Hindustanmailnews

25 लाख वाहनों की जांच के लिए प्रदेश के 53 जिलों में सिर्फ 56 लोग, जिले में टीम क्यों नहीं?

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल/गुना
गुना हादसे के बाद गुरुवार को परिजन अपनों के निशान ढूंढ़ते रहे। 13 में से सिर्फ दो यात्रियों की ही शिनाख्त हो पाई। इनमें से एक आरएसएस से जुड़े मनोहर शर्मा और दूसरा डंपर ड्राइवर वीरेंद्र है। बाकी शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट होगा। इधर, हादसे के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने तुरंत एक्शन लेते हुए तमाम अफसरों को हटा दिया। व्यवस्थापकों को बदलने का कदम अच्छा है, पर ऐसे हादसे न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था बदलने की जरूरत है।
दरअसल, प्रदेश में परिवहन विभाग के पास न पर्याप्त स्टाफ है न संसाधन। कमर्शियल वाहनों की जांच का जिम्मा संभाग स्तर पर गठित कुल 10 उड़न दस्तों पर है। इन उड़नदस्तों में सिर्फ 56 लोगों का स्टाफ है और इन्हीं पर प्रदेश के 25 लाख कमर्शियल वाहनों की जांच का जिम्मा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी प्रदेश में सख्ती से चैकिंग हो जाए तो एक लाख से ज्यादा अनफिट, बिना परमिट और बिना इंश्योरेंस वाले कमर्शियल वाहन मिल जाएंगे।
इधर, बदले गए अफसरों में गुना कलेक्टर का अतिरिक्त प्रभार सीईओ जिला पंचायत प्रथम कुमार कौशिक को सौंपा गया है। इधर, शासन ने पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह से परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया है और अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा को एसीएस परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरुण कुमार सिंह की सेवाएं वापस ले ली हैं, सिंह को जीएडी पूल में डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया है। बेंगलुरू में वाहनों की जांच के लिए 40 इंस्पेक्टर स्तर के अफसर हैं।
राजस्थान में आरटीओ के 13 रीजन में 194 उड़नदस्ते हैं। हर उड़नदस्ते में इंचार्ज इंस्पेक्टर और दूसरे नंबर पर टीएसआई है। वहां 400 इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी हैं।

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights