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पीएफआई और मदरसों पर कड़ी निगरानी…

मध्यप्रदेश पुलिस के डीजीपी सुधीर सक्सेना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक में सभी जोन के एडीजी/ आईजी, भोपाल-इंदौर के पुलिस कमिश्नर मौजूद थे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई और मदरसों पर पुलिस कड़ी निगाह रखें। यह काम अकेले एटीएस का नहीं है, सभी जिलों में पुलिस अधीक्षक भी इन आपराधिक तत्वों पर निगाह बनाएं रखें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शाम 6 से रात 9 बजे तक पुलिस अपने-अपने इलाके में पैदल गश्त करे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जोनल एडीजी/आईजी, इंदौर और भोपाल के कमिश्नर, सभी जिलों के एसपी/डीसीपी उपस्थित रहे।
डीजीपी सक्‍सेना ने निर्देश दिए कि अवैध खनन, अवैध शराब, जुआ-सट्टा, चिटफंड माफिया, भू-माफिया, मिलावट माफिया को नेस्‍तानाबूद करने के लिए कठोर कदम उठाए। इनके खिलाफ कार्रवाई इतनी सटीक और प्रभावशाली हो कि नजीर बन जाए। उन्होंने बैठक में कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लोग अहाते बंद होने के बाद खुले में शराब न पीएं। साथ ही निर्धारित स्थल के अलावा कहीं भी शराब विक्रय होने पर सख्त कार्रवाई करें।

उज्जैन पुलिस की तर्ज पर कार्रवाई करें
डीजीपी ने निर्देश दिए कि जिस तरह उज्जैन पुलिस ने पीआईटी-एनडीपीएस एक्‍ट के अंतर्गत ड्रग्स माफिया पर सख्ती दिखाते हुए 11 तस्करों को जेल भेजा। उसी तरह प्रदेश के सभी जिले में पुलिस ऐसे मामलों को गंभीरता से ले। उचित कार्रवाई करें। उन्होंने निर्देश दिए कि मदरसों पर भी कड़ी निगाह रखी जाए और इस बात का ध्यान रखा जाए कि कहीं कोई राष्ट्रविरोधी, आतंकवादी तो नहीं पनप रहे।

पेसा एक्ट : हर गांव में विवाद निवारण समिति बनाएं
बैठक में डीजीपी सक्सेना ने पेसा एक्ट के अंतर्गत प्रत्येक गांव में शांति व विवाद निवारण समिति की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि प्रत्येक जिले के शत-प्रतिशत गांवों में समितियों बन जाएं। उन्होंने कहा कि थानों में दर्ज सभी एफआईआर की जानकारी समितियों को दी जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि सभी समितियां प्रदेश के जिलों के विभिन्न ग्रामों में भ्रमण कर जनता को पेसा एक्ट के प्रति जागरूक करें।

अतिवादी संगठनों पर नजर रखना सिर्फ एटीएस का काम नहीं….

बैठक में उन्होंने पीएफआई, अन्य अतिवादी संगठनों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह काम सिर्फ एटीएस का नहीं है, सभी जिलों में पुलिस अधीक्षक भी इन आपराधिक तत्वों पर निगाह बनाए रखें। अपराधों की कमी और वृद्धि की जोनवार समीक्षा कर जोनल आईजी को निर्देशित किया कि प्रतिमाह अपने जोन में घटित अपराधों की समीक्षा करें। कहीं कोई वृद्धि दिख रही है, तो उसके नियंत्रण के लिए कदम उठाएं। बैठक के दौरान डीजीपी सक्सेना ने अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिदिन शाम 6 से 9 बजे तक पैदल गश्त किए जाने के निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीजीपी सक्सेना ने पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कॅरियर काउंसलिंग तथा समर कैंप आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए।

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