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BRICS: जयशंकर ने याद किया चंद्रयान-3 के लैंडिंग वाला पल, बताया- ‘हम दक्षिण अफ्रीका में थे, पर मानसिक रूप से..’

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जब दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हो रहा था, तब मैं वहां मौजूद था। उस दौरान भारत में चंद्रयान-3 चांद पर लैंड करने वाला था। उस दिन सभी के मन में चंद्रयान-3 का ही विचार था। 

विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने चंद्रयान-3 को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि जिस दिन चंद्रयान चांद पर लैंड करने वाला था, उस समय भला हम दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शारीरिक रूप से मौजूद थे। हालांकि, मानसिक रूप से हम बंगलूरू में थे। 

चंद्रयान-3 का ही विचार

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कार्यक्रम शुरू होने से पहले मैं कुछ अनुभव साझा करना चाहता हूं। जब दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हो रहा था, तब मैं वहां मौजूद था। उस दौरान भारत में चंद्रयान-3 चांद पर लैंड करने वाला था। उन्होंने कहा कि उस दिन प्रधानमंत्री मोदी यहां तक कि हमारे मन में चंद्रयान-3 का ही विचार था। उस शाम वहां सिर्फ एक ही विषय पर चर्चा हो रही थी। वह विषय था चंद्रयान-3 का चांद पर सफलतापूर्वक उतरना। 

गर्व महसूस हो रहा
उन्होंने कहा कि मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा था। मेरे लिए सबसे बड़ी संतुष्टि यह थी कि दक्षिण अफ्रीका में उपस्थित सभी नेताओं का मानना था कि भारत ने कर दिखाया। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से इसकी तारीफ की थी।  


भारत का महत्व बढ़ता जा रहा
उन्होंने कहा कि हमारी G20 की अध्यक्षता अलग क्यों है? क्योंकि कई देशों ने पहले भी G20 की अध्यक्षता की है, इसका पहला कारण दरअसल कुर्सी है। सच तो यह है कि भारत ने ऐसे समय में G20 की अध्यक्षता संभाली है जब दुनिया के लिए भारत का महत्व बढ़ता जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यह दुनिया के लिए आंशिक रूप से हमारी आर्थिक उपलब्धियों के कारण अधिक मायने रखता है क्योंकि अब हम पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं। चंद्रयान भी इसका एक उदाहरण है। 

विदेश मंत्री ने कहा कि आज हमें वैश्विक कार्यस्थल, वैश्विक प्रतिभा पूल के लिए आवश्यक माना जाता है। यह मायने रखता है क्योंकि हमने भी आज एक क्षमता का प्रदर्शन किया है। हमने अन्य देशों की मदद करने की क्षमता प्रदर्शित की है। इसलिए G20 की भारत की अध्यक्षता से अपेक्षाएं और जिम्मेदारियां बहुत असाधारण हैं।

उन्होंने कहा कि हमने इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से सौर ऊर्जा को लेकर दुनिया की सोच बदल दी है। आज हम इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के माध्यम से दुनिया की खान-पान की आदतों को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। हमने आपदा प्रतिक्रिया के गठबंधन के माध्यम से आपदाओं का जवाब देने का एक सामूहिक तरीका बनाया है। 

जयशंकर ने कहा कि यह एक जगह है, एक देश है, जिसे आज जिम्मेदार के रूप में देखा जाता है, जिसे नवोन्वेषी के रूप में देखा जाता है, जिसे वास्तव में वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ाने वाले के रूप में देखा जाता है। इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि जब एक दिन आप सभी पीछे मुड़कर देखेंगे तो आप ऐसा करेंगे। सभी लोग 2023 को भारत के लिए एक बड़े वर्ष के रूप में याद करेंगे। एक ऐसे वर्ष के रूप में जब हमारी G20 की अध्यक्षता ने हमें दुनिया के मानचित्र पर एक अलग स्थान पर खड़ा किया।

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