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इंदौर

नगर निगम की कार्रवाई … सिख मोहल्ले में खतरनाक मकान ढहाया

नगर निगम द्वारा खतरनाक मकानों को तोड़े जाने की कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में निगम की टीम द्वारा सिख मोहल्ले में दो मंजिला जर्जर मकान को ध्वस्त किया गया। किसी प्रकार का हादसा न हो इसको ध्यान में रखते हुए नगर निगम द्वारा शहर में खतरनाक मकानों को तोड़े जाने की कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में निगम के अमले ने सिख मोहल्ला में कार्रवाई को अंजाम दिया गया। कार्रवाई के तहत दो मंजिला खतरनाक मकान को तोड़ दिया गया। सालों पुराना यह मकान राहुल मंगवानी का है। कार्रवाई के पहले निगम द्वारा नोटिस जारी किए गए थे। कार्रवाई के दौरान निगम उपायुक्त लता अग्रवाल और रिन्यूवल अधिकारी बबलू कल्याने मौजूद थे।

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बड़े नेताओं को संदेश : मुझे आडवानी-जोशी की तरह आउटडेटेड समझने की भूल ना करें…………

आगबबूला क्यों हैं भाजपा की हठयोगिनी?

नक्सली इलाकों में कहां बारुदी सुरंग बिछी है, पांव रखते ही कब, कहां धमाका हो जाए… इसकी जानकारी आसानी से नहीं लग पाती! भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में कुछ ऐसा ही मिजाज पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का माना जाता है। भाजपा में यह दौर जब राग जैजैवंती गाया जा रहा है, तब उमा भारती ने पंचम स्वर में आलाप छेड़ दिया है। भारतीय संस्कृति में तीन हठ का अकसर जिक्र किया जाता है- राजहठ, बालहठ और स्त्री हठ। आज की राजनीति में ये तीनों हठ एक साथ किसी राजनेता में देखना हो तो पहली पायदान पर उमा भारती का ही नाम लिया जा सकता है! राजनीति की इस हठयोगिनी ने पार्टी की उठापटक में इसका खामियाजा भी भुगता है, लेकिन धारा के विपरीत नहीं चले तो फिर साध्वी ही क्या? आज की भाजपा में अमित शाह को चाणक्य कहा जाता है, लेकिन उनके जैसे घाघ नेता भी यह दावा नहीं कर सकते कि उन्होंने साध्वी उमा भारती के मन को पढ़ लिया है!

