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विपक्ष में तनातनी: केजरीवाल पर FIR चाहती है कांग्रेस, AAP का पलटवार- ‘इंडिया’ से बाहर करने पर चर्चा करेंगे

आम आदमी पार्टी के नेताओं में कांग्रेस को लेकर गहरी नाराजगी है। आप सूत्रों के मुताबिक, इंडी गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने के लिए आम आदमी पार्टी अन्य पार्टियों से बातचीत करेगी। आप का आरोप है कि कांग्रेस भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर की मांग और कांग्रेस नेताओं के बयानों को लेकर आप नेताओं में असंतोष है।

24 घंटे में अजय माकन पर कार्रवाई हो: आप
संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है और भाजपा कांग्रेस को फंडिंग दे रही है। अजय माकन भाजपा की स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को ‘देशद्रोही’ कहा है, इस पर पार्टी को 24 घंटे के अंदर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो हम कांग्रेस को इंडी गठबंधन से बाहर करने की मांग करेंगे।

अक्षय लाकड़ा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के नाम पर दिल्ली की जनता को धोखा दिया है। उनका कहना था कि आप के विधायक और एमसीडी पार्षद कथित रूप से व्यक्तिगत डेटा, जैसे मतदाता पहचान पत्र और फोन नंबर एकत्र कर रहे हैं। इसके लिए ओटीपी सत्यापन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे जनता का विश्वास टूट रहा है। वहीं, दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर यह स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना लागू नहीं की गई है। लाकड़ा ने इसे धोखाधड़ी और जालसाजी का स्पष्ट उदाहरण बताते हुए कहा कि इस कदम से जनता के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को राजनीतिक छलावा करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना के नाम पर महिलाओं को गुमराह किया जा रहा है और फार्म भरवाए जा रहे हैं, जबकि दिल्ली सरकार के बाल विकास विभाग के नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि यह कोई सरकारी योजना नहीं है। देवेंद्र ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने चुनावी लाभ के लिए महिलाओं को 2100 रुपये मासिक देने का झूठा वादा किया था। इसके तहत आप कार्यकर्ताओं ने झुग्गी-झोपड़ी में फार्म भरवाकर महिलाओं का डेटा इकट्ठा किया। इस तरह की फर्जी योजनाओं से आप साइबर अपराध और बैंकिंग धोखाधड़ी को बढ़ावा दे रही है। इस प्रकार की जानकारी साझा करने से महिलाओं को गंभीर वित्तीय नुकसान हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आप ने 2022 में पंजाब और 2024 में दिल्ली में महिलाओं को 1000 रुपये मासिक देने का वादा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया। महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के नाम पर केवल झूठे वादे किए गए, लेकिन असल में कुछ नहीं किया गया।

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‘INDIA’ में रार: ‘आप’ ने 24 घंटे में माकन पर कार्रवाई करने की मांग की; CM आतिशी ने कांग्रेस को दिया अल्टीमेटम

सीएम आतिशी ने कहा कि हमें विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि कांग्रेस उम्मीदवारों का चुनावी खर्च भाजपा से आ रहा है। भाजपा कांग्रेस उम्मीदवारों को फंड दे रही है। हमने सुना है कि संदीप दीक्षित को भाजपा से फंड मिल रहा है।


दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच तनातनी बढ़ गई  है। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से अजय माकन पर कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि कांग्रेस के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली चुनाव के लिए कांग्रेस ने भाजपा के साथ समझौता कर लिया है। कल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल देशद्रोही हैं। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि क्या उन्होंने कभी किसी भाजपा नेता पर यही आरोप लगाए हैं? नहीं। लेकिन आज कांग्रेस अरविंद केजरीवाल पर देशद्रोही होने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने कल मेरे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। क्यों? क्या कांग्रेस ने कभी किसी भाजपा नेता के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज कराई है? 

