Hindustanmailnews

हनुमानजी तो आदिवासी थे!

कमलनाथ की मौजूदगी में विधायक काकोडिया बोले- हनुमानजी का कोई अपमान करेगा, बदनाम करेगा, तो आदिवासी समाज छोड़ेगा नहीं…

कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही है। बीजेपी ने इसे भगवान बजरंगबली का अपमान बताते हुए चुनावी मुद्दा बना लिया है। बजरंग दल समेत अन्य हिंदू संगठन मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस विधायक ने बजरंगबली को आदिवासी बताया और कहा कि कोई इनका नाम लेकर उन्हें अपमानित न करें।
सिवनी जिले की बरघाट विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने कहा कि बजरंग दल, आरएसएस और ये राम सेना के लोगों ने आदिवासियों को मारा है। वह बजरंगबली की बात करते हैं। बजरंग बली आदिवासी हैं। वे जंगल में रहते थे, उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की रक्षा की, उनकी सहायता की। वहां पर कोई करणी सेना नहीं गई। क्षत्रिय नहीं गए। ब्राह्मण की सेना नहीं गई। वहां पर अगर किसी ने भगवान राम की कोई मदद की है, तो वो आदिवासियों ने की है। अगर कोई हमारे बजरंग बली, जो आदिवासी हैं, उनका कोई अपमान करेगा, उनका नाम लेकर सड़क पर उतरेगा, उनको बदनाम करेगा, तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, आदिवासी समाज उसको छोड़ेगा नहीं।
नंदकुमार साय भी हनुमानजी को आदिवासी समुदाय का बता चुके हैं
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष रहे नंद कुमार साय ने दावा किया है कि वह अनुसूचित जनजाति के आदिवासी थे। साय ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था मैं स्पष्ट करना चाहता हूं…लोग सोचते हैं कि भगवान राम की सेना में वानर, भालू, गिद्ध थे। ओरांव आदिवासी से संबद्ध लोगों द्वारा बोली जाने वाली कुरुख भाषा में टिग्गा (एक गोत्र है यह) का अर्थ वानर होता है। कंवार आदिवासियों में, जिनसे मेरा संबंध है, एक गोत्र है जिसे हनुमान कहा जाता है। इसी प्रकार, गिद्ध कई अनुसूचित जनजातियों में एक गोत्र है। अतएव मेरा मानना है कि वे आदिवासी समुदाय से थे और उन्होंने इस बड़ी लड़ाई में भगवान राम का साथ दिया। ज्ञातव्य है कि साय का भाजपा से मोह भंग होने के बाद वे कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights