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Rozgar Mela: पीएम मोदी ने 51,000 युवाओं को बांटे नियुक्ति पत्र; बोले- बिना पर्ची, बिना खर्ची हो रही भर्ती

देशभर के 47 शहरों में रोजगार मेले, पीएम मोदी ने 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे

नई दिल्ली। युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शनिवार को देशभर के 47 शहरों में रोजगार मेलों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से युवाओं को संबोधित करते हुए 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि देश के लाखों युवाओं को ऐसे रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरियां मिली हैं और वे आज विभिन्न क्षेत्रों में देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा मंत्र है— बिना पर्ची, बिना खर्ची। सरकार इस दिशा में पूरी ईमानदारी से काम कर रही है, ताकि योग्य युवाओं को उनकी प्रतिभा के अनुसार अवसर मिलें।”

रोजगार मेला: पीएम मोदी ने 51,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र, बोले – अब ‘बिना पर्ची, बिना खर्ची’ मिल रही सरकारी नौकरी

नई दिल्ली (न्यूज़ डेस्क)। युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से शनिवार को देशभर के 47 शहरों में रोजगार मेलों का आयोजन हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के युवाओं को संबोधित किया और 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र सौंपे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पारदर्शी और ईमानदार भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब सरकारी नौकरियां सिर्फ काबिलियत के आधार पर मिल रही हैं — “बिना पर्ची, बिना खर्ची”

युवा बनेंगे विकास के वाहक

प्रधानमंत्री मोदी ने नियुक्त हुए युवाओं की भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा कि ये युवा आने वाले समय में देश की विकास यात्रा को गति देंगे। “कुछ राष्ट्र की रक्षा करेंगे, कुछ ‘सबका साथ, सबका विकास’ के वाहक बनेंगे, कुछ वित्तीय समावेशन को मजबूत करेंगे, तो कुछ औद्योगिक विकास में योगदान देंगे,” उन्होंने कहा।

राष्ट्र सेवा को बताया सर्वोच्च उद्देश्य

पीएम मोदी ने सभी नियुक्त युवाओं को राष्ट्र सेवा की भावना के साथ काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि भले ही विभाग अलग हों, लेकिन हर युवा देश सेवा की एक ही डोर से जुड़ा है।

रोजगार मेला – पारदर्शी नियुक्तियों का मंच

गौरतलब है कि केंद्र सरकार का यह रोजगार मेला अभियान युवाओं को तेज़, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरियां प्रदान करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। अब तक लाखों युवाओं को इस माध्यम से केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में रोजगार मिल चुका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल ने लोगों के बीच यह भरोसा पैदा किया है कि अब सरकारी नौकरी केवल योग्यता के बल पर मिल सकती है — सिफारिश या रिश्वत के बिना।

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राम मोहन नायडू का बड़ा बयान: “अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी”, AAIB रिपोर्ट को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री की प्रतिक्रिया

एयर इंडिया हादसे पर केंद्रीय मंत्री नायडू की प्रतिक्रिया: “रिपोर्ट प्रारंभिक, अंतिम निष्कर्ष से पहले गहन विश्लेषण जरूरी”

नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे पर एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट शनिवार को जारी की गई। इस पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सिर्फ शुरुआती रिपोर्ट है और अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले मंत्रालय इसका विस्तृत विश्लेषण कर रहा है।

नायडू ने कहा, “एएआईबी एक स्वतंत्र एजेंसी है और हम उन्हें पूरा सहयोग दे रहे हैं। रिपोर्ट के हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा, तभी कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता उड्डयन सुरक्षा है और हादसे से जुड़े हर पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है।

पायलट और क्रू हमारी एविएशन इंडस्ट्री की रीढ़

नायडू ने पायलटों और क्रू सदस्यों की सराहना करते हुए कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे पास दुनिया के सबसे सक्षम पायलट और क्रू हैं। ये हमारी एविएशन इंडस्ट्री की रीढ़ हैं और हम उन पर पूरा भरोसा रखते हैं।”

260 लोगों की मौत, देश भर में शोक की लहर

गौरतलब है कि 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 260 लोगों की जान गई, जिनमें 229 यात्री, 12 क्रू सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे। हादसे की भयावहता ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

राज्य मंत्री मोहोल और शाहनवाज हुसैन की भी प्रतिक्रिया

इस रिपोर्ट पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह रिपोर्ट प्रारंभिक है, अंतिम नहीं। जब तक पूरी जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जाना चाहिए। एएआईबी स्वतंत्र संस्था है और मंत्रालय उनके काम में दखल नहीं देता।”

भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शहनवाज हुसैन ने इसे “चौंकाने वाली रिपोर्ट” बताते हुए कहा कि यह कई गंभीर सवाल उठाती है। उन्होंने कहा कि, “अगर विमान के इंजन तक ईंधन नहीं पहुंच रहा था, तो यह अत्यंत गंभीर विषय है और इसकी बहुपक्षीय जांच आवश्यक है।”