सीएम आतिशी ने कहा, “हमें विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी मिली है कि कांग्रेस उम्मीदवारों का चुनावी खर्च भाजपा से आ रहा है। भाजपा कांग्रेस उम्मीदवारों को फंड प्रदान कर रही है। हमें यह भी पता चला है कि संदीप दीक्षित को भाजपा से फंड मिल रहा है। अगर कांग्रेस यह मानती है कि हम (आम आदमी पार्टी) देशद्रोही हैं, तो उन्होंने हमारे साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव क्यों लड़ा? यह स्पष्ट है कि कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर आप को हराने और दिल्ली में भाजपा को जीत दिलाने के लिए कोई समझौता किया है। यदि कांग्रेस और भाजपा के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है, तो कांग्रेस को चाहिए कि वह 24 घंटे के भीतर अजय माकन के खिलाफ कार्रवाई करे।”

आप नेता संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है और भाजपा कांग्रेस को फंडिंग कर रही है। अजय माकन भाजपा का स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को ‘देशद्रोही’ कहा, अब पार्टी को 24 घंटे के भीतर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता अजय माकन भाजपा द्वारा भेजी गई स्क्रिप्ट पढ़कर आप नेताओं को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के लिए बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें देशद्रोही कहा। कांग्रेस ने अपनी सारी सीमाएं पार कर दी हैं। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से 24 घंटे के भीतर अजय माकन पर कार्रवाई करने की मांग की, नहीं तो वे कांग्रेस को इंडी गठबंधन से अलग करने की चेतावनी देंगे।




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फडणवीस की नागपुर रैली में 26 लाख के गहने चोरी, 11 गिरफ्तार

मुंबई, एजेंसी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस रविवार को पहली बार नागपुर पहुंचे। उनके स्वागत में कार्यकर्ताओं ने भव्य रैली का आयोजन किया था। एयरपोर्ट से लक्ष्मीनगर चौक तक जुलूस भी निकाला गया। इस दौरान लुटेरों की मौज हो गई। रैली में चेन स्नेचिंग और गहने- जेवरात जमकर लूटे गए। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है। पुलिस ने लूटपाट और चेन स्नेचिंग गिरोह के 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी ने 33 लोगों के लगभग 26 लाख रुपए के गहने चोरी कर लिए।

दूसरे जिलों से आए थे लुटेरे
पुलिस ने बताया कि आरोपियों का एक गिरोह नागपुर में 1 दिन पहले ही अहमदनगर, जलाना और यवतमाल से आया था। यहां सीएम रैली में शामिल हुआ था। सभी आरोपी हवाई अड्डे से रैली में शामिल हुए थे। गिरोह ने हवाई अड्डे से सोने गांव पुलिस थाने से प्रताप नगर और बजाज नगर थाने क्षेत्र तक करीब 33 लोगों के गहने चुराए हैं।

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संविधान पर चर्चा: ‘आपातकाल देश को बचाने के लिए नहीं, बल्कि कुर्सी को..’, जेपी नड्डा का कांग्रेस पर जोरदार हमला

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में मंगलवार को कहा कि अगले साल आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरे हो जाएंगे। हम “लोकतंत्र विरोधी दिवस” मनाएंगे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को इसमें शामिल होना चाहिए।

संविधान पर चर्चा के दौरान कही गई बातें
राज्यसभा में मंगलवार को संविधान पर बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यह लोकतंत्र की जननी भी है।

नड्डा ने कहा, “हम जो भी त्योहार मनाते हैं, वह संविधान के प्रति हमारे समर्पण और प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस अवसर का उपयोग राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए करेंगे। भारत सिर्फ सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है।”

संविधान और संस्कृति पर जोर
नड्डा ने कहा कि कई लोग संस्कृति को प्रगतिशीलता के खिलाफ मानते हैं, लेकिन संविधान की मूल प्रति में अजंता और एलोरा की गुफाओं की छाप थी। उन्होंने कहा, “कमल का प्रतीक हमें यह प्रेरणा देता है कि कठिन परिस्थितियों से निकलकर हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”

