Hindustanmailnews

देश

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब ……शराब की दुकानों और पबों में उम्र जांचने की क्या है व्यवस्था?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें शराब की दुकानों और अन्य विक्रय स्थलों पर उम्र की अनिवार्य नियमावली है। कोर्ट ने उम्र की प्रभावी नियमावली और सुदृढ़ नीति बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों की आबकारी नीति में उम्र संबंधी कानून है, जिसके तहत एक निश्चित उम्र से कम उम्र के व्यक्ति के लिए शराब पीना या रखना अवैध है। इसके बावजूद शराब की बिक्री या सेवन के स्थानों पर उपभोक्ताओं या खरीदारों की उम्र की जांच करने के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है।
घर पर शराब की आपूर्ति का विरोध- याचिका में शराब की घर पर ही आपूर्ति करने की नीति का विरोध किया गया है। साथ ही दलील दी गई कि इससे कम उम्र के लोगों में शराब पीने की लत तेजी से बढ़ेगी। यह याचिका न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई।
देश में शराब पीने की न्यूनतम
उम्र 18 से 25 साल
मालूम हो कि देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शराब पीने की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 से 25 साल के बीच तय की गई है। इसके बावजूद कई जगहों पर 18 से कम उम्र के लोग भी शराब पीते हुए दिख जाते हैं।
उम्र जांचने की नहीं है कोई व्यवस्था
गैर सरकारी संगठन (ठॠड) कम्यूनिटी अगेंस्ट ड्रंकन ड्राइविंग ने यह याचिका दाखिल की है। उसके वकील विपिन नायर ने सुनवाई के लिए दलील दी कि शराब की दुकानों, बार, पब आदि में उपभोक्ताओं या खरीदारों की उम्र जांचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इसमें कहा गया है कि इस संबंध में एक ठोस नीति से शराब पीकर गाड़ी चलाने की समस्या को कम करने और रोकने में मदद मिलेगी तथा कम उम्र में शराब पीने पर भी अंकुश लगेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब ……शराब की दुकानों और पबों में उम्र जांचने की क्या है व्यवस्था? Read More »

केंद्र सरकार की नौेकरी के लिए 2.57 करोड़ से ज्यादा आवेदन, 1.41 लाख की भर्ती की गई

नौकरी एक ऐसा मुद्दा है, जो शायद कभी खत्म नहीं होगा। इसमें भी सरकारी नौकरी। अब केंद्र सरकार की नौकरियों पर एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 2023-24 में केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए ढाई करोड़ से ज्यादा आवेदन आए थे। इनमें से डेढ़ लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मिली।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023-24 में केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती के लिए होने वाले एग्जाम में 2.57 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इन उम्मीदवारों में से 1.41 लाख की भर्ती की गई थी। ये भर्तियां ग्रुप-बी और सी में हुई थीं।
सबसे ज्यादा 46,554 भर्तियां उअढऋ में कॉन्स्टेबल, असम राइफल में राइफलमैन और एनसीबी में सिपाही पद पर हुई थीं।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में 2022-23 की तुलना में लगभग दोगुना भर्तियां हुई हैं। 2022-23 में 73,721 भर्तियां हुई थीं। इससे पहले 2021-22 में 29,173 भर्तियां ही हुई थीं।
एसएससी और यूपीएससी
की 32 परीक्षाएं
केंद्र सरकार के पदों पर भर्तियां करने वाली दो बड़ी एजेंसियां- स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) और यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) हैं।
एसएससी की सालाना रिपोर्ट बताती है कि 2022-23 में कमीशन ने देशभर में 32 परीक्षाएं करवाई थीं, लेकिन तब तक 14 परीक्षाओं का ही फाइनल रिजल्ट आया था। इन परीक्षाओं में 1.32 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे। इन परीक्षाओं के जरिए केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों के 1,276 पदों पर 72,445 उम्मीदवारों को भर्ती किया गया था। इन उम्मीदवारों में 44,400 से ज्यादा एससी, एसटी और ओबीसी से थे।
इसी तरह से यूपीएससी ने 2022-23 में 15 एग्जाम करवाए थे। इनके लिए साढ़े 33 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। इन परीक्षाओं में चुने गए लगभग 28 हजार उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया गया था। इंटरव्यू के बाद 4,195 उम्मीदवारों को भर्ती किया गया था। इनमें से 2,721 उम्मीदवारों को सिविल सर्विस और 1,474 को डिफेंस सर्विस के लिए भर्ती किया गया गया था।
यूपीए बनाम एनडीए: भर्तियों
में कौन आगे?
पिछले साल जून में केंद्र सरकार ने भर्तियों की जानकारी संसद में दी थी। इसमें बताया गया था कि मोदी सरकार में 2014 से 2023 के बीच 8,82,189 भर्तियां की गई हैं। ये भर्तियां एसएसी, यूपीएससी और आरआरबी के जरिए हुई थीं। जबकि, 2004 से 2014 के बीच यूपीए सरकार में 6,02,045 भर्तियां हुई थीं। मोदी सरकार में यूपीएससी के जरिए 50,906 भर्तियां हुई थीं। जबकि, एसएससी के जरिए 4,00,691 उम्मीदवारों को भर्ती किया गया था। वहीं, आरआरबी के जरिए 4,30,592 पदों पर भर्तियां हुई थीं।

