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इंदौर

संघवी-जैन तो शुरुआत है, अभी तो दो दर्जन भू-माफियाओं पर होगी कार्रवाई..

भारत सरकार ने देश के 100 ऐसे शहर चिह्नित किए हैं, जहां आर्थिक अपराध ज्यादा हैं। इनमें इंदौर भी शामिल है। इन सभी शहरों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पुलिस, एसटीएफ, ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त, आयकर, सेंट्रल एक्साइज, डीजीसीईआई जैसे जांच एजेंसियों के साथ मिलकर घपलेबाजों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी दी गई है। इंदौर में सुरेंद्र संघवी और दीपक जैन के खिलाफ जो कार्रवाई चल रही है, वह इसी का हिस्सा है। इस कार्रवाई में गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें हड़पने वाले दो दर्जन से अधिक भू-माफिया ईडी के निशाने पर हैं, जिन पर सालभर कार्रवाई होना है।
सुरेंद्र संघवी और दीपक जैन की जोड़ी ने 2005 से 2023 के बीच तकरीबन दो दर्जन संस्थाओं की जमीनों पर कब्जा जमाया। सदस्यों का हक मारा और दूसरों को करोड़ों रुपए में जमीनें बेच दीं और मोटा माल कमाया। इसका खुलासा अब तक ईडी की जांच में हो चुका है। इसी कड़ी में नवभारत गृह निर्माण, क्लासिक गृह निर्माण, संवादनगर गृह निर्माण, संतोषी माता गृह निर्माण, फेनी गृह निर्माण, कविता गृह निर्माण जैसी कई संस्थाओं की जमीनें इधर-उधर करने वाले रितेश अजमेरा ‘चम्पू’, नीलेश अजमेरा, चिराग शाह, जितेंद्र धवन ‘हेप्पी’, राजीव धवन ‘लकी’, अश्विन मेहता, अरुण डागरिया जैसे ठगों के कारनामों की सूची भी तैयार है।
संघवी, दीपक से लेकर 25 से अधिक संस्थाओं में अपनी दखल रखने वाले रणवीरसिंह छाबड़ा ‘बॉबी’ तक के लिए जमीनों पर कब्जा करते आए खजराना के बब्बू और छब्बू के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।

20 हजार करोड़ से ज्यादा की है जमीन
सुरेंद्र संघवी और दीपक जैन के पास से संस्थाओं की जिन पर कब्जे के कागज मिले हैं, उनकी ही मौजूदा बाजार कीमत 5200 करोड़ से ज्यादा है। ऐसे में यदि सभी संस्थाओं जिन पर चांडाल चौकड़ी का कब्जा है… यदि उनकी जमीनों की बात करें तो उनकी कीमत 20 हजार करोड़ से ज्यादा है।
पटाखे में आग लगी है…गोदाम बाकी है
ईडी अधिकारियों का कहना है कि जब संघवी और जैन के खिलाफ कार्रवाई की थी, तब उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी धांधली सामने आएगी। दोनों के घर से जिस तरह से संस्थाओं की जमीन पर कब्जे के दस्तावेज, रजिस्ट्री और एग्रीमेंट मिले हैं, वे चौंकाते हैं। इंदौर में हाउसिंग सोसायटी के नाम पर जो खेल हुआ है या हो रहा है… वह कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इन दो लोगों के घर से जब्त दस्तावेजों के आधार पर लगाया जा सकता है, इसीलिए कार्रवाई का दायरा बढ़ेगा और कई नाम सामने आएंगे।

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‘अभी भी है समय…जागो और बारिश के पानी को सहेजो’

