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अब तक 35 हजार बैग मुफ्त बांटे

बीते कई सालों से मधुकांता भट्ट फटे-पुराने कपड़ों को इको-फ्रेंडली बैग में बदल रही हैं। इसका मकसद प्‍लास्टिक बैग का विकल्‍प देना है। इससे इन फटे-पुराने कपड़ों का भी इस्‍तेमाल हो जाता है। मधुकांता की उम्र 93 साल हो चुकी है। उन्‍हें सिलाई करना बहुत पसंद है। वह अब तक 35,000 से ज्‍यादा कपड़ों के बैग मुफ्ट बांट चुकी हैं। 2015 से एक दिन भी ऐसा नहीं गया जब उन्‍होंने बैग न सिला हो। सुबह नहाकर पूजा और फिर ब्रेकफास्‍ट करने के बाद वह सीधे अपनी सिलाई मशीन पर बैठ जाती हैं। वह चाहती हैं कि धरती से प्‍लास्टिक का बोझ जितना कम हो सकता है हो।

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टीएलएफ के खिलाफ व्यापारियों का गुस्सा भड़का हवन करते हाथ जले सरकार के…

सरकार को सलाह देने वाले यदि वाकई समझदार हैं तो छोटे दुकानदार, ठेले-वाहन पर व्यवसाय करने वाले खुदरा दुकानदार भी इतने नासमझ नहीं हैं, जो सरकार के ट्रेड लाइसेंस शुल्क (टीएलएफ) को आंख मूंद कर स्वीकार कर लें। यही वजह है कि इंदौर ही नहीं, पूरे प्रदेश में कारोबार पर कुठाराघात माने जा रहे टीएलएफ के खिलाफ व्यापारिक संगठनों में भड़की चिंगारी आग बनने वाली है। भाजपा नेताओं को आश्चर्य करना ही चाहिए कि चुनावी साल में सरकार ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने का यह निर्णय कैसे ले लिया? व्यापारी वर्ग को इस बात पर आश्चर्य करना चाहिए कि टीएलएफ की मार उन्हें तो तत्काल समझ आ गई, लेकिन फिर से सत्ता में आने के घुंघरू बांधे घूम रहे कांग्रेस के नेताओं को संपट क्यों नहीं बंध रही है? शायद कांग्रेस इसलिए बोलने से कतरा रही है कि उसके दिमाग में अब तक यह भरा हुआ है कि भाजपा तो व्यापारियों की पार्टी है, व्यापारियों के वोट जब मिलते ही नहीं तो क्यों बोलें ! कांग्रेस यदि अब भी किसानों के भरोसे है तो उसके रणनीतिकारों को यह भी पता होगा कि शहरों में भी मतदाता बसते हैं।

सत्ता-संगठन की जो रणनीति समझ आ रही है, वह यह है कि अगले कुछ दिनों तक टीएलएफ की आग को भड़कने दिया जाएगा, फिर व्यापारी संगठनों के साथ सरकार के प्रमुखों की द्विपक्षीय बैठक में टीएलएफ को स्थगित (समाप्त करने का नहीं) करने का निर्णय लेकर सरकार भी अपने इस वोट बैंक की नाराजी दूर कर देगी। निर्णय से खुश व्यापारी संगठन जय जयकार करने के साथ ही सरकार को जिले-जिले में सम्मान-आभार वाले इवेंट की राह दिखा देंगे। होना तो यह चाहिए था कि कानून के जानकार इंदौर के महापौर जब मुख्यमंत्री से इंदौर के मास्टर प्लान का अनुरोध करने गए थे, तब ही कान में फूंक देते कि टीएलएफ का निर्णय सरकार के लिए आत्मघाती हो सकता है।
महापौर ने आश्वस्त तो किया है कि टैक्स लागू नहीं करेंगे, लेकिन जानकार यह भी जानते हैं कि सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। संभव है कि संगठन की गाइड लाइन का लिहाज कर के इंदौर सहित अन्य नगर निगमों के प्रथम नागरिक चुप रह गए हों, ताज्जुब तो इस बात का है कि विपक्ष के मुंह में भी दही जमा है और पैरों में मेहंदी लगी है। प्रदेश की किसी भी नगर निगम, पालिका आदि के नेता प्रतिपक्ष ने टीएलएफ जैसे निर्णय लेने वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए महापौरों पर दबाव लाने का साहस नहीं दिखलाया है। टीएलएफ में हर दो साल में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रावधान भी किया गया है। इसके लिए सरकार की तरफ से 18 अप्रैल 2023 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

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‘पाकिस्तान भारत से युद्ध नहीं कर सकता’: बाजवा का चौंकाने वाला कबूलनामा पत्रकारों ने किया खुलासा

पाकिस्तान की सेना का भारतीय सेना से कोई मुकाबला नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान गोला-बारूद की कमी झेल रहा है और आर्थिक तंगी का शिकार है। यह बात पाकिस्तान के सेना प्रमुख रहे कमर जावेद बाजवा ने दो वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकारों से कही थी। अब जबकि बाजवा अवकाश प्राप्त कर चुके हैं तब यह बात सार्वजनिक हुई है। इसे ब्रिटेन में पाकिस्तानी मीडिया यूके 44 ने सार्वजनिक किया है।

अजीत डोभाल के साथ हो रही थी गोपनीय वार्ता

पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर और नसीम जेहरा ने यूके 44 के शो में कहा, सन 2021 में जनरल बाजवा ने उन्हें बताया था कि वह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ गोपनीय वार्ता कर रहे हैं। दोनों की वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा की संभावना पर बात हो रही थी। दोनों देशों के बीच 2021 में घोषित युद्धविराम के बाद मोदी की यात्रा हो सकती थी।