केंद्र सरकार की नौेकरी के लिए 2.57 करोड़ से ज्यादा आवेदन, 1.41 लाख की भर्ती की गई Read More »

…तो लाहौर नहीं लखनऊ तक होता पाकिस्तान

नई दिल्ली…..राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिससे हंगामा शुरू हो गया है। दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली में मुस्लिम बुद्धिजीवियों का जमावड़ा बैठा था। इसमें तमाम आलिम और फाजिÞल बैठे थे। बड़े बड़े मौलाना इकराम शिरकत कर रहे थे। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर समेत दूसरे पदाधिकारी मौजूद थे। मजलिस थी वक्फ संशोधन बिल के विरोध में। यहां तकरीरें हो रहीं थी और ये डर दिखाया जा रहा था कि वक्फ बिल से मुसलमानों की जायदादें छिन जाएंगी। इसी तकरीर में राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने इतिहास का हवाला दे दिया। मोहम्मद अदीब ने कहा ये मुसलमानों का एहसान है कि पाकिस्तान का बॉर्डर लाहौर तक ही रह गया, नहीं तो ये लखनऊ तक होता। अब उनके इस बयान पर हंगामा शुरू हो गया है।
कई नेता थे मंच पर मौजूद- देश की राजधानी दिल्ली में जहां ये बात कही जा रही थी, वहां मंच पर इस कॉन्फ्रेंस में आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर खालिद सैफुल्लाह रहमानी के साथ जनरल सेक्रेट्री फजलुर्रहीम मुजद्दिदी भी थे। हजरत मौलाना अबु तालिब रहमानी, कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी थे।

…तो लाहौर नहीं लखनऊ तक होता पाकिस्तान Read More »

देहरादून में भीषण हादसा : इनोवा के उड़े परखच्चे, 6 लोगों की मौत

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भीषण सड़क हादसा हो गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में जान गंवाने वालों में तीन लड़के और तीन लड़कियां हैं। एक लड़के की हालत नाजुक है। ये एक्सीडेंट इतना भीषण था कि हादसे का शिकार हुई कार पूरी तरह चकनाचूर हो गई।
जानकारी के मुताबिक, ये हादसा सोमवार देर रात करीब दो बजे देहरादून के ओएनजीसी चौराहे के पास हुआ। यहां कार में एकसाथ सात लड़के और लड़कियां घूमने निकले थे, जिनमें से तीन लड़के और तीन लड़कियों की मौत हो गई। कार में सवार सभी लोगों की उम्र 25 साल से कम है। जिन लड़कियों की मौत हुई उनमें गुनीत, नव्या गोयल, कामाक्षी सिंघल (20) शामिल है। ये तीनों ही लड़कियां देहरादून की रहने वाली थीं। जिन लड़कों की मौत हुई उनकी पहचान कुणाल कुकरेजा, अतुल अग्रवाल और ऋषभ जैन है।

देहरादून में भीषण हादसा : इनोवा के उड़े परखच्चे, 6 लोगों की मौत Read More »

यूपी उपचुनाव: कांग्रेस के गढ़ से सपा का नया पोस्टर, निशाने पर बीजेपी; ‘अखिलेश का फियर… भाजपा का अंत नियर’

मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार देर रात राज्य के जिरीबाम जिले में कुकी उग्रवादियों ने सीआरपीएफ के कैंप पर हमला किया, जिसमें कम से कम 11 कुकी उग्रवादियों को जवाबी कार्रवाई में मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसका इलाज जारी है। मणिपुर में जारी इस हिंसा के दौरान कई हथियार भी बरामद किए गए हैं।
उग्रवादियों ने इससे पहले बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया, जिसके जवाब में पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसके अलावा, जकुराधोर में मैतेई समुदाय के तीन-चार खाली पड़े घरों को उग्रवादियों ने आग के हवाले कर दिया, जिससे समुदाय में डर का माहौल है। राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी तनाव और हिंसा के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। राज्य में बढ़ते तनाव के बीच कुकी-जो परिषद ने मंगलवार को सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। इस बंद का उद्देश्य कुकी समुदाय पर हो रहे हमलों का विरोध करना और अपने समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाना है।

यूपी उपचुनाव: कांग्रेस के गढ़ से सपा का नया पोस्टर, निशाने पर बीजेपी; ‘अखिलेश का फियर… भाजपा का अंत नियर’ Read More »

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights