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405 करोड़ की फोरलेन सर्विस रोड को मिलेगा रास्ता…

इंदौर। बायपास के कंट्रोल एरिया को लेकर 275 आपत्तियां मिली थीं, जिनकी सुनवाई आज से वैसे ही होगी, जैसे मास्टर प्लान के दावे-आपत्ति की सुनवाई होती है। सुनवाई 13, 14 और 20 नवंबर को होगी। सिर्फ बायपास ही नहीं, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट एरोड्रम थाने से लेकर छोटा बांगड़दा पंचायत और कुशवाह नगर से सुपर कॉरिडोर के बीच सड़क की चौड़ाई को लेकर भी सुनवाई होगी। इसका फायदा नगर निगम को बायपास पर 405 करोड़ की फोरलेन सर्विस रोड बनाने और अन्य सड़कों के विस्तार में मिलेगा।
कंट्रोल एरिया प्लान अधिसूचना का प्रकाशन तीन महीने पहले हुआ था। इसके बाद बायपास की चौड़ाई राऊ सर्कल से राऊखेड़ी सेंट्रल पॉइन्ट (मांगलिया) तक 200 से बढ़ाकर कर 345 फीट हो जाएगी। दोनों ओर 148-148 फीट कंट्रोल एरिया बढ़ाया है। इसमें 73.8 फीट हिस्सा सड़क विस्तार के लिए आरक्षित रखा जाएगा। वहीं 73.8 फीट का बड़ा हिस्सा बायपास का कंट्रोल एरिया तो रहेगा, लेकिन उसका उपयोग मिश्रित होगा। मतलब, वहां दूसरी कारोबारी गतिविधियां हो सकेंगी।
टीएंडसीपी के अफसरों के अनुसार कंट्रोल एरिया को लेकर 275 आपत्तियां मिली थीं। जिनकी सुनवाई आज से शुरू होगी। चूंकि मौजूदा सड़क से 45 मीटर की दूरी बहुत ज्यादा हो जाती है, जिसकी वजह से कारोबार को नुकसान होता है, इसीलिए 73.8 फीट सड़क सर्विसेस के लिए रखी है, बाकी मिश्रित कारोबारी गतिविधियों के लिए।

छोटा बांगड़दा रोड
मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 23 की उपधारा (2) के तहत 23 सितंबर 2024 को एरोड्रम थाने से लेकर सत्य सरोज वाटिका (छोटा बांगड़दा) की चौड़ाई बढ़ाकर 100 फीट कर दी गई है। अब तक सड़क की चौड़ाई 60 से 100 फीट थी।
कुशवाह नगर-सुपर कॉरिडोर
टीएनसीपी डायरेक्टरेट ने 6 सितंबर 2024 को टिगरिया बादशाह मेन रोड से कुशवाह नगर होते हुए उज्जैन नाका बाणगंगा तक के उपांतरण की घोषणा की थी। टीएनसीपी ने इस सड़क की चौड़ाई भी बढ़ाकर 30 मीटर कर दी है। मतलब 100 फीट। अब तक सड़क की चौड़ाई कम-ज्यादा थी, अव्यवस्थित भी।
ये कमेटी करेगी सुनवाई….
9 दिसंबर 2021 को नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 17-क के तहत इंदौर विकास योजना से जुड़े मुद्दे की सुनवाई के लिए समिति गठित की है। इसमें अध्यक्ष (महापौर इंदौर, अध्यक्ष नगर पंचायत राऊ, अध्यक्ष नगर पंचायत हातोद, अध्यक्ष जिला पंचायत), सांसद, सभी विधायक, अध्यक्ष आईडीए, सभी जनपद पंचायत अध्यक्ष और हर उस गांव का सरपंच जो गांव उपांतरण से प्रभावित हैं, शामिल किए गए हैं। इनके अलावा कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, डायरेक्टर टेक्निकल मेट्रो, डायरेक्टर एअरपोर्ट के साथ ही आईटीपीआई, आईईआई और आईईए के सदस्य भी शामिल हंै। संयोजक टीएनसीपी के संयुक्त संचालक शुभाशीष बेनर्जी हैं।

ताकि जमीन मिलने में न आए दिक्कत
कंट्रोल एरिया में मिक्स लेन का प्रावधान इसलिए किया गया है ताकि उपांतरण के अंतिम प्रकाशन के बाद जमीन मालिकों से अनुबंध कर जमीन ली जा सके। सरकार की इस पहल से बायपास के दोनों ओर सर्विस लेन फोरलेन हो जाएगी, जो वर्तमान में टू-लेन है। माना जा रहा है कि मिश्रित लेन का फायदा उन जमीन मालिकों को टीडीआर के रूप में मिलेगा, जिनकी जमीनें सड़क विस्तार में शामिल होना हैं। 73.8 फीट सड़क के लिए आरक्षित भूमि मेट्रो ट्रैक, स्टॉर्म लाइन, अंडर ग्राउंड एसेसरीज डक्ट आदि के लिए ली जा सकेगी।

सर्विस रोड का रास्ता साफ
नगर निगम बायपास के दोनों ओर फोरलेन सर्विस रोड बनाना चाहता है। इसके लिए 405 करोड़ के टेंडर मंजूर हो चुके हैं। रूपांतरण के बाद फोरलेन का रास्ता साफ हो चुका है। इससे बायपास के आसपास हो रहे कॉलोनाइजेशन से बढ़ रहे यातायात दबाव से राहत मिलेगी। अभी 32 किलोमीटर लम्बे बायपास पर दोनों तरफ टू-लेन सर्विस रोड है।

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