विराट की कप्तानी में
दो फाइनल हारे
बतौर कप्तान मैच जीतने के लिहाज से कोहली का रिकॉर्ड शानदार रहा है, लेकिन वे टीम को बड़े टूर्नामेंट में कामयाब नहीं बना पाए। विराट ने 213 इंटरनेशनल मैचों में भारत की कप्तानी की और 135 में टीम जीती। सिर्फ 60 में हार का सामना करना पड़ा। 3 मैच टाई, 11 ड्रॉ और 4 नो रिजल्ट रहे। जीत और हार का औसत 2.250 रहा। यानी उनकी कप्तानी में भारत ने जितने मैच गंवाए उसके दोगुने से भी ज्यादा जीते। हालांकि, कोई आईसीसी टूर्नामेंट का खिताब जीतना कप्तान विराट के लिए सपना ही रह गया। हां, जूनियर लेवल पर उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप जरूर जीता है।
रविवार को आॅस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप की ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया। आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा अंदाज में हारने के बाद भारतीय टीम और इसकी लीडरशिप पर उठ रहे सवाल और भी मजबूत हो गए हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा पिछले एक दशक से ज्यादा समय से भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े स्टार हैं। साल 2016 के बाद हुए 6 आईसीसी टूर्नामेंट में भारत ने इनकी कप्तानी में शिकरत की है, लेकिन कामयाबी किसी में भी नहीं मिली। इन दोनों से पहले टीम के लीडर महेंद्र सिंह धोनी थे। उनकी अगुआई में भारत ने 3 आईसीसी ट्रॉफी जीतीं। आखिरी खिताबी जीत 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में आई थी। इसके बाद से ही भारत का ट्रॉफी कैबिनेट खाली है। धोनी के जाने के बाद भारतीय फैंस ने उम्मीद जताई थी कि विराट कोहली के आने से ट्रॉफी का सूखा खत्म होगा।
रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने 2018 का एशिया कप जीता। तब टीम के रेगुलर कैप्टन विराट ही थे, लेकिन उन्होंने टूर्नामेंट से ब्रेक लिया था। इस जीत के बाद से ही रोहित को भारत के अगले रेगुलर कप्तान के रूप से देखा गया। रोहित शर्मा का आईपीएल में ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा। आईपीएल में विराट के मुकाबले रोहित बहुत आगे निकल चुके थे। रोहित मुंबई इंडियंस को 5 खिताब जिता चुके थे। एशिया कप जीतने के बाद से फैंस रोहित शर्मा से आईसीसी टूर्नामेंट की भी आस लगा रहे थे। 2021 में विराट कोहली के कप्तानी छोड़ते ही रोहित को कप्तान बनाया गया। रोहित के कप्तान बनते ही टीम इंडिया के फैंस ने आईसीसी ट्रॉफी की उम्मीद जताना शुरू कर दी थी, लेकिन रोहित की कप्तानी में भी भारत खाली हाथ ही रहा। टी-20 वर्ल्ड कप 2021 में विराट की कप्तानी में बाहर होने के बाद वर्ल्ड कप 2022 में रोहित की कप्तानी में भी रिजल्ट नहीं बदला। टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट से हार गई। इसके बाद वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी आॅस्ट्रेलिया ने भारत को एकतरफा मुकाबले में आसानी से हरा दिया। कप्तानी, बैटिंग आर्डर, बॉलिंग लाइन-अप से लेकर टीम सिलेक्शन तक सब कुछ फ्लॉप रहा।