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AAIB रिपोर्ट: उड़ान भरने के तीन सेकंड बाद ईंधन आपूर्ति हुई बंद, महज 29 सेकंड में गिरा विमान; जांच में हुआ बड़ा खुलासा

एएआईबी रिपोर्ट: टेकऑफ के तीन सेकंड बाद बंद हुई ईंधन आपूर्ति, 29 सेकंड में विमान क्रैश

नई दिल्ली (न्यूज़ डेस्क)। अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 12 जून को उड़ान भरते ही बोइंग 787-8 (फ्लाइट AI-171) की ईंधन आपूर्ति महज तीन सेकंड में बंद हो गई, जिसके चलते सिर्फ 29 सेकंड बाद विमान मेघाणीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

जांच में सामने आया है कि ईंधन सप्लाई रुकते ही दोनों इंजनों की पंखे की गति गिरने लगी थी। विमान में उस वक्त 54,200 किलोग्राम फ्यूल मौजूद था और टेकऑफ वजन 2,13,401 किलोग्राम था, जो अधिकतम अनुमत वजन 2,18,183 किलोग्राम से कम था। विमान ने टेकऑफ के दौरान 180 नॉट्स की अधिकतम गति प्राप्त की, उसी समय दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच अचानक ‘रन’ से ‘कटऑफ’ में बदल गए — इन दोनों स्विच में महज 1 सेकंड का अंतर रहा।

कॉकपिट रिकॉर्डिंग से मिले संकेत

रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का हवाला देते हुए बताया गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “कटऑफ क्यों किया?”, जवाब मिला, “मैंने नहीं किया।” इससे संकेत मिलता है कि यह फ्यूल कटऑफ स्वचालित या तकनीकी खराबी के कारण हो सकता है, जिसे अब विस्तार से जांचा जा रहा है।

पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश की, जिसमें इंजन-1 ने गति पकड़ी, लेकिन इंजन-2 बार-बार प्रयास के बावजूद ठीक से शुरू नहीं हो सका।

रखरखाव में नहीं मिली खामी

जांच में सामने आया है कि विमान VT-ANB के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को 2019 और 2023 में बदला गया था, लेकिन इसका ईंधन कटऑफ से कोई संबंध नहीं मिला। वर्ष 2023 के बाद फ्यूल स्विच से जुड़ी कोई शिकायत भी दर्ज नहीं की गई थी।

फिलहाल AAIB ने ना तो B787-8 विमान और ना ही GE GEnx-1B इंजन को लेकर कोई विशेष चेतावनी जारी की है। जांच अब भी जारी है और अन्य तकनीकी दस्तावेजों की समीक्षा की जा रही है।

एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा है कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है और रिपोर्ट से संबंधित सभी बिंदुओं पर नजर रखी जा रही है।

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वक्फ कानून पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई: सरकार को जवाब देने के लिए सात दिन का समय, अगली तारीख तक यथास्थिति बनी रहेगी

वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक मौजूदा स्थिति बनी रहे। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

सरकार की तरफ से दलील

सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में जमीनें वक्फ घोषित की गई हैं और इस पर कानूनी दावा किया गया है। उन्होंने कानून पर अंतरिम रोक लगाने को कठोर कदम बताया और कोर्ट से एक सप्ताह का समय मांगा ताकि प्रारंभिक जवाब और दस्तावेज पेश किए जा सकें। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि इस दौरान न तो वक्फ बोर्ड और न ही काउंसिल में कोई नियुक्ति की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

कोर्ट ने कहा कि कानून में कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं, इसलिए इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब मामला विचाराधीन है, तब किसी भी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पहले से घोषित या पंजीकृत वक्फ संपत्तियों को न डीनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर कोई कार्रवाई करेंगे।

कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को रिकॉर्ड में लेते हुए निर्देश दिया कि सात दिनों के भीतर केंद्र सरकार अपना जवाब दाखिल करे।

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मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता पर विवाद: तेलंगाना में आयोजन को लेकर सियासी तूफान की वजह क्या, कांग्रेस क्यों घिरी?

