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इंदौर

स्वदेशी एप स्टोर एम-सेवा और ई-प्रमाण बनेगी अब हमारी पहचान

विदेशी प्ले स्टोर और ऐप स्टोर को टक्कर देने के लिए भारत सरकार ने एम सेवा यानि मोबाइल सेवा लॉन्च किया है। इसके साथ ही ई-प्रमाण जैसी वेबसाइट भी बनाई है, जहां सिंगल लॉगिन से डाटा को सुरक्षित रखा जाता सकता है।
गुरुवार को इंदौर में मप्र सरकार एमएसएमई स्टार्टअप विभाग के सहयोग से इसे प्रदेश के युवाओं के बीच एक कार्यशाला में प्रदर्शित किया गया। आयुक्त पी. नरहरि ने युवाओं से कहा- भारत नवाचार में अपनी पहचान बना रहा है। स्टार्टअप में प्रगति आपके सामने है। स्टार्टअप को अब पब्लिक और मार्केट सॉल्यूशन पर भी ध्यान देना होगा। भारत सरकार द्वारा ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर के विकल्प के रूप में सेवा ऐप स्टोर (एम-सेवा) को देखा जा रहा है। यह टेक्नोलॉजी की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह ऐप स्टोर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंग सी-डैक मुंबई ने विशेष रूप से बनाया है।
सी-डैक डायरेक्टर डॉ. पद्मजा जोशी व रेखा नायर ने बताया कि यह देश में मोबाइल ऐप उद्योग को मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से एक नई पहल है और भारत का डेटा भारत में सुरक्षित भी रहेगा। यह भारत का पहला स्वदेशी वेबसाइट स्टोर है। इस ऐप स्टोर पर कई डोमेन और सार्वजनिक सेवाओं की खोज से लगभग 1200 लाइव होस्टेड ऐप हैं। एम-सेवा को ऐप स्टोर की अधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। अब तक एम-सेवा एप के 9.1 करोड़ डाउनलोड हो चुके हैं।
डॉ. जोशी के अनुसार ऐप स्टोर सरकार और सार्वजनिक सेवाओं के लिए उपलब्ध है। सर्विस-ओरिएंटेड आर्किटेक्चर और क्लाउड-आधारित तकनीकों पर आधारित है, सरकारी विभाग, निजी डेवलपर मोबाइल ऐप की सेवा जो स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वित्तीय से संबंधित सरकारी और अन्य सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने, आॅनलाइन भुगतान, निर्वाचन संबंधी उपयोगकर्ता वेबसाइट से मोबाइल सेवा ऐप स्टोर डाउनलोड कर सकते हैं।
ये ऐप स्टोर भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए सुरक्षा और डेटा संबंधी सभी कानूनों का पालन करती है। भारत में कोई भी नागरिक, सरकारी, निजी संगठन एक डेवलपर के रूप में पंजीकरण कर सकता है और अपना ऐप मुफ्त में अपलोड कर सकता है। इस एप्लीकेशन स्टोर पर ऐप पब्लिश करने से पहले टेस्टिंग का फीचर भी दिया गया है। इस ऐप स्टोर पर हर ऐप की पूरी जानकारी उपलब्ध है।

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मस्जिद में कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन…..

जनसंपर्क समिति के प्रभारी खुजेमा पेटी वाला ने कहा कि रमजान के दौरान शहर और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हमारे सदस्य प्रार्थना और एकता की भावना से अपनी स्थानीय मस्जिदों और सामुदायिक केंद्रों में एकत्र हुए। समाजजन ने सामुदायिक भोजन की मेजबानी की, कुरान पाठ कंठस्थ करने के कार्यक्रमों का आयोजन किया और विभिन्न सामाजिक कल्याण गतिविधियों को अंजाम दिया। दुनियाभर के दाऊदी बोहरा समाज के लिए ईद-उल-फितर परिवार और दोस्तों के साथ अपने बंधन को मजबूत करने और एक-दूसरे के प्रति दया, उदारता और करुणा के मूल्यों को अपनाने का एक अवसर है।

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शांति, भाईचारा और एकता की मिसाल पेश करेगा इंदौर

आगामी त्योहार और धार्मिक आयोजनों को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस विभाग ने कमर कस ली है। त्योहार और धार्मिक आयोजनों के मौके पर शांति एवं कानून व्यवस्था बनाई रखी जाएगी और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। शांति, भाईचारा और एकता की मिसाल पेश करेगा इंदौर।
जिले में आगामी ईद सहित अन्य त्योहार और धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर गुरुवार को शांति समिति की बैठक आयोजित हुई। कलेक्टर कार्यालय में हुई बैठक में पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनीष कपूरिया, अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर, अजय देव शर्मा, आरएस मंडलोई, इंदौर ग्रामीण एसपी हितिका वासल सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और शांति समिति के सदस्य मौजूद थे। बैठक में आगामी पर्व, त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा प्रशासनिक व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में सभी ने मिलकर निर्णय लिया कि शांति, एकता, भाईचारे एवं सांप्रदायिक सोहार्द की इंदौर की गौरवशाली परम्परा को हर हाल में कायम रखा जाएगा। सभी मिलकर त्योहारों को इंदौर की गंगा-जमुनी परम्परा के अनुरूप मनाएंगे। बैठक में शांति समिति के सदस्यों ने त्योहारों के दौरान रखे जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में बताया। उन्होंने अपने-अपने सुझाव भी दिए।
बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि हम सब मिलकर यह प्रयास करें कि आगामी त्योहार भी इंदौर की गौरवशाली परम्परा के अनुरूप शांति के साथ मने। जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनी रहे, यह हम सबकी संयुक्त जिम्मेदारी है। शांति समिति के सदस्य अपनी सक्रिय सहभागिता निभाएं। आमजन के बीच में पहुंचें और जनता से सीधा संवाद रखें। पुलिस और प्रशासन द्वारा भी सीधा संवाद आमजन से रखा जा रहा है। पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने कहा, इंदौर ध्वनि प्रदूषण फ्री शहर भी बने। इसके लिए हम सब मिलकर जागरूकता अभियान जनांदोलन के रूप में चलाएं।
उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पूरा पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंदौर में मादक पदार्थों के अवैध विक्रय पर सख्ती से रोक लगाने की कार्रवाई शुरू की गई है। मादक पदार्थों के अवैध क्रय-विक्रय की सप्लाई चेन को तोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाई रखी जाएगी।

