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दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी…अभिशाप या वरदान!

संयुक्त राष्ट्र के नए आंकड़ों के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। अब भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख है, वहीं चीन की जनसंख्या 142 करोड़ 57 लाख है, यानि हमारी आबादी चीन से करीब 30 लाख ज्यादा है। यह सब अचानक नहीं हुआ है। 2023 की शुरुआत में ही ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया था कि इस साल भारत सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा।
दरअसल, चीन ने 1979 में जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए एक नीति लागू की थी। उसके तहत एक से अधिक बच्चे पैदा करने पर रोक लगा दी गई थी। जानकारों के मुताबिक चीन की एक बच्चे की नीति की वजह से करीब 40 करोड़ बच्चे पैदा नहीं हो सके… यह उसी का असर है। बहरहाल, देश में सवाल खूब चर्चा में है कि यह अच्छी खबर है या बुरी, बढ़ती जनसंख्या को अभिशाप माना जाए या वरदान?
कुछ लोगों का मानना है कि जनसंख्या का बढ़ना एक चुनौती है। इससे संसाधनों पर बोझ बढ़ेगा, इसलिए बढ़ती जनसंख्या को किसी भी हालत में रोकने की जरूरत है और इसके लिए सरकार को समुचित कानून बनाने की जरूरत है।
दूसरी ओर दलील यह भी दी जाती है कि ज्यादा जनसंख्या का मतलब देश की अर्थव्यवस्था के पहिए को तेजी से घुमाने वाले ज्यादा हाथ। चीन ने खुद अपनी आबादी को जरिया बनाकर अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (18 ट्रिलियन डॉलर ) में तब्दील कर लिया।
भारत की आधी आबादी 30 साल से कम लोगों की है, जिनकी औसत उम्र 28 वर्ष है। अमेरिका और चीन की बात की जाए तो वहां की औसत उम्र 38 वर्ष है। आंकड़ों को देखें तो चीन बूढ़ा होने की राह पर है। अभी चीन की औसत उम्र 39 साल है। अगले 27 साल में यानि 2050 तक उसकी औसत उम्र 51वर्ष हो जाएगी। गौरतलब है कि 34 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या के साथ अमेरिका तीसरे नंबर पर है।
इसमें शक नहीं कि युवा आबादी वाला भारत एक शक्तिशाली देश है। भारत के पास वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन और उपभोग में वृद्धि लाने की असीम संभावना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आर्थिक विकास के मामले में यह लगातार आगे बढ़ रहा है। हम तकनीकी मामले में हर रोज नए-नए रिकॉर्ड्स बना रहे हैं। अगर हम अपनी स्किल पर मेहनत करें तो देश की युवा आबादी के बूते इनोवेशन को बढ़ावा देने और तकनीकी बदलावों के मामले में खुद को अव्वल साबित कर सकते हैं। ब्रेन ड्रेन रोककर देश के मानव संसाधन का समुचित उपयोग किया जा सकता है।
हम युवा आबादी का फायदा देश के विकास के लिए उठा सकते हैं, लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि विश्व की सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में हम अपनी युवा आबादी को बेहतर मानव संसाधन में तब्दील करें, जिससे इस युवा आबादी को हम अपनी कमजोरी की जगह ताकत बनाकर उनका देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इस्तेमाल कर सकें।
गौर करने लायक है चीन की प्रतिक्रिया
आबादी में भारत से पिछड़ने के बाद चीन की प्रतिक्रिया पर हमें रुककर गौर करना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि सिर्फ आबादी का बढ़ना ही काफी नहीं है, बल्कि बढ़ती हुई आबादी में काबिलियत भी होनी चाहिए। आबादी का फायदा सिर्फ जनसंख्या बढ़ाने से ही नहीं मिलता है, बल्कि इसके साथ टैलेंट भी होना बहुत जरूरी है।
चुनौतियों से निबटना होगा
दरअसल, दुनिया की लगभग 2.4% जमीन वाला देश भारत कुल वैश्विक आबादी के करीब पांचवें हिस्से का घर है। भारत में अमेरिका, अफ्रीका या यूरोप की पूरी आबादी से अधिक लोग रहते हैं। देश में औद्योगिकीकरण के बढ़ने से एक बड़ी आबादी ने परंपरागत खेती-किसानी के पेशे को छोड़ दिया है। जारी आंकड़ों के अनुसार चीन और भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ा अंतर (करीब पांच गुना) है।
भारत में महिला श्रमिकों की भागीदारी दर चीन की तुलना में काफी कम है। जहां चीन में अधिकांश महिलाएं काम करती हैं, वहीं भारत में एक-तिहाई से कुछ कम महिलाएं ही काम करती हैं।
यह भी अनुमान लगाया गया है कि साल 2060 तक भारत की आबादी बढ़ती रहेगी, वहीं 2060 के बाद भारत की जनसंख्या स्थिर हो जाएगी। जारी आंकड़ों के अनुसार साल-2050 तक हर पांचवां भारतीय बुजुर्ग हो जाएगा। ऐसे में युवाओं, महिलाओं को पर्याप्त रोजगार मिले, इस पर नीति निर्धारकों को ध्यान देने की जरूरत है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो बढ़ती आबादी का मतलब है और बड़ा बाजार। बड़ी आबादी यानि हमारे लिए संभावनाओं के द्वार खुलना है। बेशक! इससे अर्थव्यवस्था को फायदा हो सकता है, वहीं दूसरी ओर कई चुनौतियां भी मुंह बाएं खड़ी हैं। अगर हमने बढ़ती जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों की अनदेखी की तो हालात बुरी तरह बिगड़ भी सकते हैं।
देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या रही है। करीब एक-तिहाई युवा बेरोजगार हैं… ना उनके पास बेहतर शिक्षा है ना कौशल। देश की कामगारों के महज पांच प्रतिशत ही अधिकारिक तौर पर स्किल्ड हैं। देश के शिक्षण संस्थानों के पास ना तो बेहतर संसाधन हैं, न ही योग्य शिक्षक।
येल विश्वविद्यालय की ओर से जारी इनवायरमेंटल परफॉर्मेंस रिपोर्ट-2022 के अनुसार भारत पर्यावरण के मामले में 180 देशों की सूची में आखिरी पायदान पर है। प्रदूषण के कारण पेयजल की स्थिति रोज खराब हो रही है। लगभग 40 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के घर तक जल आपूर्ति की सुविधा अब भी उपलब्ध नहीं है। जैसे-जैसे आबादी बढ़ेगी, यह समस्या और विकराल होती जाएगी। अगर सरकारी और सामाजिक स्तर पर हमने बढ़ती आबादी की चुनौतियों से निबटने के लिए ठोस प्रयास नहीं किए तो भविष्य में उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने इस साल जनवरी महीने में कहा था कि भारत 6.5-7 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की क्षमता रखता है। देश की अर्थव्यवस्था 2025-26 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की हो सकती है। हालांकि बढ़ती आबादी सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने की राह का रोड़ा भी बन सकता है। पहले ही भारत में गरीबी, भूख और कुपोषण जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है। बढ़ती आबादी के साथ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था, बेहतर शिक्षा, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरों व गांवों को अधिक सुविधाजनक बनाना सरकार के लिए और भी बड़ी चुनौती होगी।