कहा जाता है कि भाजपा में सुनने की जितनी स्वतंत्रता है, उतनी बोलने की आजादी नहीं, लेकिन उमा भारती ऐसे किसी अनुशासन से सदैव खुद को ऊपर मानती रही हैं। मप्र से दिग्विजयसिंह सरकार की रवानगी का श्रेय यदि उमा भारती के खाते में दर्ज है तो 1994 के हुबली मामले में गैर जमानती वारंट जारी हुए तो भाजपा नेतृत्व ने उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़ने के निर्देश दिए थे। राम मंदिर आंदोलन के वक्त से भाजपा में फायरब्रांड नेता कहा जाता है तो इसलिए कि हाईकमान के इस फैसले के खिलाफ आगबबूला उमा भारती दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में चल रही बैठक में मीडिया के सामने ही लालकृष्ण आडवाणी को खरी-खोटी सुनाकर आ गई थीं। बोलने की इस आजादी का परिणाम भी उन्हें भुगतना पड़ा था। पार्टी ने निष्कासित कर दिया तो खुद ने भारतीय जनशक्ति दल गठित कर अपने समर्थकों को चुनाव भी लड़ाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में पार्टी ने उन्हें वापस भाजपा में ले लिया था।
मप्र और यूपी में उनके प्रभाव का ही नतीजा रहा कि यदि यहां वे मुख्यमंत्री बनीं तो यूपी के झांसी से लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री भी बनीं। यह बात अलग है कि गाय, गंगा, गीता की दुहाई देते रहने वाली उमा भारती केंद्रीय मंत्री रहते नमामी गंगे प्रोजेक्ट में उतना उल्लेखनीय काम करके नहीं दिखा पाईं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में भाजपा को पुन: सत्ता में लाने के लिए कमान अपने हाथ में ले रखी है और एक-एक सीट पर सर्वे और अपने जासूसों की रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशी फाइनल कर रहे हैं… ऐसे में उमा भारती ने मुख्यमंत्री के क्षेत्र सीहोर, वीडी शर्मा के जबलपुर के साथ ही अपने प्रभाव वाले बुंदेलखंड क्षेत्र से अपने 19 समर्थक प्रत्याशियों को टिकट देने का बम फोड़ दिया है। इन प्रत्याशियों के नामों की सूची भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को सौंपने के साथ मीडिया में वायरल भी कर दी है। एक तरह से इस लेटर के जरिए उन्होंने उन नेताओं को मैसेज भी दे दिया है, जो उन्हें मप्र की पोलिटिक्स में आउटडेटेड मानने का भ्रम पाल चुके थे! बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को 25 अगस्त को उनके द्वारा लिखे गए इस लेटर में 19 सीटों पर तो टिकट मांगने के साथ ही कहा है कि कुछ और नाम मैं अगली सूची में भेजूंगी। जैसा कि उनका मिजाज रहा है… भाजपा नेतृत्व के दबाव के चलते वह यह बयान भी जारी कर सकती हैं कि उक्त क्षेत्रों से पार्टी जिन्हें भी प्रत्याशी बनाएगी, उनका समर्थन करेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जिन 19 सीटों पर टिकट मांगे हैं, उनमें सीहोर विधानसभा से गौरव सन्नी महाजन, सागर देवी से दीवान अर्जुन सिंह, छतरपुर जिले की बिजावर या राजनगर से बाला पटेल, निवाड़ी से अखिलेश अयाची, पोहरी से नरेन्द्र बिरथरे, भोपाल दक्षिण-पश्चिम से शैलेन्द्र शर्मा, सिलवानी से ठा. भगवानसिंह लोधी, खरगोन-कसरावद से वीरेन्द्र पाटीदार, बहोरीबंद से राकेश पटेल, जबलपुर उत्तर-मध्य से शरद अग्रवाल, भिण्ड मेहगांव से देवेन्द्रसिंह नरवरिया, सतना से ममता पाण्डे, इछावर से डॉ. अजयसिंह पटेल, सांची से मुदित शेजवार, गंजबसौदा से हरिसिंह कक्काजी, लहार से रसाल सिंह, उज्जैन बड़नगर से संजय पटेल (चीकली वाले), बैतूल शहर से योगी खण्डेलवाल, डिंडोरी से दुलीचंद उरैती शामिल हैं। भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी अधिकृत सूची आना बाकी है। बहुत संभव है कि इस सूची से पहले उमा भारती अपने समर्थक प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दें! भाजपा नेतृत्व के खिलाफ अपने समर्थकों को टिकट देने का दबाव सार्वजनिक करके उमा भारती ने भाजपा शासित राज्यों के नेताओं को यह संदेश भी दे दिया है कि पार्टी तब से है, जब अमित शाह कुछ नहीं थे। अमित शाह का इतना भी आतंक नहीं मानें कि ‘मन की बात’ कहने का अधिकार भी भूल जाएं! एक तरफ भाजपा नेतृत्व सारे नाराज क्षत्रपों को एक जाजम पर लाने की कवायद में लगा है… ऐसे में उमा भारती के ये तेवर भाजपा में भूकंप लाने जैसे ही हैं! ऐसा नहीं कि उनकी नाराजी को दूर करने के प्रयास मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नहीं किए। शराब नीति में बदलाव और हाते बंद करने का निर्णय उनके ही दबाव में लिया गया… यह बात अलग है कि अब कलालियों के बाहर सड़कें ही हाता बन गई हैं। साध्वी के करीबी प्रीतम लोधी को विधानसभा चुनाव का टिकट और भतीजे राहुल लोधी को शिवराज मंत्रिमंडल में हाल ही में शामिल किया गया है, लेकिन उनकी नाराजी है… कि कम नहीं हुई है! बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को चित्रकूट में ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया। उमा भारती को बीजेपी ने ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ के कार्यक्रम में नहीं बुलाया तो इस पर उन्होंने अपनी नाराजगी जताई। उमा भारती ने कहा है कि मुझे ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ में बीजेपी ने निमंत्रण देने की औपचारिकता भी नहीं निभाई। हो सकता है कि वे (बीजेपी नेता) घबरा गए हों कि अगर मैं वहां रहूंगी तो पूरी जनता का ध्यान मुझ पर होगा। इसी के चलते नहीं बुलाया होगा! उमा भारती ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे तो डर है कि सरकार बनने के बाद मुझे पूछेंगे या नहीं! उन्होंने पार्टी नेताओं को याद भी दिलाया कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में सरकार बनाने में मदद की तो उन्होंने भी 2003 में बड़ी बहुमत वाली सरकार बनवाई है।

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‘जमना’ फिर बनी मां…दिया तीन शावकों को जन्म‘जमना’ फिर बनी मां…

