राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने कलियासोत नदी के संरक्षण को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। एनजीटी ने नदी के दोनों किनारों से 33 मीटर तक के सभी अतिक्रमणों को हटाकर ओपन स्पेस और ग्रीन बेल्ट विकसित करने का आदेश दिया है।
वर्तमान बहाव क्षेत्र के हिसाब से देखें तो फैसले की जद में सैकड़ों अतिक्रमण आएंगे। नदी की चौड़ाई और सीमा का निर्धारण भू-राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर होगा। ऐसे में अतिक्रमण की संख्या बढ़ भी सकती है। सीमा विवाद की स्थिति में यही रिकॉर्ड अंतिम आधार होगा।
एनजीटी ने नदी के सीमांकन और अतिक्रमण चिह्नित करने के लिए 2 महीने और इन्हें हटाने के लिए 31 दिसंबर 2023 की समय सीमा तय की है। जस्टिस सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट डॉ. अफरोज अहमद की जूरी ने कम्प्लाइंस पिटीशन (अनुपालन याचिका) का निराकरण करते हुए फैसला दिया। एनजीटी के फैसले के खिलाफ बिल्डर लॉबी और प्रभावित रहवासी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर रहे हैं।
कलियासोत के वर्तमान बहाव क्षेत्र के हिसाब से देखें तो फैसले की जद में सैकड़ों अतिक्रमण आएंगे। नदी की चौड़ाई और सीमा का निर्धारण भू-राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर होगा।