हिंदुस्तान मेल, भोपाल
मध्यप्रदेश में इन दिनों वैशाख के महीने में आषाढ़ जैसा मौसम है। हर तीसरे दिन बारिश हो रही है। ओले गिर रहे हैं। आंधी चल रही है। आमतौर पर अप्रैल के आखिरी दिनों में तेज गर्मी पड़ने का ट्रेंड है, लेकिन इस बार पूरा प्रदेश जमकर भीगा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले 120 साल में सिर्फ 5 बार ही अप्रैल महीने में एवरेज से ज्यादा बारिश हुई। वहीं, पिछले 40 साल में इस बार अप्रैल में सबसे ज्यादा 50 एमएम पानी गिरा है। हर दूसरे-तीसरे दिन प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में बारिश होती रही।
मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में साल 2013 से 2022 तक 10 साल की डाटा बेस्ड स्टडी में सामने आया कि भोपाल-इंदौर में तापमान 43 डिग्री तक पहुंचा, जबकि जबलपुर में आंकड़े ने 44 डिग्री को छू लिया। ग्वालियर में तो तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया था। पिछले दो साल इन शहरों में तेज गर्मी पड़ी। वहीं, इस बार ऐसा नहीं हुआ। करीब 8 बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हुए। प्रदेश के कई इलाकों में हर दूसरे-तीसरे दिन बूंदाबांदी या तेज बारिश हुई। 17 से 19 अप्रैल के बीच जरूर तेज गर्मी पड़ी। यह पिछले 10 साल के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ सके। 27 से 30 अप्रैल के बीच तेज बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल की बात करें तो अप्रैल के पूरे महीने में करीब 11 से ज्यादा दिन बारिश हुई।
महीनेभर में आठ बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस
मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह बताते हैं कि आमतौर पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस चार से पांच दिन रहते हैं, लेकिन इस बार कई सात दिन या इससे ज्यादा समय तक एक्टिव रहे। इस कारण प्रदेशभर में तेज आंधी के साथ बारिश हुई और ओले भी गिरे हैं। रिकॉर्ड के अनुसार 120 साल में यह पांचवीं बार है, जब अप्रैल में एवरेज से ज्यादा बारिश हुई है। एमपी की एवरेज बारिश 10.9 मिमी है। वहीं, वर्ष 1983, 1991 में इससे दोगुनी यानी 24 एमएम, वर्ष 2006 में चार गुना 44 एमएम, वर्ष 2014 में तीन गुना 36 एमएम और इस बार सबसे ज्यादा 5 गुना यानी 50 एमएम बारिश हो चुकी है। भोपाल में एवरेज 2 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।