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वारिस पंजाब दे’ का भगोड़ा अमृतपाल सिंह पंजाब के मोगा से गिरफ्तार; असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजे जाने की संभावना है

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और वारिस पंजाब डे (डब्ल्यूपीडी) संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह, जो राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं, को पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल को मोगा से गिरफ्तार किया था। अमृतपाल की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा एक महीने बाद हुई है। उसके और उसके संगठन के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की….

36 दिन बाद आखिर शिकंजे में आया अमृतपाल अमृतपुर के बारे में पुलिस ने गिरफ्तारी की जानकारी दी अमृतपाल मोगा पंजाब से गिरफ्तार पंजाब हाई अलर्ट पर पंजाब के रोटेगांव मोगा के गुरुद्वारे से हुई गिरफ्तारी अमृतपाल के गुरुद्वारे पहुंचने की सूचना वहां के ग्रंथी ने दी थी अमृतपाल को बठिंडा से ट्रिब्यू गढ़ लेकर जाया जाएगा

पंजाब पुलिस ने रविवार को अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा, “अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा में गिरफ्तार किया गया है।” पुलिस ने नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया, कोई भी फर्जी खबर साझा न करें और हमेशा सत्यापित और साझा करें।

अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया जा सकता है। अब तक अमृतपाल और उसके संगठन के आठ सहयोगियों को डिब्रूगढ़ जेल में स्थानांतरित किया जा चुका है। इन सभी पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है।18 मार्च को पंजाब पुलिस ने 78 लोगों को गिरफ्तार किया और कई आपराधिक मामलों के सिलसिले में अमृतपाल की तलाश शुरू की। अमृतपाल के समर्थकों द्वारा 23 फरवरी को अमृतसर में अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने के लगभग तीन सप्ताह बाद यह कार्रवाई हुई, जिसमें उनके एक सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग की गई थी।

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असम, अरुणाचल ने सीमा विवाद खत्म करने के लिए समझौता किया; अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक बताया

2021 में, प्रधान मंत्री मोदी और अमित शाह दोनों के आग्रह के बाद, दोनों राज्यों ने बातचीत के माध्यम से अपने सीमा विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने का संकल्प लिया था….असम और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दोनों पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं के साथ लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

MoU पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके अरुणाचल प्रदेश के समकक्ष पेमा खांडू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए, जो लोकसभा में अरुणाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

हम भारत और पूर्वोत्तर के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण देख रहे हैं। असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच 1972 से चल रहा सीमा विवाद स्थायी रूप से सुलझ गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शांतिपूर्ण, विकसित और विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के सपने में एक मील का पत्थर है,” शाह ने कहा। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से, जब पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली (भाजपा) सरकार ने केंद्र में सत्ता संभाली, पूर्वोत्तर में विद्रोही संगठनों के साथ कई शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं और क्षेत्र में राज्यों के बीच सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए समझौते हुए हैं। .

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शिर्डी साईं मंदिर में 4 करोड़ के सिक्के बैंकों ने लेने से कर दिया इनकार

महाराष्ट्र के सबसे अमीर और देश-दुनिया में प्रसिद्ध शिर्डी का साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट अब भक्तों द्वारा दान किए जाने वाले सिक्कों से परेशान है। आलम यह है कि अब बैंकों ने भी इन सिक्कों को लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि अब यह अतिरिक्त सिक्के रखने के लिए उनके बैंक में जगह नहीं है। शिर्डी मंदिर के पास साढ़े तीन से चार करोड़ रुपए के आसपास के सिक्के हैं, जिन्हें बैंकों ने लेने में आनाकानी शुरू कर दी है, वहीं मंदिर न्यास के पास इसे रखने के लिए जगह की कमी पड़ रही है। बता दें कि शिर्डी मंदिर शहर के तेरह राष्ट्रीयकृत बैंकों में पैसे जमा करता है। मंदिर के कार्यकारी सीईओ जाधव के मुताबिक मंदिर में आने वाले भक्त अपनी श्रद्धा के हिसाब से साईंबाबा को चढ़ावा चढ़ाते हैं, जिसकी सप्ताह में दो बार काउंटिंग भी जाती है।

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आप में क्रिएटिविटी है तो गेमिंग में अच्छे अवसर

