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इंदौर, उज्जैन, धार, पीथमपुर और देवास होंगे शामिल……

रीजनल प्लानिंग के लिए संभागायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में बनी सहमति
हिन्दुस्तान मेल, इंदौर
इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया करीब 7500 वर्ग किमी का होगा। इसमें इंदौर, उज्जैन, धार, पीथमपुर और देवास का हिस्सा शामिल होगा। रीजनल प्लान बनने से सभी शहरों में नियोजित विकास पर काम होगा और प्लानिंग एरिया में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
गुरुवार को रीजनल प्लानिंग के लिए संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। अहम बात यह है कि मेट्रोपॉलिटन एरिया में 19 निकाय शामिल होंगे। प्लानिंग फाइनल करने के पहले शहरी योजना और विकास से जुड़े 20 विभागों से बिंदुवार रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी।
इस रिपोर्ट में विभागों के अगले 5 से 10 साल के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिहाज से क्या-क्या काम होना जरूरी है, उसका विस्तृत ब्योरा होगा। ये सारे बिंदु एक साथ कर मेट्रोपॉलिटन एरिया और उसका मास्टर प्लान फाइनल होगा। इसके लिए प्रशासन कंसल्टेंट मेहता एंड एसोसिएट्स एवं उनके दो एक्सपर्ट पुरुषोत्तम उत्तरवार और श्रीनिवासन की सेवाएं लेगा। श्रीनिवासन टीएंडसीपी के डायरेक्टर रह चुके हैं और उत्तरवार शहर विकास के एक्सपर्ट हैं और दिल्ली में कई प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट हैं। इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया का प्लान बेहतर बने, इसके लिए देश के कुछ बड़े शहरों की स्टडी की जाएगी। मेट्रो ट्रेन के लिए जरूरी शर्तों में मेट्रोपॉलिटन एरिया भी है, लिहाजा उज्जैन और पीथमपुर तक इसे विस्तार देने में भी परेशानी नहीं आएगी। अब तक 1600 से 3000 वर्ग किमी एरिया में इसे बनाने की बात हो रही थी, अब अगले 50 साल के हिसाब से इसे 7500 वर्ग किमी के बड़े हिस्से में लागू किया जा रहा है।
नियुक्त किए जाएंगे
नोडल अधिकारी
मेट्रोपॉलिटन एरिया के संबंध में विभिन्न विभागों से जो जानकारी लेना है, उसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे। बैठक में कान्ह और सरस्वती रिवर फ्रंट साइड डेवलपमेंट पर भी बात हुई। कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा, आईडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह मौजूद थे।

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