Karnataka Election Result Equations: 1985 के बाद यानी बीते 38 साल से कर्नाटक में कोई दल लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बना पाया। रुझानों में कांग्रेस मजबूत है और इस बार भी कर्नाटक में रोटी पलटती दिख रही है, लेकिन कुछ सीटें कम रह जाने पर क्या समीकरण बनेंगे, आइए जानते हैं…
कर्नाटक के चुनाव नतीजे कांग्रेस के लिए राहत की खबर लेकर आए हैं। सुबह साढ़े नौ बजे के बाद से कांग्रेस रुझानों में लगातार 110 सीटों से ऊपर बनी हुई है। सामान्य आकलन कहता है कि रुझानों के मुताबिक अंतिम नतीजे रहने पर कांग्रेस को सरकार बनाने में परेशानी नहीं आएगी। हालांकि, उसे विधायकों को जोड़े रखने की चिंता भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में कई कमरे बुक कर चुकी है। उसने जीते हुए नेताओं को रात को ही होटल पहुंचने को कहा है। यहीं पर रविवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित नेताओं की बैठक होगी।
समीकरण 1
कांग्रेस को अगर स्पष्ट बहुमत मिल जाता है, यानी मौजूदा राजनीतिक हालात में स्पष्ट बहुमत यानी 120+ सीटें, तो उसे किसी के समर्थन की जरूरत नहीं होगी। इसके बाद नजर इस बात पर होगी कि कांग्रेस पूर्व सीएम सिद्धारमैया को दोबारा कमान सौंपती है या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को जिम्मेदारी सौंपती है। अगर कांग्रेस दो धड़ों में बंटती दिखाई दी तो उसके सामने विधायकों के टूटने का खतरा होगा।
समीकरण 2
सुबह 9:30 बजे से सुबह 11:15 बजे तक के रुझानों में कांग्रेस 110 सीटों से ऊपर बनी हुई है। अगर वह बहुमत से कुछ सीटें दूर रह जाती है तो उसके पास पहला और आसान विकल्प रहेगा निर्दलीय/अन्य विधायकों का समर्थन। अब तक के रुझानों में ये पांच से सात सीटों पर जीतते नजर आ रहे हैं। इस आंकड़े में जी जनार्दन रेड्डी का कल्याण राज्य प्रगति पक्ष शामिल है, जो एक सीट पर जीतता नजर आ रहा है।
समीकरण 3
अगर कांग्रेस बहुमत से कुछ दूर रहती है तो एक संभावना यह भी बनती है कि वह मजबूती से सत्ता में बने रहने के लिए निर्दलीय के बजाय सीधे जेडीएस से समर्थन मांगे या जेडीएस उसे समर्थन दे ताकि 70 से ज्यादा सीटों वाली भाजपा को सरकार बनाने की संभावनाओं से रोका जा सके। रुझानों के अब तक के आंकड़ों में कांग्रेस-जेडीएस के साथ आने की संभावना कम दिखाई दे रही है।
समीकरण 4
कांग्रेस 2018 का फॉर्मूला अपनाए। यानी, 2018 की तरह ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी मुख्यमंत्री का पद जेडीएस को ऑफर कर दे। ऐसे में एक बार फिर चुनाव नतीजों में तीसरे नंबर पर रहने के बाद भी एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। ऐसा होता है तो ये तीसरा मौका होगा जब कुमारस्वामी इस तरह से सत्ता में आएंगे।
क्या रहे थे 2018 में नतीजे?
2018 के नतीजों की बात करें तो कांग्रेस 80 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर थी, जबकि जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं। दोनों में मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी, जबकि 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी रही भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा था। हालांकि, 14 महीने बाद ही कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायकों ने पाला बदल लिया और भाजपा की सरकार बन गई।