प्रदेश के युवा एनिमेशन और विजुअल इफेक्ट्स के क्षेत्र में देश-दुनिया में अपने शहर और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। लेकिन, इससे जुड़ी गेमिंग इंडस्ट्री में भागीदारी कम है। क्योंकि, गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर उदासीनता होना है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चल रहे किसी भी इन्क्यूबेशन सेंटर में गेमिंग के लिए अलग से प्रावधान नहीं हैं। क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश सरकार यदि आईटी पॉलिसी में ही एवीजीसी का समावेश करे तो गेमिंग इंडस्ट्री में इंदौर गेम चेंजर हो सकता है। युवाओं के लिए यह क्षेत्र मुफीद है, क्योंकि गेमिंग में कॅरियर बनाने के लिए रचनात्मकता जरूरी है। 12वीं पास भी इसमें कॅरियर बना सकते हैं। इंदौर में करीब 600 छोटे-बड़े स्टूडियो हैं, जो देश-दुनिया की गेमिंग कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एंड कॉमिक्स (एवीजीसी) के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्स पिछले साल दिसंबर में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। इसमें संसाधनयुक्त स्टूडियो, रिसोर्सेस, कॉलेजों के साथ-साथ सरकार की इस दिशा में सकारात्मक भूमिका की जरूरत बताई गई।

’ सरकार ने 2030 तक इंडस्ट्री को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
’ एक रिपोर्ट के अनुसार 1.2 बिलियन डॉलर के गेमिंग मार्केट में भारत की साझेदारी 28 फीसदी है। देश की इस हिस्सेदारी में इंदौर का योगदान 2 से 3 प्रतिशत ही है।
’ गेमिंग में सोनी और माइक्रोसॉफ्ट टॉप प्लेयर हैं। भारत में रॉकस्टार टॉप पर

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स्वदेशी एप स्टोर एम-सेवा और ई-प्रमाण बनेगी अब हमारी पहचान

विदेशी प्ले स्टोर और ऐप स्टोर को टक्कर देने के लिए भारत सरकार ने एम सेवा यानि मोबाइल सेवा लॉन्च किया है। इसके साथ ही ई-प्रमाण जैसी वेबसाइट भी बनाई है, जहां सिंगल लॉगिन से डाटा को सुरक्षित रखा जाता सकता है।
गुरुवार को इंदौर में मप्र सरकार एमएसएमई स्टार्टअप विभाग के सहयोग से इसे प्रदेश के युवाओं के बीच एक कार्यशाला में प्रदर्शित किया गया। आयुक्त पी. नरहरि ने युवाओं से कहा- भारत नवाचार में अपनी पहचान बना रहा है। स्टार्टअप में प्रगति आपके सामने है। स्टार्टअप को अब पब्लिक और मार्केट सॉल्यूशन पर भी ध्यान देना होगा। भारत सरकार द्वारा ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर के विकल्प के रूप में सेवा ऐप स्टोर (एम-सेवा) को देखा जा रहा है। यह टेक्नोलॉजी की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह ऐप स्टोर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंग सी-डैक मुंबई ने विशेष रूप से बनाया है।
सी-डैक डायरेक्टर डॉ. पद्मजा जोशी व रेखा नायर ने बताया कि यह देश में मोबाइल ऐप उद्योग को मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से एक नई पहल है और भारत का डेटा भारत में सुरक्षित भी रहेगा। यह भारत का पहला स्वदेशी वेबसाइट स्टोर है। इस ऐप स्टोर पर कई डोमेन और सार्वजनिक सेवाओं की खोज से लगभग 1200 लाइव होस्टेड ऐप हैं। एम-सेवा को ऐप स्टोर की अधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। अब तक एम-सेवा एप के 9.1 करोड़ डाउनलोड हो चुके हैं।
डॉ. जोशी के अनुसार ऐप स्टोर सरकार और सार्वजनिक सेवाओं के लिए उपलब्ध है। सर्विस-ओरिएंटेड आर्किटेक्चर और क्लाउड-आधारित तकनीकों पर आधारित है, सरकारी विभाग, निजी डेवलपर मोबाइल ऐप की सेवा जो स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वित्तीय से संबंधित सरकारी और अन्य सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने, आॅनलाइन भुगतान, निर्वाचन संबंधी उपयोगकर्ता वेबसाइट से मोबाइल सेवा ऐप स्टोर डाउनलोड कर सकते हैं।
ये ऐप स्टोर भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए सुरक्षा और डेटा संबंधी सभी कानूनों का पालन करती है। भारत में कोई भी नागरिक, सरकारी, निजी संगठन एक डेवलपर के रूप में पंजीकरण कर सकता है और अपना ऐप मुफ्त में अपलोड कर सकता है। इस एप्लीकेशन स्टोर पर ऐप पब्लिश करने से पहले टेस्टिंग का फीचर भी दिया गया है। इस ऐप स्टोर पर हर ऐप की पूरी जानकारी उपलब्ध है।

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