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Delhi Saket Court Firing: दिल्ली के साकेत कोर्ट में चलीं गोलियां, एक महिला घायल, पुलिस बल मौके पर मौजूद

Saket Court Firing Update: साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार सुबह फायरिंग हुई जिसमें दिल्ली की रहले वाली एक महिला घायल हो गई. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है…

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार को 4 राउंड फायरिंग हुई, जिसमें न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की एक महिला घायल हो गई. गोलियों की आवाज सुन मौके पर दिल्ली पुलिस के जवान पहुंच गए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला आज अदालत में बयान देने के लिए पहुंची थी. वह एक मामले में गवाह है. इसी दौरान उसे गोली मार दी गई. फिलहाल उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार को अदालत खुलते ही फायरिंग की घटना होने से अफरातफरी मच गई. फायरिंग की शुरू होते ही लोग खौफ में आ गए और जान बचाने के इधर-उधर भागने लगे. बताया जा रहा है कि साकेत कोर्ट में हमलावर वकील के भेष में आये थे. हमलवारों ने महिला को पहचानते ही चार गोली मारी. महिला की हालत नाजुक बताई जा रही है. प्रत्यक्षदर्शी पुलिस की सहायता से महिला को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान उपचार कराने के लिए ले गए. घटना के बाद जो वीडियो सामने आया है उसमें फायरिंग की घटना में घायल महिला लोगों की सहायता से खुद चलकर कोर्ट परिसर से बाहर जाती हुई दिखाई दे रही है. पीड़ित महिला दर्द से कराह भी रही है….

