हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर दो मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक आसमान लगभग साफ रहने के कारण तपिश बनी हुई है। हालांकि, हवा के साथ मामूली नमी भी आ रही है। इस वजह से दोपहर के बाद बादल छाने लगते हैं, साथ ही कहीं-कहीं हल्की वर्षा भी हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो दिन तक बना रह सकता है। उधर बुधवार को सबसे अधिक 43 डिग्री सेल्सियस तापमान दमोह में दर्ज किया गया।
राज्य में अनेक स्थानों पर मानसून पूर्व बारिश का दौर भी जारी है। इंदौर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, खजुराहो, राजगढ़, मंडला और सिवनी जिले में बारिश हुई। कुछ स्थानों पर खुले में रखा अनाज भी भीग गया। खजुराहो में छह, मंडला में एक, सिवनी में एक एवं इंदौर में 0.1 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञानियों ने बताया कि अरब सागर में बना चक्रवाती तूफान बीपरजाय अपने स्थान पर लगभग स्थिर है। इसकी गति बेहद धीमी है, अगले 24 से 48 घंटों में इसकी दिशा तय होगी, जिसके बाद पता चलेगा कि देश और प्रदेश पर इसका असर क्या होगा। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
शुष्क बना हुआ है मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। हवा के साथ अरब सागर से कुछ नमी आने की वजह से कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ रही हैं। हालांकि किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण मौसम शुष्क बना हुआ है। इससे प्रदेश के अधिकतर जिलों में तपिश बरकरार है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो दिन तक बना रह सकता है। शुक्ला ने बताया कि अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान वर्तमान में गोआ से लगभग 800 किलोमीटर दूर समुद्र में ही है। इसके दो दिन बाद महाराष्ट्र, गुजरात के तट के पास पहुंचने की संभावना है। इस वजह से दो दिन बाद मौसम का मिजाज में कुछ बदलाव देखने में आ सकता है। इस बार तूफान के नामांकरण का क्रम बांग्लदेश का था। बांग्लादेश की ओर से तूफान का नाम बीपरजाय रखा गया है। इसका अर्थ होता है आपदा। तूफान की गति और दिशा के आधार पर देश पर इसका असर तय होगा।