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धुएं से 50 से ज्यादा टाउनशिप के रहवासी होते रहे परेशान

हिन्दुस्तान मेल, इंदौर। नेमावर रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरे के ढेर में रविवार सुबह आग लग गई। दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और आग बुझाने लगे, लेकिन रात तक सुलगती रही। जहरीले धुएं से आसपास की 50 से ज्यादा टाउनशिप के रहवासी दिनभर परेशान होते रहे। कुछ दिन पहले भी यहां आग लगी थी और तब भी दो-तीन दिन तक सुलगती रही थी। बदबूदार धुआं सांस लेने में रहवासियों को काफी दिक्कत पैदा करता है। फायर ब्रिगेड एसपी आरएस निगवाल के अनुसार, सुबह 6.56 बजे आग लगने की सूचना मिली थी। जब हम पहुंचे तो कचरे के ढेर में लगी थी। इसलिए हमने वहां 3 गाड़ियों में 25 से ज्यादा लोगों को भेजा। वे लगातार पानी डालते रहे। लपटों को बुझा दिया, लेकिन, अंदर सुलगती रही। रात 9 बजे तक 5 लाख लीटर पानी डाल दिया था। आग सोमवार तक ही बुझ पाएगी। इसलिए हमने 8-8 घंटे में टीम की ड्यूटी लगा रखी। गौरतलब है कि एक माह में ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लगने की यह दूसरी घटना है।

नेमावर रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरे के ढेर में रविवार सुबह आग लग गई। दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और आग बुझाने लगे, लेकिन रात तक सुलगती रही। जहरीले धुएं से आसपास की 50 से ज्यादा टाउनशिप के रहवासी दिनभर परेशान होते रहे। कुछ दिन पहले भी यहां आग लगी थी और तब भी दो-तीन दिन तक सुलगती रही थी। बदबूदार धुआं सांस लेने में रहवासियों को काफी दिक्कत पैदा करता है। फायर ब्रिगेड एसपी आरएस निगवाल के अनुसार, सुबह 6.56 बजे आग लगने की सूचना मिली थी। जब हम पहुंचे तो कचरे के ढेर में लगी थी। इसलिए हमने वहां 3 गाड़ियों में 25 से ज्यादा लोगों को भेजा। वे लगातार पानी डालते रहे। लपटों को बुझा दिया, लेकिन, अंदर सुलगती रही। रात 9 बजे तक 5 लाख लीटर पानी डाल दिया था। आग सोमवार तक ही बुझ पाएगी। इसलिए हमने 8-8 घंटे में टीम की ड्यूटी लगा रखी। गौरतलब है कि एक माह में ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लगने की यह दूसरी घटना है।

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आईपीएस अफसर से फोन पर हुआ विवाद, टीआई ने छोड़ा थाना

आईपीएस अफसर से टीआई का फोन पर पेंडिंग मामलों के निपटारे को लेकर विवाद हो गया। दोनों के बीच पहले फोन पर बहस हुई, बाद में वाट्सएप पर भी काफी देर तक आपस में बात होती रही। पटना से आहत टीआई ने खुद को रिलीव किया और थाने से चले गए। उन्होंने इसके लिए निजी कारणों का हवाला दिया है। यह घटना पुलिस विभाग में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई टीआई बिना हटाए थाने से चला गया हो।
यह मामला एरोड्रम थाने का है। दरअसल 8 अप्रैल को टीआई संजय शुक्ला का अपने सर्कल के एक आईपीएस अफसर से फोन पर जमकर विवाद हो गया। अफसर ने टीआई को फोन कर पेंडिंग अपराधों की जानकारी मांगी थी। गंभीर अपराधों का जल्द निपटारा करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान टीआई ने जिस अंदाज में जवाब दिया वह अफसर को नागवार गुजरा और उन्होंने फोन पर ही जमकर खरी-खोटी सुना दी। इसी के बाद टीआई का भी पारा चढ़ गया और उन्होंने भी बहस शुरू कर दी। कुछ देर बाद उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद काफी देर तक दोनों के बीच वाट्सएप पर चैटिंग के जरिए बहस होती रही। इसके बाद टीआई ने फोन कर अफसरों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तरह के माहौल में काम नहीं कर सकते, इसलिए खुद ही थाना छोड़कर जा रहे हैं। 9 अप्रैल की रात टीआई ने थाने पर खुद की रवानगी डाली और चले गए। इसमें उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।
इस घटना के चलते पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। तुरंत ही मल्हारगंज थाने पर पदस्थ एसआई कल्पना चौहान को एरोड्रम थाना प्रभारी बनाया गया। हालांकि उनकी आदेश को 8 अप्रैल को जारी करना बताया गया, जबकि टीआई 9 अप्रैल को थाने से रिलीव हुए। हालाकि 8 अप्रैल को ही टीआई ने थाने से हटाने का आवेदन दिया था। इंदौर में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीआई ने थाने से हटाए जाने के बिना ही खुद गुस्से में थाना छोड़ दिया हो।

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