सरदार पटेल की भूमिका पर चर्चा
उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की 562 रियासतों का विलय कर देश को एकजुट किया, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को अलग कर दिया।

आपातकाल पर कांग्रेस पर हमला
जेपी नड्डा ने कहा, “अगले साल आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होंगे। हम लोकतंत्र विरोधी दिवस मनाएंगे। कांग्रेस को इसमें शामिल होना चाहिए और जनता से माफी मांगनी चाहिए। आपातकाल क्यों लगाया गया था? क्या देश खतरे में था? नहीं, कुर्सी खतरे में थी। इसके चलते पूरा देश अंधेरे में डूब गया।”

अनुच्छेद 370 पर निशाना
नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 35ए को 1954 में बिना बहस के राष्ट्रपति के आदेश से लागू किया गया। यह परिभाषित करता था कि जम्मू-कश्मीर का नागरिक कौन होगा। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 370 के कारण कई कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होते थे, जैसे कि अत्याचार निवारण अधिनियम और मानवाधिकार अधिनियम।

उन्होंने कहा, “जवाहरलाल नेहरू महिलाओं के संपत्ति अधिकार के पैरोकार थे, लेकिन कश्मीरी महिलाओं को गैर-कश्मीरी से शादी करने पर संपत्ति के अधिकार से वंचित कर दिया जाता था।”

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किसी भी प्रकार की सहायता के लिए संपर्क करेंरविकांत उपाध्याय

नई दिल्ली, एजेंसी
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में वक्फ बोर्ड पर नया बिल आ सकता है। इस बिल को मॉनसून सत्र में लोकसभा में पेश किया गया था,लेकिन बाद में इसे संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को भेज दिया गया था। इस बिल पर जेपीसी की बैठक में कई बार हंगामा हुआ। अब जब इसे संसद में पेश किया जाएगा तो हंगामा होना तय है। पर सवाल उठता है कि संशोधन की जरूरत क्यों? वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाला कानून 1954 से है। अब सरकार इसमें संशोधन करने जा रही है। सरकार का दावा है कि नया कानून, मौजूदा कानून की खामियों को दूर करेगा। साथ ही वक्फ की संपत्तियों का पहले से बेहतर मैनेजमेंट हो सकेगा। वक्फ की संपत्तियां अक्सर विवादों में रहती है। वो इसलिए क्योंकि ऐसी संपत्तियां अल्लाह के नाम पर होती हैं और इनका कोई वारिस नहीं होता। हालांकि, 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि एक बार जो संपत्ति वक्फ हो जाती है, वो हमेशा वक्फ रहती है।
दिल्ली में 200 से ज्यादा संपत्तियों
को वक्फ घोषित
हाल ही में वक्फ की कई संपत्तियों पर विवाद खड़ा हुआ है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि दिल्ली में 200 से ज्यादा ऐसी संपत्तियों को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया है, जो दो अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के नियंत्रण में थीं। सितंबर में इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में बताया था कि वक्फ घोषित की गईं 108 संपत्तियों का नियंत्रण एल एंड डीओ के पास था, जबकि 138 संपत्तियां दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी के पास थीं। ये जानकारी अधिकारियों ने संसद की जेपीसी को दी थी।
इस्लाम को मानने वाला व्यक्ति अल्लाह या धर्म के नाम पर दान करता है
वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति होती है, जिसे इस्लाम को मानने वाला व्यक्ति अल्लाह या धर्म के नाम पर दान करता है। एक बार जो संपत्ति वक्फ की हो गई, वो हमेशा वक्फ की ही रहती है। माना जाता है कि अल्लाह के अलावा वक्फ संपत्ति का मालिक न कोई होता है और न हो सकता है। ऐसी संपत्ति किसी के नाम भी नहीं की जा सकती। जानकार बताते हैं कि किसी संपत्ति को वक्फ कर देना का मतलब है उसे अल्लाह के नाम कर देना। वक्फ संपत्ति से जो भी फायदा होता है, उसका इस्तेमाल जरूरतमंदों के लिए किया जाता है।
इस्लाम को मानने वाला जो व्यक्ति अपनी संपत्ति दान करता है, उसे वाकिफ कहा जाता है। ऐसी संपत्ति का प्रबंधन करने वाले को मुतवल्ली कहा जाता है। इन संपत्तियों के प्रबंधन की निगरानी वक्फ बोर्ड के पास होती है। हर राज्य में वक्फ बोर्ड है। झारखंड और यूपी में शिया और सुन्नी के अलग-अलग वक्फ बोर्ड हैं। कुल मिलाकर देशभर में 32 वक्फ बोर्ड हैं। वक्फ बोर्ड से ऊपर सेंट्रल वक्फ काउंसिल होती है।
404 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड दावा
केरल में काफी लंबे वक्त से वक्फ की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। केरल के एनार्कुलम जिले में पड़ने वाले मुनम्बम तट के पास की 404 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड लंबे वक्त से दावा कर रहा है। इस जमीन पर 600 से ज्यादा हिंदू और ईसाई परिवार रहते हैं।
वक्फ बोर्ड के पास 8.72 लाख से ज्यादा संपत्ति
केंद्र सरकार के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां भारत में हैं। वक्फ बोर्ड के पास 8.72 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हैं। इनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास ही है।