हिन्दुस्तान मेल, इंदौर
वर्षा जल संचयन और जल बचत तकनीक पर इंदौर में रविवार को एक बेहद सार्थक परिचर्चा जैन इंजीनियरिंग सोसायटी के इंदौर चैप्टर द्वारा संतोष सभागृह में रखी गई थी, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि इंदौर जिलाधीश इलियाराजा टी एवं नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह की प्रभावी उपस्थिति ने तकनीकी के जानकारों के बीच प्रशासन का पक्ष और प्रभावी सहयोग की बात रखते हुए जैन इंजीनियर सोसायटी के प्रखर सहयोग की सराहना की।
प्रारंभ में जैन मंगलाचरण से कार्यक्रम की शुरुआत जन-जन के कल्याण की जैन भावना के साथ की गई। इसके बाद प्राथमिकी सत्र में हर्षिका सिंह, आयुक्त इंदौर नगर पालिका निगम ने इंदौर शहर की स्वच्छता और विकास के साथ तेजी से बढ़ते शहर की पानी की आवश्यकता और उसके संचयन में नगर निगम की भूमिका स्पष्ट करते हुए नगर निगम को मिल रहे जनसहयोग और इंदौर शहर के नागरिकों की मददगार प्रकृति को अद्भुत बताया।
उन्होंने नगर निगम की ओर से जल अभियान-2025 का खाका रखते हुए इंदौर शहर की बढ़ती आबादी और नर्मदा के महंगे जल के ऊपर निर्भरता कम किए जाने की महती आवश्यकता पर बल दिया कि कभी प्राकृतिक कारणों से यदि नर्मदा में जल की कमी पड़ती है तो आपातकालीन परिस्थितियों में जल की समानांतर व्यवस्था बनाने में जैन इंजीनियर सोसायटी की दूरदृष्टि और सहभागिता बेहद महत्वपूर्ण है और हमें अभी एक माह में 15 जून से पहले वर्षा जल को सहेजने और भू-जल संरक्षण को अभियान के रूप में चलाए जाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा। जितनी आवासीय सोसायटी हैं, जितने रहवासी संघ हैं… उन सभी का सहयोग और आप जैसे तकनीकी सोसायटी का सहयोग हमारे अभियान में सोने में सुहागे की तरह महत्वपूर्ण है।

वाटर सरप्लस के लिए उठाएं कदम

ज्ञातव्य है कि अभी हम नर्मदा का जो पानी पी रहे हैं, वह विश्व में सबसे महंगा करीब 25 रुपए प्रतिलीटर की लागत का पी रहे हैं। इसके लिए नगर निगम को हर माह करीब 20 करोड़ रुपए विद्युत खर्च के लिए भुगतान करना पड़ती है, इसलिए हमें वर्षा जल की हर बूंद को सहेजना होगा, जनजागृति का स्तर उठाना होगा, ताकि 1500 मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल के मकानों के अलावा भी हर घर और हर व्यक्ति की जवाबदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित करना होगी। यह प्रयास करने होंगे कि हम पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनें और वाटर प्लस से वाटर सरप्लस की स्थिति में आ जाएं, इंदौर भारतभर में एकमात्र शहर है, जिसमें यह आदर्श शहर बनने की क्षमता और जुनून दोनों मौजूद हैं।

अब बारी वाटर क्वालिटी में सुधार की
द्वितीय सत्र में जिलाधीश इलिया राजा टी ने बेहद महत्वपूर्ण बात रखी कि इंदौर विगत वर्षों में स्वच्छता का सरताज बना। उसने अपना एयर क्वालिटी में तेजी से सुधार किया। अब बारी वाटर क्वालिटी में सुधार की है। हमारे तमिलनाडु में इतिहास की पुस्तकों में जिक्र आता है कि पहले माह में तीन बार बारिश होती थी… पानी धीमा आता था, जमीन में उतरता था, पर अब वैसा नहीं रहा तो जिम्मेदार कौन है? पैसे की दौड़ में क्वालिटी लाइफ पीछे छूट गई है। हमें आने वाली पीढ़ी के लिए जिम्मेदार बनना होगा। आप सब यहां रविवार की सुबह एकत्र हुए हैं… उसका एकमात्र कारण है कि आप मूल्यों के प्रति समर्पित हैं और समाज को कुछ देना चाहते हैं।

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‘अपीलेट ट्रिब्यूनल में हाईब्रिड तरीके से सुनवाई के लिए अलग तैयारी की जरूरत’………..

आॅल इंडिया फेडरेशन आॅफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन, इंदौर सीए शाखा और टैक्स प्रैक्टिश्नर्स एसोसिएशन इंदौर के सयुंक्त तत्वावधान में दो दिवसीय नेशनल टैक्स कॉन्फ्रेंस का रविवार को सीए भवन में समापन हुआ। द्वितीय दिवस के मुख्य अतिथि इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के नेशनल प्रेसिडेंट सीए जीएस पन्नू ने कहा कि आईटीएटी फार्मल कोर्ट नहीं है। इसका कार्य करने का तरीका एवं इसके समक्ष आने वाले मामले अलग तरीके के होते हैं, जिनकी तुलना सामान्य कोर्ट के मामलों से नहीं की जा सकती। हमें अपीलेट ट्रिब्यूनल को हाईब्रिड तरीके से, जिसमें आॅनलाइन एवं आॅफलाइन दोनों माध्यम से सुनवाई हो सके इसके लिए अलग तैयारी की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल की सुनवाई को भी लाइव स्ट्रीम में करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि नॉलेज, नेटवर्क एवं ट्रांसफॉर्मेशन इस कॉन्फ्रेंस की थीम है एवं आने वाले समय में डेटा ही असली ताकत होगा। समय के साथ टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए हमें ज्ञान की भी आवश्यकता होगी। टैक्स डिपार्टमेंट के पास अभी बहुत डेटा उपलब्ध है। विभाग अभी तक सुप्त अवस्था में था परंतु अब समय चेंज हो रहा है। विभाग तकनीक का उपयोग कर डेटा माइनिंग कर रहा है। इस तरह की कॉन्फ्रेंसेस के माध्यम से ही नेटवर्किंग संभव है।

