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नौ साल के सलीम ने दी ईदी

9 साल का सलीम हरियाणा के मेवात का रहने वाला था।अभी 15 अप्रैल को पैदल सड़क पार करने के दौरान बाइक सवार ने उसे टक्कर मार दी थी। वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी। इस वजह से उसे 16 अप्रैल को एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। जहां डाक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
बच्चे के ब्रेन डेड होने पर एम्स के आर्बो (आर्गेन रिट्रिवल बैंकिंग आगेर्नाइजेशन) के पैरामेडिकल कर्मचारियों व अंग प्रत्यारोपण संयोजकों ने पीड़ित परिवार को अंगदान के लिए प्रेरित किया। इसके मद्देनजर पीड़ित परिवार ने बच्चे की किडनी, लिवर, हृदय, फेफड़ा, पैंक्रियाज, आंत, दोनों कॉर्निया, हृदय का वॉल्व व हड्डियां दान करने की स्वीकृति दी। एम्स के आर्बों की प्रमुख डॉ. आरती विज ने बताया कि बच्चे के शरीर में संयोग से एक ही किडनी थी। इसे एम्स में ही एक बच्चे को प्रत्यारोपित किया गया। अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने लिवर यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) को आवंटित किया। जहां 16 वर्षीय किशोर को लिवर प्रत्यारोण हुआ। दोनों कॉर्निया व हार्ट वॉल्व एम्स में सुरक्षित रखा गया है। एम्स के अनुसार फेफड़ा व हृदय को प्रत्यारोपण के योग्य नहीं पाया गया। सबसे बड़ी बात सलीम के परिवार ने कोई शर्त नहीं रखी। ये अंग किसी हिन्दू को लगेंगे या मुसलमान को, हालांकि अभी तक उन अंगों से जीवन पाने वाले सभी गैर मुस्लिम ही हैं।

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