इंदौर। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में छह महीने के भीतर तीसरी मर्तबा नन्हे शावकों की किलकारियां गूंजीं। सफेद बाघिन सुंदरी और शेरनी मेघा के बाद कल सुबह बाघिन जमना ने तीन शावकों को जन्म दिया। नौ वर्षीय जमना चौथी बार मां बनी है। इन्हें मिलाकर अब चिड़ियाघर में बाघों की संख्या 11 तक पहुंच गई है। रविवार होने की वजह से जमना और नन्हें शावकों को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक, जमना और शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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शुभ संयोग प्रदोष के दिन सावन का आखिरी सोमवार

हिन्दुस्तान मेल, उज्जैन
आज सावन का आखिरी और 8वां सोमवार है। इस बार सोम प्रदोष का संयोग भी बना है। उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज रहा है। तड़के 2.30 बजे मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान महाकाल को भस्म अर्पित कर पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। भांग, चंदन, अबीर के साथ मस्तक पर त्रिपुंड और आभूषण अर्पित किए गए।
दिव्य शृंगार कर भस्म आरती हुई। भस्म आरती के लिए रात 12 बजे से भक्त कतार में लगना शुरू हो गए थे। शाम 4 बजे महाकाल की 8वीं सवारी निकाली जाएगी। भगवान महाकालेश्वर रजत पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में विराजित होंगे। 4 लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री चौहान भी उज्जैन पहुंचेंगे। वे यहां सुबह पहुंचकर सबसे पहले बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे। इसके बाद महाकाल लोक के दूसरे चरण के कार्य को देखने के साथ सप्त ऋषियों की नई मूर्तियों का अनावरण भी कर सकते हैं। ये मूर्तियां इसी महीने मुंबई से बनकर आई हैं। पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता जयवर्द्धन सिंह ने नंदी हाल में बैठकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया।

बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु : महाकालेश्वर मंदिर के पंडित यश गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल को दूध, दही, शहद आदि से पंचामृत पूजन-अभिषेक किया गया, जिसके बाद भांग, सूखे मेवे से भगवान का शृंगार हुआ। जब भगवान साकार रूप में आए तो उनकी भव्य भस्म आरती की गई। यह भस्म आरती महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संतों द्वारा की जाती है। भस्म आरती देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे।
अब करना होगा इंतजार : अब सावन माह के सोमवार के लिए शिव भक्तों को 1 साल तक इंतजार करना पड़ेगा। भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए पहुंचे पूर्व मंत्री जयवर्द्धनसिंह ने भी महाकाल का आशीर्वाद लिया। श्रद्धालु प्रियंका सिंह ने बताया कि भगवान महाकाल की भस्म आरती अद्भुत और भव्य होती है। यहां पर दर्शन करने मात्र से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है।

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नूंह में जहां हिंसा, वहीं फिर ब्रजमंडल यात्रा

नूंह (हरियाणा), एजेंसी। हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद््, सर्वजातीय हिंदू महापंचायत और बजरंग दल के आह्वान पर आज सुबह 11 बजे दोबारा ब्रजमंडल यात्रा निकाली जा रही है। हरियाणा सरकार और नूंह जिला प्रशासन ने इस यात्रा के लिए परमिशन नहीं दी थी। हालांकि, सोमवार सुबह प्रशासन ने नलहरेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए 10-15 साधु-संतों को जाने की अनुमति दे दी। पुलिस के पास इन साधु-संतों की लिस्ट है। इनके अलावा हिंदू संगठन के भी 13 लोगों को परमिशन मिली है। 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें होमगार्ड समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी। विहिप ने ब्रजमंडल यात्रा का शेड्यूल जारी किया है। इसके मुताबिक, सुबह 11 बजे नूंह के नल्हड़ गांव स्थित ऐतिहासिक नलहरेश्वर महादेव मंदिर से जलाभिषेक के साथ यात्रा शुरू होगी। यहां से यात्रा नूंह शहर से गुजरते हुए फिरोजपुर झिरका पहुंचेगी। सिंगार गांव में खत्म होगी। इस दौरान नलहरेश्वर मंदिर और फिरोजपुर झिरका और सिंगार गांव के मंदिर में जलाभिषेक कार्यक्रम होगा। विहिप नेता आलोक कुमार ने बताया कि मेवात का इलाका संवेदनशील है, इसलिए हम 31 जुलाई को हिंसा की वजह से अधूरी रह गई यात्रा को छोटा करेंगे, लेकिन उसे छोड़ेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि पिछली बार जो यात्रा बीच में छूट गई थी, उसे सावन के सोमवार को पूरा करना जरूरी है और आज, यानि 28 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और विश्व हिंदू परिषद के नेता इस यात्रा को लेकर आमने-सामने हैं।

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