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महिलाओं के रात में कपड़े चुरा लेता है सिरफिरा, घबराए हुए हैं रहवासी

विजय नगर और लसूड़िया क्षेत्र की पॉश कॉलोनियों में इन दिनों एक सिरफिरे की दशहत है। सिरफिरा रात में महिलाओं के वस्त्र चुरा ले जाता है। घबराहट में रहवासी खुद डंडे और बैसबॉल के बल्ले लेकर गश्त कर रहे हैं। उनका आरोप है कि वस्त्र चुराने वाला बच्चियों के गले भी दबाता है। वह पलक झपकते ही दीवार फांदकर भाग जाता है। घटनाक्रम शनिवार रात उस वक्त सामने आया, जब खजराना टीआई दिनेश वर्मा गश्त करते हुए स्कीम-78 पहुंचे। युवा और बुजुर्ग डंडे लेकर सड़कों पर घूम रहे थे। लोगों ने बताया वे एक सिरफिरे से परेशान हैं। जैसे ही घरों की लाइट बंद होती है, वह दीवार फांदकर अंदर आ जाता है। कभी वस्त्र चुरा लेता है तो कभी बच्चियों के साथ हरकत करता है। पहले लोगों ने समझा घरों में चोर आने लगे हैं। धीरे-धीरे महिलाओं ने एक-दूसरे से बात की तो पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई। शनिवार रात टीआई वर्मा ने सूने घर व गलियों में आरोपित को ढूंढ़ा।

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ट्रै्फिक संग शहर विकास को रफ्तार

इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) बोर्ड बैठक में वर्ष 2023 -24 का 6005 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया। यह बजट पिछले बजट की तुलना में छह गुना बड़ा रहा। बजट विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। शहर की विकास योजनाओं और यातायात सुधार पर बजट में भारी भरकम राशि का प्रावधान किया गया है।
शुक्रवार को आईडीए बोर्ड बैठक में चेयरमैन जयपालसिंह चावड़ा ने वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। 6005 करोड़ के इस बजट में शहर और जनहित से जुड़ी कई योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। खास बात यह है कि आईडीए के इतिहास में पहली बार बजट में प्रबुद्धजन व आम लोगों के सुझावों को भी शामिल किया गया। बजट पेश किए जाने के दौरान भाजपा नेता सत्यनारायण सत्तन, मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, आईडीए उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला, आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, पूर्व आईडीए अध्यक्ष मधु वर्मा, सुदर्शन गुप्ता, एमआईसी मेंबर, इंदौर उत्थान अभियान के अजीतसिंह नारंग व अभ्यास मंडल सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। 6005 करोड़ के इस बजट में 3081.25 करोड़ के व्यय के प्रावधान किए गए हैं। बजट में व्यय पर आय का आधिक्य 2923.75 करोड़ रुपए दशार्या गया है। बीते वर्ष की शेष राशि को शामिल करते हुए यह सरप्लस राशि मार्च 2024 में 3432.13 करोड़ अनुमानित की गई है।

448 करोड़ में बनेंगे कई फ्लाईओवर
शहर के यातायात को बेहतर बनाने और यातायात व परिवहन की बढ़ती जरूरत को ध्यान में रखते हुए बजट में फ्लाईओवर के लिए 448 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। 35 करोड़ भंवरकुआ चौराहा के लिए, 45 करोड़ फूटी कोठी चौराहा के लिए, 25 करोड़ लवकुश चौराहा पर फ्लाईओवर के लिए प्रावधान किया गया है। लवकुश चौराहा पर ही लेवल-2 फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए रखे गए हैं। महू नाका फ्लाईओवर के लिए 35 करोड़, गांधीनगर फ्लाईओवर के लिए 33 करोड़, शक्करखेड़ी रिवर ओवरब्रिज के लिए 20 करोड़, केलोदहाला रेलवे ओवरब्रिज के लिए 75 करोड़, कनाड़िया रोड फ्लाईओवर के लिए 15 करोड़ और बिचौली हप्सी फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट रखी गई है।

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