भोपाल के जिला पंचायत उपाध्यक्ष मोहनसिंह जाट… पिछले साल हुए पंचायत चुनाव के बाद से ही नंगे पैर हैं। न कभी चप्पल पहनी और न जूते। यहां तक कि जिपं की मीटिंग हो या गांवों का भ्रमण… नंगे पैर ही रहे। उनका मतदाताओं से वादा था कि चुनाव जीतने के बाद वे अपने वार्ड क्षेत्र के 65 गांव के करीब 10 हजार घरों में पहुंचेंगे और फिर मंदिर में कथा करवाकर ही जूते-चप्पल पहनेंगे। यह वादा आज (गुरुवार) को पूरा होगा। अपने गांव के मंदिर में कथा करवाने के बाद वे चप्पल पहनेंगे।
जाट जिपं के वार्ड-1 से सदस्य हैं। बीजेपी समर्थित जाट के वार्ड में 65 गांव शामिल हैं। इनमें 10 हजार से ज्यादा गांव हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल जून-जुलाई में नामांकन भरने से पहले जब वे मतदाताओं के बीच पहुंचे तो उनमें नाराजगी दिखाई दी। उनका कहना था कि चुनाव जीतने के बाद कोई नहीं आता, जबकि वोट मांगने के लिए कई चक्कर लगा देते हैं, इसलिए मैंने वहीं पर मतदाताओं से वादा किया कि चुनाव जीते या हारे, पहले आपसे मिलूंगा… तभी चप्पल-जूते पहनूंगा।
दो महीने में पूरा किया वादा
उपाध्यक्ष जाट ने बताया कि चुनाव जीतने के दो-तीन महीने में हर गांव में जाकर मतदाताओं के घरों में पहुंचा और हाथ जोड़कर बूंदी के लड्डू की प्रसादी की। मतदाताओं का मुंह मीठा कराने के बाद ही अगले घर जाता। इसके लिए विशेष तौर पर लड्डू की प्रसादी बनवाई गई। दो महीने में भले ही वादा पूरा हो गया हो, लेकिन एक संकल्प ग्राम निपानिया पहाड़िया स्थित कुलदेवी के मंदिर में कथा करवाने का भी था, इसलिए 27 अप्रैल को यह कथा करवाई जा रही है। इसके एक दिन पहले से यहां धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिए हैं।
पार्टी के कार्यक्रम हो या मीटिंग… नंगे पैर ही घूमे
जिपं उपाध्यक्ष जाट ने बताया कि संकल्प और वादा होने के चलते मैं अब तक नंगे पैर ही रहा। चाहे पार्टी के कार्यक्रम हो या कोई मीटिंग, वहां नंगे पैर ही गया। कई बार जनप्रतिनिधि और अधिकारी नंगे पैर देखकर अचरज में पड़ गए। मोटरसाइकिल भी नंगे पैर ही चलाता हूं।
2015 के चुनाव में हारे थे, तब भी हर घर में पहुंचे
जिपं उपाध्यक्ष जाट वर्ष-2015 में हुए पंचायत चुनाव में हार गए थे। तब भी उन्होंने वार्ड-2 से नामांकन दाखिल किया था, लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वी से उन्हें 350 वोट कम मिले थे। हारने के बावजूद वे मतदाताओं के पास पहुंचे थे। इस बार भी उनसे वादा किया था।