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‘मजदूरों का ख्याल रखने वाले बने उद्योगों के हितैषी’

मजदूरों के संघर्ष और बलिदान को याद कर हर 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। कई उद्योगों में श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से मजदूर दिवस मनाते हुए श्रमिकों के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। इस अवसर पर श्रमिकों के हित में आवाज उठाते हुए शहीद हुए श्रमिकों को याद भी किया गया। पीथमपुर सेक्टर-1 में सभा कर शहीद मजदूर साथियों को याद किया गया।
1 मई, 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में अपनी मांगों के लिए एकत्र लोगों पर हमले में शहीद हुए मजदूरों के संघर्ष के लगातार प्रयास से मिनिमम वैज, काम के घंटे, सामाजिक सुरक्षा, अन्य सुविधा मिली। मजदूरों की एकता और संघर्ष के अभाव से सभी खत्म होते जा रहे हैं। जिन कानूनों को बनाने के लिए वर्षों आंदोलन किए… वर्तमान में उन कानूनों को पिछले रास्ते से खत्म किया जा रहा है। अभी-अभी एक नया आदेश जारी कर जो श्रमिक आॅनलाइन शिकायत करेगा… सुविधा बताकर 100/50 खर्च की परेशानी बढ़ रही है।
मजदूरों ने इस अवसर पर कहा कि मजदूरों का ख्याल रखने वाला श्रम विभाग और उसके अधिकारी उद्योग विभाग और उसके हितैषी बन गए हैं। 1 अप्रैल से मीनिमम वैज रिवाइज हुआ, उसका पालन नहीं किया जा रहा है। ईएसआईसी अंशदान के रूप में लाखों-करोड़ों रुपए मजदूरों के वेतन से कटौती के बाद भी पीथमपुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में ईएसआईसी का हॉस्पिटल तक नहीं बनाया जा रहा है, जबकि वर्षों पूर्व भूमि का चयन हो चुका है।

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