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फिर बारिश का दौर : 12 जिलों में बन रहा सिस्टम….तपा ही नहीं नौतपा…

अब की बार नौतपा के तेवर ठंडे रहे। हर रोज मध्यप्रदेश के किसी न किसी हिस्से में बारिश हुई। ओले गिरे और आंधी का दौर भी जारी रहा। ऐसा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) चक्रवात के एक्टिव रहने और ट्रफ लाइन के गुजरने की वजह से हुआ। शुक्रवार को सागर में बारिश हुई तो प्रदेश के कई शहरों में गर्मी का तेज असर देखने को मिला। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो 3 जून से प्रदेश में फिर से बारिश का दौर शुरू होगा। इससे भोपाल, उज्जैन समेत ग्वालियर-चंबल के जिले भीगेंगे। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर प्रदेश के भोपाल, उज्जैन समेत कई जिलों में पड़ेगा। 3, 4 और 5 जून को भोपाल-उज्जैन समेत 12 जिलों में बारिश होने का अनुमान है, जबकि ग्वालियर और चंबल भी भीगेंगे। हालांकि, ये सिस्टम ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं है, लेकिन जून के दूसरे सप्ताह में फिर से आंधी-बारिश का दौर शुरू होगा। मानसून 20 जून तक प्रदेश में एंट्री कर सकता है।

सीनियर मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि 1 जून को उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो गया, जिसका असर शुक्रवार से ही प्रदेश में दिखाई देने लगा। सागर में हल्की बारिश भी हुई। 3 जून से असर तेज होगा। भोपाल-उज्जैन संभाग में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। सिस्टम का असर भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, नीमच, मंदसौर और रतलाम में दिखाई देगा। इसके बाद ग्वालियर-चंबल वाले हिस्से में भी हल्की बारिश होने की संभावना है।

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