीम में अदिति अशोक और प्रणवी उर्स शामिल हैं। एशियाई खेलों का आयोजन चीन में 23 सितंबर से होना है।

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फाइनल में मैग्नस कार्लसन को दी कड़ी टक्कर, बने उपविजेता

हार कर भी हीरो बने प्रगनानंदा पीएम मोदी बोले- प्रतिभा पर हमें गर्व……………

भारत के युवा चेस खिलाड़ी रमेशबाबू प्रगनानंदा का फीडे वर्ल्ड कप जीतने का सपना भले ही टूट गया, लेकिन वे हार कर भी भारतीयों के हीरो बन गए हैं। अपनी प्रतिभा से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अजरबैजान के बाकू में फिडे शतरंज विश्‍व कप में उपविजेता रहने के लिए युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंदा की सराहना की। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि हमें फिडे विश्‍व कप में शानदार प्रदर्शन के लिए प्रगनानंद पर गर्व है! उन्होंने अपने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया और फाइनल में कार्लसन को कड़ी टक्कर दी। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। उन्हें आगामी टूर्नामेंटों के लिए शुभकामनाएं।
भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंद बुधवार को फिडे विश्‍व कप में उपविजेता रहे। 18 वर्षीय शतरंज स्टार ने हालांकि कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में अपनी सीट पक्की कर ली, जो अगले वर्ष कनाडा में होगा। फिडे विश्‍व कप में प्रगनानंद का प्रदर्शन शानदार रहा। फाइनल मैच के टाई-ब्रेकर में प्रगनानंद दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी और पूर्व विश्व चैंपियन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से हार गए। उन्हें कार्लसन ने फाइनल के टाईब्रेकर में 1.5-0.5 से हराया।
टाईब्रेकर का पहला रैपिड गेम नॉर्वे के खिलाड़ी ने 47 मूव के बाद जीता था। दूसरा गेम ड्रॉ रहा और कार्लसन चैंपियन बन गए। इससे पहले, दोनों ने क्लासिकल राउंड के दोनों गेम ड्रॉ खेले थे। प्रगनानंदा अगर यह मुकाबला जीत जाते तो 21 साल बाद कोई भारतीय यह टाइटल जीतता।

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