दरअसल, तेलंगाना की प्रमुख पार्टी भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मिस वर्ल्ड का आयोजन तेलंगाना में कराए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। जहां सत्तासीन कांग्रेस का कहना है कि इस आयोजन से तेलंगाना वैश्विक नक्शे पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहेगा, वहीं विपक्ष का कहना है कि राज्य पहले ही आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। सरकार को पहले ही सरकारी कर्मियों की तनख्वाह देने और अहम खर्चे उठाने में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन कांग्रेस मिस वर्ल्ड के भव्य आयोजन के लिए भारी-भरकम रकम खर्च करने के लिए तैयार है।    

तेलंगाना सरकार मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का अहम जरिया बताती रही है। मंगलवार को ही मौजूदा मिस वर्ल्ड क्रिस्टीना पिस्जकोवा ने तेलंगाना टूरिज्म का प्रचार करते हुए यदागिरीगुट्टा श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के बाहर अलग-अलग जगहों पर गुलाबी साड़ी में फोटो खिंचवाईं। इस पोस्ट में क्रिस्टीना ने लिखा, “यदागिरी गुट्टा मंदिर में आने से मुझे खुशी और शांति मिली। और यह सिर्फ शुरुआत है। मैं तेलंगाना और इसके छिपे हुए खजाने को देखने का इंतजार नहीं कर सकती।”

मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता पर सियासत क्यों शुरू हो गई?
तेलंगाना में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन पर बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव (केटीआर) ने सबसे पहले मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने तेलंगाना सरकार पर एक ब्यूटी पेजेंट के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित करने के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पेंशन के भुगतान, सरकारी कर्मियों की तनख्वाह, कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन में लगातार देरी हो रही है और ‘जनता के पैसे’ को ब्यूटी कॉन्टेस्ट में लगाया जा रहा है।

कांग्रेस सरकार हमें यह मनवाना चाहती है कि तेलंगाना में सबकुछ ठीक है। जाहिर तौर पर उनके हिसाब से निवेश लगातार आ रहा है। कृषि क्षेत्र बढ़ रहा है। कल्याणकारी योजनाएं उच्चतम स्तर पर हैं और मुख्यमंत्री दिन में 18 घंटे काम कर रहे हैं। 

जिस मामले में कांग्रेस ने बिठाई केटीआर के खिलाफ जांच, उस पर क्या बोले?
इतना ही नहीं केटीआर ने तेलंगाना सरकार पर पाखंड करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की तुलना अपनी सरकार के दौरान कराई गई फॉर्मूला-ई रेस से की, जो कि वैश्विक मोटरस्पोर्ट इवेंट के तौर पर प्रचारित किया गया था। कांग्रेस ने बाद में इस रेस के आयोजन में ज्यादा वित्तीय खर्च का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था।

केटीआर ने कहा, “अगर फॉर्मूला-ई रेस को पैसों की बर्बादी कहा गया, तो अब एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट पर उसके मुकाबले चार गुना खर्च कैसे न्यायसंगत हो गया? हैदराबाद में ई-रेस के लिए 46 करोड़ रुपये खर्च करना गलत था और इसके चलते मुझ पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। लेकिन मिस वर्ल्ड के लिए 200 करोड़ खर्च करना ठीक है। यह कैसा भ्रष्ट तर्क है?” 

गौरतलब है कि फॉर्मूला-ई रेस को लेकर केटीआर पर कांग्रेस सरकार ने जांच बिठाई है। उनके खिलाफ आर्थिक अनियमितता के आरोप में भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की जांच चल रही है। केटी रामा राव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनौती देते हुए इस पर जवाब मांगा।

विपक्ष ने चुनावी वादों को लेकर कांग्रेस को घेरा
गौरतलब है कि बीआरएस लगातार राज्य की कांग्रेस सरकार को वित्तीय योजनाओं के मसले पर घेर रही है। विपक्ष का आरोप है कि कांग्रेस ने 2023 के चुनावी अभियान के दौरान वादे किए थे, वह उन्हें पूरा नहीं कर पा रही है। फिर चाहे वह किसानों की कर्ज माफी का वादा हो या लोक कल्याण से जुड़ी योजनाएं। बीआरएस का कहना है कि कांग्रेस सरकार उन कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है, जिससे लोगों को सीधे तौर पर कोई फायदा नहीं होता। 

इसी मंगलवार को जब तेलंगाना विधानसभा में बजट पेश किया गया, तब बीआरएस के सांसदों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान कुछ सांसद सूखी हुई फसलें लेकर सदन में पहुंचे थे और उन्होंने इसे कांग्रेस-निर्मित सूखा करार दिया था। बीआरएस ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन का भी विरोध किया था और परेशान किसानों को 25 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने की मांग उठाई थी।

कांग्रेस ने कैसे किया पलटवार?
बीआरएस के इन आरोपों पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पलटवार किया। उन्होंने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता आयोजित करने का बचाव करते हुए राज्य के पूर्व सीएम और बीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर तेलंगाना को दिवालिया करने का आरोप लगाया। रेड्डी ने कहा कि बीआरएस की पूर्व सरकार की वजह से कांग्रेस सरकार को हर महीने कर्ज पर सिर्फ ब्याज के तौर पर 1.53 लाख करोड़ रुपये चुकाने होते हैं। सीएम ने कहा कि अगर इतनी बड़ी रकम बचा ली जाती तो सरकार सबके लिए घर बना सकती थी। किसानों के साथ 70 लाख और लोगों के कर्ज माफ किए जा सकते थे।


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