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चीते की चिंता : पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट पर काले बादल

कूनो नेशनल पार्क से चीतों को दूसरे स्थान पर तत्काल शिफ्ट करने के लिए मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जसवीर सिंह चौहान ने अब वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएस कंसोटिया को नोटशीट लिखी है। उन्होंने लिखा है कि कूनो से चीतों को शिफ्ट करना जरूरी है, क्योंकि कुछ समय में वहां क्षमता से अधिक चीते हो जाएंगे। ऐसे में उनकी देखरेख करना मुश्किल हो जाएगा। कोई महामारी फैल गई तो चीता प्रजाति पर संकट आ सकता है। चौहान पांच अप्रैल को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भी पत्र लिख चुके हैं, जिसका जवाब नहीं आया है। इसी मुद्दे पर मंथन के लिए आज (गुरुवार को) चीता टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई है।
सीएम, वनमंत्री, सीएस को दें जानकारी
चौहान ने लिखा है कि वर्तमान परिस्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वनमंत्री विजय शाह और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को भी दी जानी चाहिए, ताकि समय रहते निर्णय लिया जा सके। उनका मानना है, सात चीतों को तत्काल कहीं और शिफ्ट करने की जरूरत है। वन अधिकारियों का कहना है राजस्थान का मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क ही एकमात्र स्थान है, जहां चीतों को तत्काल शिफ्ट किया जा सकता है। इस पार्क की जलवायु चीतों के अनुकूल है और यह चैनलिंग जाली से घिरा है। हालांकि, राजनीतिक कारणों से ऐसा होना संभव नहीं दिखाई देता है। इस संबंध में जेएस चौहान से बात करने की कोशिश की, पर वे कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं।

कूनो के जंगल में सिर्फ
21 चीतों की जगह
कूनो का जंगल छह हजार वर्ग किलो मीटर में फैला है। यहां अधिकतम 21 चीते रखे जा सकते हैं और वर्तमान में 17 युवा और चार शावक चीते हैं। इसी माह सभी नर और मादा चीतों को एक साथ बड़े बाड़ों में छोड़ दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन से चार महीने में आठ से दस नए मेहमान आ जाएंगे। ऐसा होने पर चीतों का प्रबंधन प्रभावित हो सकता है। वहीं कोई बीमारी फैली तो प्रजाति संकट में आ जाएगी। उधर, वन्यप्राणी मुख्यालय सात माह में राज्य के गांधी सागर अभयारण्य को तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, पर इसकी उम्मीद कम है।

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