इमरान खान को भी थी वार्ता की जानकारी

पाकिस्तानी पत्रकारों ने कहा, बाजवा ने कश्मीर पर हुई सौदेबाजी के बारे में पाकिस्तानी नागरिकों को कुछ नहीं बताया था। बाजवा और डोभाल के बीच चल रही वार्ता की जानकारी जब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को हुई तो वे तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के पास पहुंचे और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही वार्ता से खुद को अनभिज्ञ बताया। इस पर इमरान ने उनसे कहा कि भारतीय सुरक्षा सलाहकार से वार्ता होने की उन्हें जानकारी है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान दौरे को लेकर उनके पास पुष्ट सूचना नहीं है।

यूके 44 को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तानी पत्रकारों ने कहा, तत्कालीन सेना प्रमुख बाजवा पाकिस्तानी सेना की क्षमता को लेकर सशंकित थे। उन्होंने साफ कहा था कि पाकिस्तान भारत से युद्ध नहीं लड़ सकता है।

‘पाकिस्तानी सेना का भारतीय सेना से कोई मुकाबला नहीं’

जावेद मीर ने बताया कि बाजवा ने पाकिस्तान के सैन्य कमांडरों की बैठक में भी साफ कह दिया था कि पाकिस्तानी सेना का भारतीय सेना से कोई मुकाबला नहीं है। पुराने टैंक युद्ध में इस्तेमाल होने लायक नहीं हैं और उनके लिए पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद और डीजल भी नहीं हैं। बाद में बाजवा ने यह बात दोनों पत्रकारों से भी कही। कहा कि पाकिस्तान की सेना भारतीय सेना से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है।

इसलिए ठीक रहेगा कि पाकिस्तान भारत के साथ टकराव का रास्ता छोड़े और सामान्य संबंध कायम करे। इस बीच कश्मीर समस्या का बातचीत के जरिये समाधान निकालने की कोशिश भी जारी रहे। अंग्रेजी अखबार डान के मुताबिक कुछ लोगों की राय है कि पाकिस्तान सरकार आम चुनाव टालने के लिए भारत के साथ युद्ध छेड़ सकती है लेकिन जमीनी हकीकत इसका समर्थन नहीं करती है।

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मलिक के समर्थन में 7 खाप पंचायत

हरियाणा के पानीपत जिले के गांव उग्रा खेड़ी में रविवार को पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के मामले में मलिक खाप की पंचायत हुई। मलिक बिरादरी के गांव राजाखेड़ी, रिसालू, निंबरी, कुटानी व उग्रा खेड़ी, नांगल खेड़ी और कुराड़ गांव के पदाधिकारी एकजुट हुए। गांव उग्रा खेड़ी की मुख्य चौपाल पर हुई पंचायत में सात गांवों के 40 प्रतिनिधियों ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के समर्थन का ऐलान किया। पंचायत की अध्यक्षता सतगामा प्रधान राजकुमार मलिक ने की। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने शनिवार को दिल्ली में खाप प्रतिनिधियों को हिरासत में लेने की निंदा की थी। हालांकि हिरासत में लेने के तीन घंटे बाद खाप प्रतिनिधियों को छोड़ दिया गया। पुलिस का कहना था कि पूर्व गवर्नर को हिरासत में नहीं लिया गया।
मलिक खाप की पंचायत में सभी गांवों के करीब 40 पदाधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने सत्यपाल मलिक मामले में अपना समर्थन दिया। पूर्व सरपंच बिंटू मलिक ने बताया कि सभी गांवों से कमिटी बनाई गई है। इन कमिटियों के पदाधिकारी सोमवार को दिल्ली जाकर सत्यपाल से मीटिंग करेंगे। उनसे बातचीत के आधार पर आगामी रणनीति तय होगी। हरियाणा समेत देश के अन्य राज्यों की खाप पंचायतों के पदाधिकारी जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मीटिंग करने पहुंचे थे।

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नौ साल के सलीम ने दी ईदी

9 साल का सलीम हरियाणा के मेवात का रहने वाला था।अभी 15 अप्रैल को पैदल सड़क पार करने के दौरान बाइक सवार ने उसे टक्कर मार दी थी। वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी। इस वजह से उसे 16 अप्रैल को एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। जहां डाक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
बच्चे के ब्रेन डेड होने पर एम्स के आर्बो (आर्गेन रिट्रिवल बैंकिंग आगेर्नाइजेशन) के पैरामेडिकल कर्मचारियों व अंग प्रत्यारोपण संयोजकों ने पीड़ित परिवार को अंगदान के लिए प्रेरित किया। इसके मद्देनजर पीड़ित परिवार ने बच्चे की किडनी, लिवर, हृदय, फेफड़ा, पैंक्रियाज, आंत, दोनों कॉर्निया, हृदय का वॉल्व व हड्डियां दान करने की स्वीकृति दी। एम्स के आर्बों की प्रमुख डॉ. आरती विज ने बताया कि बच्चे के शरीर में संयोग से एक ही किडनी थी। इसे एम्स में ही एक बच्चे को प्रत्यारोपित किया गया। अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने लिवर यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) को आवंटित किया। जहां 16 वर्षीय किशोर को लिवर प्रत्यारोण हुआ। दोनों कॉर्निया व हार्ट वॉल्व एम्स में सुरक्षित रखा गया है। एम्स के अनुसार फेफड़ा व हृदय को प्रत्यारोपण के योग्य नहीं पाया गया। सबसे बड़ी बात सलीम के परिवार ने कोई शर्त नहीं रखी। ये अंग किसी हिन्दू को लगेंगे या मुसलमान को, हालांकि अभी तक उन अंगों से जीवन पाने वाले सभी गैर मुस्लिम ही हैं।

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