सीएम केजरीवाल ने दी केंद्र को नसीहत

दूसरी तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि राजधानी में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. दूसरों के कामों में अड़चन करने और हर बात पर गंदी राजनीति करने की बजाय सबको अपने अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. यदि कानून व्यवस्था नहीं संभलता तो इस्तीफा दे देना चाहिए. ताकि कोई और इसे कर ले. लोगों की सुरक्षा रामभरोसे नहीं छोड़ी जा सकती.

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने LG पर कसा तंज

वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री और आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने LG साहब के आने के बाद दिल्ली की कानून व्यवस्था लगातार बद से बदतर होती जा रही है. कोर्ट में गोलियां चल रही हैं। दिल्ली पुलिस 350 करोड़ के भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.

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Jammu Kashmir: पुंछ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैन्य वाहन में लगी आग, चार जवानों की गई जान

पुंछ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैन्य वाहन में आग लगने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि इसमें चार जवान जान गंवा चुके हैं।

जम्मू संभाग के जिला किश्तवाड़ में संदिग्ध विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया है। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। घायल को जिला अस्पताल ले जाया गया है।

एसएसपी किश्तवाड़ खलील पोसवाल ने बताया कि  प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला है कि जिले के सिंबोल गांव में मोहम्मद अब्बास नाइक के घर की रसोई में संदिग्ध विस्फोट हुआ है। बुधवार को अब्बास और उसका भाई गुच्छी (जंगली सब्जी) लेने के लिए पास के जंगल गए थे। इस दौरान उन्हें एक लावारिस जंग लगी एक वस्तु मिली, जिसे वे घर ले आए। रसोई में गर्म करते समय वस्तु में विस्फोट हो गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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Rahul Gandhi: मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की अर्जी खारिज, सूरत सेशंस कोर्ट से नहीं मिली राहत

Rahul Gandhi Defamation Case: सूरत की एक सत्र अदालत कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘मोदी सरनेम’ वाली टिप्पणी को लेकर उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज हो गई है।

मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत सेशंस कोर्ट से राहत नहीं मिली है। अदालत ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है। राहुल गांधी ने उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। बता दें कि सूरत की एक सत्र अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी। अब सेशंस कोर्ट से भी राहुल गांधी को निराशा हाथ लगी है। राहुल गांधी अब राहत के लिए उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं। 

ये है पूरा मामला
दरअसल, 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने धारा 504 के तहत राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी थी। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी को लगाई फटकार
इस मामले में सुनवाई के दौरान पूर्णेश मोदी की ओर से कहा गया कि राहुल गांधी के खिलाफ 10 से अधिक आपराधिक मानहानि के मामले चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें फटकार लगाई है। पीएम मोदी के वकील हर्ष टोलिया ने कहा कि राहुल गांधी कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद भी कह रहे हैं कि कोई गलती नहीं की। कोर्ट से मिली सजा के कारण राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया गया है, लेकिन वे चुनाव और उसकी जीत का तर्क दे रहे हैं। वकील ने कहा कि राहुल गांधी को सही सजा मिली है, जब वे रैली को संबोधित कर रहे थे, तब वे पूरी तरह होश में थे। वहीं यदि कोर्ट आज अपील मंजूर करती है तो इससे राहुल गांधी को राहत मिल सकती है।

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शशि थरूर का मोदी प्रेम

तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। केरल से लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ की है। शशि थरूर ने कहा कि विकास की बात राजनीति से अलग होनी चाहिए। दरअसल पीएम मोदी केरल राज्य को पहली वंदे भारत ट्रेन का तोहफा देने जा रहे हैं, जिसको लेकर शशि थरूर ने यह बात कही है। तय कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी इस महीने के अंत तक वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर ने खुशी जताते हुए कहा कि विकास की बात राजनीति से परे होनी चाहिए।

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