                   वक्फ संपत्ति
  1. तमिलनाडु के तिरुचेंतुरई गांव की पूरी जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित किया गया है। कहा जाता है कि इस जमीन को 1956 में नवाब अनवरदीन खान ने वक्फ के लिए दान कर दिया था। वक्फ की संपत्ति होने के कारण यहां की जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक है। जमीन की गैरकानूनी बिक्री रोकने के लिए वक्फ बोर्ड ने इसे ह्यजीरो वैल्यूह्ण के तौर पर रजिस्टर करने की मांग की थी। हालांकि, अल्पसंख्यक मंत्रालय ने यहां के किसी भी तरह के लेन-देन पर रोक लगा दी है।
  2. बेंगलुरु के ईदगाह ग्राउंड पर भी विवाद है। सरकार के मुताबिक, यहां की जमीन कभी भी किसी मुस्लिम संगठन या वक्फ को नहीं दी गई। लेकिन वक्फ बोर्ड का दावा है कि 1850 से ये वक्फ की संपत्ति है, इसलिए हमेशा वक्फ की ही संपत्ति रहेगी।
  3. हाल ही में गुजरात वक्फ बोर्ड ने सूरत नगर निगम की बिल्डिंग पर दावा किया था। वक्फ बोर्ड का दावा है कि मुगल काल के दौरान सूरत नगर निगम की इमारत एक सराय थी और हज यात्रा के दौरान इसका इस्तेमाल होता था। ब्रिटिश शासन के दौरान ये संपत्ति अंग्रेजों के पास चली गई। लेकिन 1947 में जब आजादी मिली तो सारी संपत्तियां भारत सरकार के पास आ गई।
  4. गुजरात वक्फ बोर्ड ने द्वारका में बेट द्वारका के दो द्वीपों पर भी दावा किया था। इस पर दावे की मांग को लेकर वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस याचिका को ये कहते हुए सुनने से इनकार कर दिया था कि वक्फ बोर्ड कृष्ण नगरी द्वारका की जमीन पर दावा कैसे कर सकता है।
  5. सूरत की शिव सोसायटी में रहने वाले एक शख्स ने अपने प्लॉट को गुजरात वक्फ बोर्ड को दे दिया। इसके बाद यहां लोगों ने नमाज अदा करना शुरू कर दिया। इसका मतलब ये था कि किसी भी हाउसिंग सोसायटी में कोई व्यक्ति किसी अपार्टमेंट या जमीन को बाकी लोगों की मंजूरी के बिना वक्फ को दे सकता है और वो जगह मस्जिद बन सकती है। अब यहां काफी तनाव बना रहता है।

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